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पर्यटकों को लुभाने के लिए सरकार डेवलप करेगी इको पार्क, नियमावली की तैयारियां तेज

पर्यटन स्थलों में आने वाले पर्यटकों की संख्या को देखते हुए राज्य सरकार इसके लिए अलग इको टूरिज्म पार्क बनाने जा रही है. जहां आने वाले सैलानियों को तमाम व्यवस्थाएं मिल पाएंगी.

ईको पार्क डेवलप करेगी सरकार.
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Published : Jun 29, 2019, 7:59 PM IST

देहरादून: हिमालय की गोद में बसे उत्तराखंड को प्रकृति ने कई अनमोल तोहफो से नावजा है. 70 फीसदी वन क्षेत्र वाले इस प्रदेश में कई धार्मिक स्थलों के साथ-साथ अनेकों पर्यटन क्षेत्र हैं. जहां देश-दुनिया से लोग घूमने आते हैं. प्रदेश सरकार भी पर्यटकों को लुभाने के लिए इको टूरिज्म पार्क डेवलप करने की बात कह रही है. शासन स्तर पर जिसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं.

ईको पार्क डेवलप करेगी सरकार.

देवभूमि कहे जाने वाले इस प्रदेश में कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जहां हर साल करीब तीन करोड़ से ज्यादा सैलानी घूमने आते हैं. जिसमें देहरादून, मसूरी, नैनीताल, टिहरी, चकराता, ऋषिकेश और हरिद्वार आदि प्रदेश के मुख्य पर्यटन स्थल हैं. यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या को देखते हुए राज्य सरकार इसके लिए अलग इको टूरिज्म पार्क बनाने जा रही है. जहां आने वाले सैलानियों को तमाम व्यवस्थाएं मिल पाएंगी. इसके साथ ही उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों में इको पार्क टूरिज्म का भी नाम जुड़ जाएगा. जल्द ही शासन इको पार्क की नियमावली भी जारी करने वाला है.


पर्यटन से जुड़ा है आर्थिकी का बड़ा हिस्सा
उत्तराखंड राज्य अपनी भौगोलिक परिस्थितियों के चलते राज्य में आर्थिकी जुटाने के लिए सीमित संसाधनों में सिमटा हुआ है. इन्हीं सीमित संसाधनों में पर्यटन अहम भूमिका निभाता है. प्रदेश की आर्थिकी का एक बड़ा हिस्सा पर्यटन पर टिका हुआ है. यही नहीं प्रदेश के लाखों परिवारों की रोजी रोटी भी पर्यटन पर निर्भर है. यही वजह है कि राज्य सरकार आये दिन नए-नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने में जुटी हुई है.

इको पार्क में मिलेंगी सारी व्यवस्थाएं
वन पंचायत अध्यक्ष विरेंद्र बिष्ट ने इको पार्क को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि इको टूरिज्म बनाने का कॉन्सेप्ट पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए लाया गया है. उन्होंने कहा जहां अधिक संख्या में पर्यटक आते हैं वहां पर इको पार्क बनाया जाना चाहिए ताकि पर्यटकों को सारी सुविधाएं दी जा सकें. उन्होंने कहा कि इको पार्क में ऐसे क्षेत्र को डेवलप किया जाएगा जो सुन्दता, प्रकृति और पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण हो. विरेंद्र बिष्ट ने बताया कि इसके तहत पानी, छायादार और फलदार वृक्ष लगाए जायेंगे. इको टूरिस्म पार्क के नाम पर कई ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है जहां सड़क, पार्किंग, खाने पीने की व्यवस्था के साथ ही प्राकृतिक सुंदरता हो.


प्रदेश के सभी वन प्रभागों में डेवेलोप होंगे इको पार्क
प्रदेश के तीसों वन प्रभागों के वन पंचायत क्षेत्रों में इको टूरिज्म पार्क बनाया जाएगा. इन सभी वन पंचायतों में बनने वाले इको पार्क का काम प्रबंधन वन पंचायतों के सरपंचों की कमेटियां करेंगी. साथ ही शासन जल्द ही प्रदेश स्तर पर इको पार्क के प्रबंधन के लिए नियमावली बना रहा है. जिसके तहत आर्थिक प्रबंधन और संचालन के नियम निहित किये जायेंगे. जिससे वहां के स्थानीय निवासियों को आर्थिक लाभ मिलेगा.

