देहरादून: नगर निगम को अब योजनाओं के लिए शासन के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. क्योंकि, नगर निगम को 5 करोड़ तक की योजनाओं की स्वीकृति के अधिकार मिल गए हैं. शहरी विकास विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी करते हुए कहा कि नगर निगमों के पास केंद्रीय वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग और स्वयं की आय की धनराशि के कार्यों को स्वीकृति करने का पूरा अधिकार होगा.
सरकार ने कैबिनेट में नगर निगमों के विकास के लिए अधिकार बढ़ाने का निर्णय लिया था. शहरी विकास विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. जिसके तहत राज्य के नगर निगमों को 5 करोड़ तक की योजनाओं की स्वीकृति के अधिकार मिल गए हैं.
इसी के तहत सरकार ने नगर आयुक्त, महापौर, कार्यकारिणी समिति,नगर निगम बोर्ड के वित्तीय अधिकारों में वृद्धि की है. नगर आयुक्त की अध्यक्षता में वाली पांच सदस्य कमेटी अब नगर निगम में ही योजनाओं का परीक्षण कर स्वीकृति देगी.
यह भी पढ़ेंः पौड़ी कमिश्नरी की गोल्डन जुबली पर बोले- हरीश रावत, नहीं मिला असली अधिकार
पहले एक करोड़ से 5 करोड़ तक की योजनाओं की स्वीकृति प्रमुख सचिव और सचिव स्तर पर गठित विभागीय समिति करती थी लेकिन अब नगर आयुक्त के नेतृत्व वाली 5 सदस्य नगर निगम की समिति इन कार्यों को स्वीकृति देगी. वहीं 5 करोड़ से अधिक की योजना के लिए शासन के वित्त विभाग के नियमों के अनुसार अलग से अनुमति लेनी होगी.
मेयर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि शासन से 5 करोड़ तक के कामों की स्वीकृति मिली है. हमारे कुछ काम बोर्ड के माध्यम से आगे बढ़ाए गए हैं और कुछ काम हमारे 12 करोड़ तक जा रहे हैं. उसके लिए भी हम शासन को भेज रहे हैं क्योंकि हमें जेसीबी और कुछ गाड़ियां खरीदनी हैं साथ ही जितनी जल्दी बजट आएगा उतनी जल्दी हम काम शुरू करेंगे. वहीं छोटे कामों के लिए टेंडर लगने वाले हैं.