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लॉकडाउन में बागेश्वर के खेतों में किसने छेड़े गीत, जानिए पूरी खबर - Women harvesting crop in Dhapolesera

बागेश्वर में इन दिनों खेतों में कुमाऊंनी गीत गाते हुए फसल की कटाई हो रही है. खेतों से निकलते सुर सबको मोह रहे हैं.

फसल कटाई में जुटी महिलाएं
फसल कटाई में जुटी महिलाएं
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Published : Apr 30, 2020, 1:17 PM IST

Updated : Apr 30, 2020, 4:35 PM IST

बागेश्वर: कुमाऊं के पहाड़ी जिलों में इन दिनों फसल कटाई का काम जोरों पर है. पहाड़ की भौगोलिक स्थिति के चलते फसल कटाई में मशीनों का प्रयोग हो पाना सम्भव नहीं है.

इस कारण पहाड़ों में महिलाएं एकजुट होकर फसल कटाई में हाथ बंटाती हैं. बागेश्वर के धपोलासेरा में इन दिनों महिलाएं सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए कुमाऊंनी गीत गाते फसल की कटाई कर रही हैं.

फसल कटाई में जुटी महिलाएं

बता दें कि, पूरे देश में कोरोना संकट से उबरने के लिए लॉकडाउन है. इस दौरान खेती-बाड़ी से जुड़े लोग भी सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखते हुए कृषि कार्य में जुटे हैं. बागेश्वर के धपोलासेरा में इन दिनों महिलाएं फसल कटाई के दौरान एकजुट होकर एक-दूसरे के काम में हाथ बंटा रही हैं. खास बात यह है कि फसल कटाई को मनोरंजक बनाने के लिए महिलाएं कुमाऊंनी लोकगीत गा रही हैं.

पढ़ें- LOCKDOWN: देहरादून कंट्रोल रूम पर लगी शिकायतों की झड़ी, 10 हजार से ज्यादा आए फोन कॉल्स

पहाड़ी क्षेत्रों में खेती के दौरान लोक गायन की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. धान की पौध रोपाई के दौरान हुड़किया बोल की परंपरा इसी का उदाहरण है. कृषि के साथ लोक गायन की सदियों पुरानी परंपर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं के कारण आज भी जीवित है.

बागेश्वर: कुमाऊं के पहाड़ी जिलों में इन दिनों फसल कटाई का काम जोरों पर है. पहाड़ की भौगोलिक स्थिति के चलते फसल कटाई में मशीनों का प्रयोग हो पाना सम्भव नहीं है.

इस कारण पहाड़ों में महिलाएं एकजुट होकर फसल कटाई में हाथ बंटाती हैं. बागेश्वर के धपोलासेरा में इन दिनों महिलाएं सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए कुमाऊंनी गीत गाते फसल की कटाई कर रही हैं.

फसल कटाई में जुटी महिलाएं

बता दें कि, पूरे देश में कोरोना संकट से उबरने के लिए लॉकडाउन है. इस दौरान खेती-बाड़ी से जुड़े लोग भी सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखते हुए कृषि कार्य में जुटे हैं. बागेश्वर के धपोलासेरा में इन दिनों महिलाएं फसल कटाई के दौरान एकजुट होकर एक-दूसरे के काम में हाथ बंटा रही हैं. खास बात यह है कि फसल कटाई को मनोरंजक बनाने के लिए महिलाएं कुमाऊंनी लोकगीत गा रही हैं.

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पहाड़ी क्षेत्रों में खेती के दौरान लोक गायन की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. धान की पौध रोपाई के दौरान हुड़किया बोल की परंपरा इसी का उदाहरण है. कृषि के साथ लोक गायन की सदियों पुरानी परंपर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं के कारण आज भी जीवित है.

Last Updated : Apr 30, 2020, 4:35 PM IST
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