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि इको टूरिज्म में आने वाले समय में महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में उभर कर सामने आएगा. अभी जो टूरिज्म जो लोग देख रहे हैं वो लोग चाहते हैं कि आने वाले समय में प्रकृति और पर्यावरण से जुड़े और पर्यटन स्थल वे लोग देखें. साथ ही उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने की अपार संभावनाए हैं.

देहरादून: हिमालय की गोद में बसे उत्तराखंड को प्रकृति ने कई अनमोल तोहफो से नावजा है. 70 फीसदी वन क्षेत्र वाले इस प्रदेश में कई धार्मिक स्थलों के साथ-साथ अनेकों पर्यटन क्षेत्र हैं. जहां देश-दुनिया से लोग घूमने आते हैं. प्रदेश सरकार भी पर्यटकों को लुभाने के लिए इको टूरिज्म पार्क डेवलप करने की बात कह रही है. शासन स्तर पर जिसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं.

ईको पार्क डेवलप करेगी सरकार.

देवभूमि कहे जाने वाले इस प्रदेश में कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जहां हर साल करीब तीन करोड़ से ज्यादा सैलानी घूमने आते हैं. जिसमें देहरादून, मसूरी, नैनीताल, टिहरी, चकराता, ऋषिकेश और हरिद्वार आदि प्रदेश के मुख्य पर्यटन स्थल हैं. यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या को देखते हुए राज्य सरकार इसके लिए अलग इको टूरिज्म पार्क बनाने जा रही है. जहां आने वाले सैलानियों को तमाम व्यवस्थाएं मिल पाएंगी. इसके साथ ही उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों में इको पार्क टूरिज्म का भी नाम जुड़ जाएगा. जल्द ही शासन इको पार्क की नियमावली भी जारी करने वाला है.


पर्यटन से जुड़ा है आर्थिकी का बड़ा हिस्सा
उत्तराखंड राज्य अपनी भौगोलिक परिस्थितियों के चलते राज्य में आर्थिकी जुटाने के लिए सीमित संसाधनों में सिमटा हुआ है. इन्हीं सीमित संसाधनों में पर्यटन अहम भूमिका निभाता है. प्रदेश की आर्थिकी का एक बड़ा हिस्सा पर्यटन पर टिका हुआ है. यही नहीं प्रदेश के लाखों परिवारों की रोजी रोटी भी पर्यटन पर निर्भर है. यही वजह है कि राज्य सरकार आये दिन नए-नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने में जुटी हुई है.

इको पार्क में मिलेंगी सारी व्यवस्थाएं
वन पंचायत अध्यक्ष विरेंद्र बिष्ट ने इको पार्क को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि इको टूरिज्म बनाने का कॉन्सेप्ट पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए लाया गया है. उन्होंने कहा जहां अधिक संख्या में पर्यटक आते हैं वहां पर इको पार्क बनाया जाना चाहिए ताकि पर्यटकों को सारी सुविधाएं दी जा सकें. उन्होंने कहा कि इको पार्क में ऐसे क्षेत्र को डेवलप किया जाएगा जो सुन्दता, प्रकृति और पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण हो. विरेंद्र बिष्ट ने बताया कि इसके तहत पानी, छायादार और फलदार वृक्ष लगाए जायेंगे. इको टूरिस्म पार्क के नाम पर कई ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है जहां सड़क, पार्किंग, खाने पीने की व्यवस्था के साथ ही प्राकृतिक सुंदरता हो.


प्रदेश के सभी वन प्रभागों में डेवेलोप होंगे इको पार्क
प्रदेश के तीसों वन प्रभागों के वन पंचायत क्षेत्रों में इको टूरिज्म पार्क बनाया जाएगा. इन सभी वन पंचायतों में बनने वाले इको पार्क का काम प्रबंधन वन पंचायतों के सरपंचों की कमेटियां करेंगी. साथ ही शासन जल्द ही प्रदेश स्तर पर इको पार्क के प्रबंधन के लिए नियमावली बना रहा है. जिसके तहत आर्थिक प्रबंधन और संचालन के नियम निहित किये जायेंगे. जिससे वहां के स्थानीय निवासियों को आर्थिक लाभ मिलेगा.

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि इको टूरिज्म में आने वाले समय में महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में उभर कर सामने आएगा. अभी जो टूरिज्म जो लोग देख रहे हैं वो लोग चाहते हैं कि आने वाले समय में प्रकृति और पर्यावरण से जुड़े और पर्यटन स्थल वे लोग देखें. साथ ही उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने की अपार संभावनाए हैं.

