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हावड़ा एक्सप्रेस हादसा: शंटिंग के दौरान सामने आई रेलवे की लापरवाही, डिब्बे को ट्रैक पर लाने में कर्मचारियों के छूटे पसीने - हादसा

शंटिंग के दौरान लोको पायलट ने बगैर ब्रेक लगाए कंपार्टमेंट के आखरी डिब्बे को ध्वस्त कर दिया. शाम साढ़े आठ बजे चलने वाली डाउन ट्रेन 3010 के आखिरी कंपार्टमेंट का पटरी से उतर गया

डीरेल हुई दून-हावड़ा एकस्प्रेसय
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Published : Feb 24, 2019, 6:23 AM IST

देहरादून: शनिवार रात देहरादून से हावड़ा जाने वाली दून एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई. जिसके बाद से दून रेलवे एक बार फिर से विवादों में आ गया है. शंटिंग के दौरान लोको पायलट ने बगैर ब्रेक लगाए कंपार्टमेंट के आखरी डिब्बे को ध्वस्त कर दिया. शाम साढ़े आठ बजे चलने वाली डाउन ट्रेन 3010 के आखिरी कंपार्टमेंट का पटरी से उतर गया. जिसके बाद रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मच गई. हालांकि कुछ ही देर बाद सारी व्यवस्थाएं ठीक कर ली गई.

घटना प्लेटफार्म नंबर दो की है. वाशिंग के बाद दून एक्सप्रेस शंटिंग के लिए प्लेटफार्म पर लग रही थी. यह गाड़ी रात आठ बजे दून से रवाना होती है. प्लेटफार्म पर बैक आते हुए ट्रेन रुकी ही नहीं व अंतिम कोच डेड एंड (अंतिम छोर) को तोड़ता हुआ आगे निकल गया.

डीरेल हुई दून-हावड़ा एकस्प्रेसय
पटरी से उतरे आखरी डिब्बे को ट्रैक पर लाने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों के पसीने छूट गए. जैसे ही क्षतिग्रस्त डिब्बे के साथ इंजन को लगाया गया उसी दौरान प्लेटफार्म के ऊपर लगी टीन की छत भी क्षतिग्रस्त हो गई. इस घटना को रेलवे की एक बड़ी लापरवाही माना जा रहा है. हालांकि रेलवे निदेशक हर स्वरूप घटना की गंभीरता को देखते हुए तुरंत स्टेशन पहुंचे. डिब्बे को ट्रैक पर लाने की जद्दोजहद पूरी रात चलती रही. जबकि निदेशक मात्र खानापूर्ति करते हुए इधर-उधर घूमने के थोड़ी देर बाद ही वहां से निकल गये.वहीं देहरादून रेलवे स्टेशन मास्टर की मानें तो इस मामले में गलती ड्राइवर बताई जा रही है. उनके मुताबिक संभावित है कि ड्राइवर के ब्रेक न लगाने की वजह से ये हादसा हुआ है.

देहरादून: शनिवार रात देहरादून से हावड़ा जाने वाली दून एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई. जिसके बाद से दून रेलवे एक बार फिर से विवादों में आ गया है. शंटिंग के दौरान लोको पायलट ने बगैर ब्रेक लगाए कंपार्टमेंट के आखरी डिब्बे को ध्वस्त कर दिया. शाम साढ़े आठ बजे चलने वाली डाउन ट्रेन 3010 के आखिरी कंपार्टमेंट का पटरी से उतर गया. जिसके बाद रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मच गई. हालांकि कुछ ही देर बाद सारी व्यवस्थाएं ठीक कर ली गई.

घटना प्लेटफार्म नंबर दो की है. वाशिंग के बाद दून एक्सप्रेस शंटिंग के लिए प्लेटफार्म पर लग रही थी. यह गाड़ी रात आठ बजे दून से रवाना होती है. प्लेटफार्म पर बैक आते हुए ट्रेन रुकी ही नहीं व अंतिम कोच डेड एंड (अंतिम छोर) को तोड़ता हुआ आगे निकल गया.

डीरेल हुई दून-हावड़ा एकस्प्रेसय
पटरी से उतरे आखरी डिब्बे को ट्रैक पर लाने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों के पसीने छूट गए. जैसे ही क्षतिग्रस्त डिब्बे के साथ इंजन को लगाया गया उसी दौरान प्लेटफार्म के ऊपर लगी टीन की छत भी क्षतिग्रस्त हो गई. इस घटना को रेलवे की एक बड़ी लापरवाही माना जा रहा है. हालांकि रेलवे निदेशक हर स्वरूप घटना की गंभीरता को देखते हुए तुरंत स्टेशन पहुंचे. डिब्बे को ट्रैक पर लाने की जद्दोजहद पूरी रात चलती रही. जबकि निदेशक मात्र खानापूर्ति करते हुए इधर-उधर घूमने के थोड़ी देर बाद ही वहां से निकल गये.वहीं देहरादून रेलवे स्टेशन मास्टर की मानें तो इस मामले में गलती ड्राइवर बताई जा रही है. उनके मुताबिक संभावित है कि ड्राइवर के ब्रेक न लगाने की वजह से ये हादसा हुआ है.
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हावड़ा एक्सप्रेस हादसा: शंटिंग के दौरान सामने आई रेलवे की लापरवाही, डिब्बे को ट्रैक पर लाने में कर्मचारियों के छूटे पसीने

देहरादून: शनिवार रात देहरादून से हावड़ा जाने वाली दून एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई. जिसके बाद से दून रेलवे एक बार फिर  से विवादों में आ गया है. शंटिंग के दौरान लोको पायलट ने बगैर ब्रेक लगाए कंपार्टमेंट के आखरी डिब्बे को ध्वस्त कर दिया. शाम साढ़े आठ बजे चलने वाली डाउन ट्रेन 3010 के आखिरी कंपार्टमेंट का पटरी से उतर गया. जिसके बाद रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मच गई. हालांकि कुछ ही देर बाद सारी व्यवस्थाएं ठीक कर ली गई.



घटना प्लेटफार्म नंबर दो की है. वाशिंग के बाद दून एक्सप्रेस शंटिंग के लिए प्लेटफार्म पर लग रही थी. यह गाड़ी रात आठ बजे दून से रवाना होती है. प्लेटफार्म पर बैक आते हुए ट्रेन रुकी ही नहीं व अंतिम कोच डेड एंड (अंतिम छोर) को तोड़ता हुआ आगे निकल गया. 

पटरी से उतरे आखरी डिब्बे को ट्रैक पर लाने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों के पसीने छूट गए. जैसे ही क्षतिग्रस्त डिब्बे के साथ इंजन को लगाया गया उसी दौरान प्लेटफार्म के ऊपर लगी टीन की छत भी क्षतिग्रस्त हो गई. इस घटना को रेलवे की एक बड़ी लापरवाही माना जा रहा है. हालांकि रेलवे निदेशक हर स्वरूप घटना की गंभीरता को देखते हुए तुरंत स्टेशन पहुंचे. डिब्बे को ट्रैक पर लाने की जद्दोजहद पूरी रात चलती रही. जबकि निदेशक मात्र खानापूर्ति करते हुए इधर-उधर घूमने के थोड़ी देर बाद ही वहां से निकल गये. 

वहीं देहरादून रेलवे स्टेशन मास्टर की मानें तो इस मामले में गलती ड्राइवर बताई जा रही है. उनके मुताबिक संभावित है कि ड्राइवर के ब्रेक न लगाने की वजह से ये हादसा हुआ है.


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