बागेश्वरः बीनातोली-कुंझाली-मजकोट सड़क डामरीकरण का काम पूरा नहीं होने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. इसी कड़ी में आक्रोशित ग्रामीणों ने जिलाधिकारी कार्यालय में प्रदर्शन कर जल्द सड़क डामरीकरण कराने की मांग की. इतना ही नहीं ग्रामीणों ने 10 दिन के भीतर में डामरीकरण का काम शुरू नहीं होने पर आगामी 18 दिसंबर से आंदोलन का ऐलान किया है. साथ ही मजकोट के ग्रामीणों ने आगामी विधानसभा चुनाव (Uttarakhand assembly election 2022) का बहिष्कार करने की चेतावनी दी.
मजकोट के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी कार्यालय में नारेबाजी कर डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा. ग्रामीणों का कहना है कि साल 1997 से वो सड़क की लड़ाई लड़ रहे हैं. शासन ने साल 2004 में 15 किमी लंबे मोटर मार्ग को स्वीकृति प्रदान की थी, जबकि साल 2011 में लोनिवि ने निर्माण कार्य शुरू किया. वहीं, साल 2013-14 में 10 किमी सड़क का कटान भी पूरा हो गया, लेकिन डामरीकरण नहीं हुआ.
ये भी पढ़ेंः रुद्रप्रयाग के इस गांव में दोगुनी कीमत पर पड़ रहा ग्रामीणों को गैस सिलेंडर, जानिए वजह
उनका कहना है कि कई बार विभाग और प्रशासन से मांग करने के बाद साल 2019 में सड़क पीएमजीएसवाई (PMGSY) को हस्तांतरित की गई. सरकार ने मोटर मार्ग के अपग्रेडेशन और डामरीकरण के लिए 931.51 लाख की धनराशि भी आवंटित कर दी थी. निविदा के समय ठेकेदार ने विभाग के खिलाफ टेंडर में धांधली का आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय में मामला दायर कर दिया. जिसके बाद से सड़क का काम ठप पड़ गया है.
सांसद आदर्श ग्राम पंचायत का यह हालः ग्रामीणों ने बताया कि मजकोट गांव कुमाऊं और गढ़वाल की सीमा पर बसा है. वर्तमान में यह सांसद आदर्श ग्राम पंचायत है. बावजूद इसके अब तक गांव को सड़क से नहीं जोड़ा गया है. सड़क नहीं होने से ग्रामीणों को 10 किमी पैदल दूरी तय करनी पड़ती है. मरीजों और गर्भवती महिलाओं को डोली की मदद से लाना पड़ता है.
ग्रामीणों ने दी चुनाव बहिष्कार दी चेतावनीः ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मामले का संज्ञान लेने और जल्द डामरीकरण शुरू करवाने की मांग (majkot villagers demand road asphaltization) की है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर सड़क की समस्या का जल्द निदान नहीं किया गया तो आगामी विधानसभा चुनाव का पूर्ण रूप से बहिष्कार (majkot villagers warn to assembly election boycott) किया जाएगा.