Intro:हिमालय की गोद मे बसा उत्तराखंड राज्य को प्रकृति ने कई अनमोल तौफो से नाबाज है। 70 फीसदी वन छेत्र वाले इस प्रदेश में कई धार्मिक स्थलों के साथ-साथ अनेको पर्यटन छेत्र है, जहाँ देश-दुनिया से लोग घूमने आने को लालायित रहते है। और यहाँ के खूबसूरत वादियों को निहारने और शांति की तलाश में लोग भागे चले आते है। तो वही अब राज्य सरकार पर्यटकों को लुभाने के लिए इको टूरिज्म पार्क डेवेलोप करने की बात कह रही है। जिसकी तैयारियां शासन स्तर पर भी चल रही है। 


Body:देवभूमि कहे जाने वाले इस प्रदेश में कई ऐसे पर्यटन स्थल है जहाँ हर साल करीब तीन करोड़ से ज्यादा सैलानी घूमने आते है। जिसमे देहरादून, मसूरी, नैनीताल, टिहरी, चकराता, ऋषिकेश और हरिद्वार आदि प्रदेश की मुख्य पर्यटन स्थाने है। इसके अलग इको टूरिज्म पार्क बनाने जा रही है। जहाँ आने वाले सैलानियों को तमाम व्यवस्थाएं मिल पाएगी, इसके साथ ही उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों में इको पार्क टूरिज्म का भी नाम जुड़ जाएगा। और जल्द ही शासन इको पार्क की नियमावली भी जारी कर देगा। 


पर्यटन से जुड़ा है आर्थिकी का बड़ा हिस्सा......

उत्तराखंड राज्य अपनी भौगोलिक परिस्थितियों के चलते, राज्य में आर्थिकी जुटाने के लिए सीमित संसाधनो में सिमटा हुआ है, इन्ही सीमित संसाधनों में पर्यटन अहम भूमिका निभाता है, और प्रदेश की आर्थिकी का एक बड़ा हिस्सा पर्यटन पर टिका हुआ है। यही नही बल्कि प्रदेश के लाखों परिवारों की रोजी रोटी भी पर्यटन से जुड़ी हुई है। यही वजह है कि राज्य सरकार नए-नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने में जुटी हुई है। 


इको पार्क में मिलेंगी सारी व्यवस्थाएं......

वन पंचायत अध्यक्ष विरेंद्र बिष्ट ने बताया कि इको टूरिज्म बनाने का कॉन्सेप्ट यह है कि वह ऐसी जगह पर बनाया जाएगा जहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और जहां पर्यटक जाना चाह रहा है लेकिन पर्यटक पहुच नही पा रहा है। इसलिए ऐसे क्षेत्र को डेवेलोप करेंगे जो सुन्दता, प्रकृति और पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण हो। इसके साथ ही बताया कि ऐसे जगहों पर पानी, छायादार और फलदार वृक्ष लगाए जायेगें। ऐसे में नया पर्यटन स्थल भी इको टूरिस्म पार्क के नाम पर विकसित हो जाएगा। और इसके लिए ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है जहाँ सड़क, पार्किंग, खाने पीने की व्यवस्था साथ ही पार्क को प्रबंधन करने में कोई दिक्कत न हो इस बात का ध्यान रखा जाएगा। 


प्रदेश के सभी वन प्रभागों में डेवेलोप होंगे इको पार्क......

प्रदेश के तीसो वन प्रभागों के वन पंचायत क्षेत्रो में इको टूरिज़म पार्क बनाया जाएगा। इन सभी वन पंचायतों में बनने वाले इको पार्क के काम करने का प्रबंधन वन पंचायतों के सरपंचों की कमेटियां करेंगी। साथ ही शासन जल्द ही प्रदेश स्तर पर इको पार्क के प्रबंधन के लिए नियमावली बना रही है। जिसके तहत आर्थिक प्रवंधन और संचालन के नियम निहित किये जायेगें। जिससे वह के स्थानीय निवशियो की आर्थिक लाभ भी बढ़ेगी। और यह जगह खासकर उन लोगो के लिए होगी जिसे प्रकृति और पेड पौधों से प्यार है।


वही पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि इको टूरिज्म आने वाले समय मे महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में उभर कर सामने आएगा। अभी जो टूरिज्म जो लोग देख रहे है वो लोग चाहते है कि आने वाले समय मे प्रकृति और पर्यावरण से जुड़ी हुई पर्यटन स्थल होने चाहिए। साथ ही बताया कि उत्तराखंड राज्य में नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने की अपार संभावनाए है। जहाँ प्रकृति और पर्यावरण के बीच बहुत अच्छे से रह सकते है और समय बिता सकते है। 



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