देहरादून: उत्तराखंड के विकास के लिए शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के बीच अहम बिंदुओं पर बातचीत हुई. दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नितिन गडकरी के सामने 17 प्रांतीय मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने और हरिद्वार रिंग रोड को स्वीकृति देने का अनुरोध किया.
यही नहीं मुख्यमंत्री ने 2021 में होने वाले महाकुंभ मेले को देखते हुए हरिद्वार शहर में रिंग रोड के अलावा गंगा नदी पर जगजीतपुर के निकट ढाई किलो मीटर फोरलेन पुल का निर्माण करने की भी जरूरत बताई.
उत्तराखंड में 17 प्रांतीय मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से अनुरोध किया है. इसके अलावा कुंभ में ट्रैफिक के बढ़ने वाले दबाव को देखते हुए भी मुख्यमंत्री ने नितिन गडकरी के सामने हरिद्वार में रिंग रोड को स्वीकृति दिए जाने का भी अनुरोध किया.
आपको बता दें कि रिंग रोड की अनुमानित लंबाई 47 किलोमीटर है जबकि इसमें कुल 1,566 करोड़ रुपए लगने का आंकलन है. रिंग रोड के अलावा ऋषिकेश में बाईपास के लिए भूमि अधिग्रहण की लागत भारत सरकार द्वारा वहन किए जाने की भी मुख्यमंत्री ने बात रखी.
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ऋषिकेश बाईपास में 17 किलोमीटर के भूमि अधिग्रहण की कुल लागत करीब 250 करोड़ मानी जा रही है. जिसे वहन करना उत्तराखंड सरकार के लिए काफी मुश्किल होगा. राज्य द्वारा लगभग 454 करोड़ की योजनाओं के प्रस्ताव केंद्र को भेजे गए हैं.
मुख्यमंत्री रावत ने 454 करोड़ की लागत की कुल 19 अतिथि योजनाओं को भी नितिन गडकरी से जल्द स्वीकृति दिए जाने की मांग की. उत्तराखंड के लिहाज से यह सभी योजनाएं बेहद अहम हैं और खासतौर पर आगामी कुंभ मेले को लेकर हरिद्वार और ऋषिकेश में प्रस्तावित सड़कों को बनाया जाना सरकार की प्राथमिकता में है.
मुख्यमंत्री रावत और नितिन गडकरी के बीच हुई बातचीत के बाद अधिकतर प्रस्तावित योजनाओं के जल्द स्वीकृत होने और पहले से स्वीकृत योजनाओं के जल्द केंद्र की मदद द्वारा शुरू किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है.