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बागेश्वरः गुलदार के आतंक से निजात के लिए ग्रामीणों का धरना जारी, मनाने पहुंचे अधिकारियों को लौटाया बैरंग - वन विभाग बागेश्वर

बागेश्वर जिले के दुग-नाकुरी क्षेत्र के भूलगांव, स्याकोट, बाफिलागांव, होराली समेत कई गांवों में गुलदार का आतंक से लोगों में खौफ है. गुलदार के आतंक से निजात दिलाने के लिए ग्रामीणों का धरना जारी है.

गुलदार आतंक
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Published : Oct 21, 2019, 10:55 AM IST

बागेश्वरः क्षेत्र के भूलगांव में गुलदार के आतंक से निजात दिलाने के लिए ग्रामीणों का धरना जारी है. नागरिकों के बढ़ते विरोध को देखते हुए प्रशासन भी अब हरकत में आ गया है. इसी क्रम में धरनास्थल पर प्रशासनिक व वन विभाग के अधिकारी ग्रामीणों से वार्ता के लिए पहुंचे, लेकिन प्रशानिक अमले के साथ वार्ता सफल नहीं रही. ग्रामीण अभी भी धरने पर बैठे हुए हैं. वहीं गुलदार को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने के लिए देर शाम एक टीम रेस्क्यू सेंटर रानीबाग से पहुंची गयी है.

गुलदार के आतंक को लेकर ग्रामीणों का धरना जारी.

बागेश्वर जिले के दुग-नाकुरी क्षेत्र के भूलगांव, स्याकोट, बाफिलागांव, होराली समेत कई गांवों में गुलदार का आतंक बना हुआ है. गुलदार एक बच्ची को निवाला बना चुका है. वही इसके बाद गुलदार ने एक बच्ची और एक महिला पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया.

गुलदार शाम होते ही गांव में घूमता हुआ दिखाई दे रहा है. ग्रामीण गुलदार को आदमखोर घोषित करने की मांग को लेकर चार दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं. ग्रामीण रातभर जागकर धरना स्थल पर बैठे हुए हैं.

वहीं ग्रामीणों को मनाने के लिए एसडीएम, तहसीलदार व वन विभाग के अधिकारी धरनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने गुलदार को जल्द पकड़ने का आश्वासन देते हुए धरना समाप्त करने की बात कही, लेकिन ग्रामीणों ने इससे साफ इंकार करते हुए धरना जारी रखने की बात कही.

प्रशासन को ग्रामीणों के आक्रोश के आगे बैरंग वापस लौटना पड़ा. धरने पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता का कहना ही कि प्रशासन और शासन के खिलाफ ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. जल्द से जल्द आदमखोर गुलदार को नरभक्षी घोषित किया जाए.

ऐसा न होने पर उग्र आंदोलन के लिए ग्रामीण बाध्य होंगे. जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी. वहीं पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण ने धरनास्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों की जायज मांगों का समर्थन किया.

उन्होंने राज्य सरकार और जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि जनता की उपेक्षा की जा रही है. गुलदार जनता के लिए खतरा बना हुआ है. इतना लम्बा समय बीत जाने के बाद भी गुलदार को नरभक्षी घोषित नहीं किया गया है.

यह भी पढ़ेंः एयर फोर्स की कैंटीन से सामान दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला गिरफ्तार, भेजा गया जेल

उन्होंने कहा कि रानीबाग से रेस्क्यू टीम पहुंची है जबकि घटना के दूसरे दिन ही रेस्क्यू टीम को क्षेत्र में भेज दिया जाना चाहिए था. वहीं देर शाम रानीबाग रेस्क्यू सेंटर से अपनी टीम के साथ भूलगांव पहुंचे डॉ. हिमांशु पांगती ने बताया कि गुलदार को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने के लिए वे यहां आए हैं, जिसके लिए सबसे पहले उन्होंने यहां लगाए गए पिंजरों की लोकेशन बदली है.

पिजरों में शिकार भी लगाया गया है. गुलदार की गतिविधि को ट्रैक किया जाएगा. जैसे ही वह हमारी रेंज में होगा उसे ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने का पूरा प्रयास किया जाएगा.

बागेश्वरः क्षेत्र के भूलगांव में गुलदार के आतंक से निजात दिलाने के लिए ग्रामीणों का धरना जारी है. नागरिकों के बढ़ते विरोध को देखते हुए प्रशासन भी अब हरकत में आ गया है. इसी क्रम में धरनास्थल पर प्रशासनिक व वन विभाग के अधिकारी ग्रामीणों से वार्ता के लिए पहुंचे, लेकिन प्रशानिक अमले के साथ वार्ता सफल नहीं रही. ग्रामीण अभी भी धरने पर बैठे हुए हैं. वहीं गुलदार को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने के लिए देर शाम एक टीम रेस्क्यू सेंटर रानीबाग से पहुंची गयी है.

गुलदार के आतंक को लेकर ग्रामीणों का धरना जारी.

बागेश्वर जिले के दुग-नाकुरी क्षेत्र के भूलगांव, स्याकोट, बाफिलागांव, होराली समेत कई गांवों में गुलदार का आतंक बना हुआ है. गुलदार एक बच्ची को निवाला बना चुका है. वही इसके बाद गुलदार ने एक बच्ची और एक महिला पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया.

गुलदार शाम होते ही गांव में घूमता हुआ दिखाई दे रहा है. ग्रामीण गुलदार को आदमखोर घोषित करने की मांग को लेकर चार दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं. ग्रामीण रातभर जागकर धरना स्थल पर बैठे हुए हैं.

वहीं ग्रामीणों को मनाने के लिए एसडीएम, तहसीलदार व वन विभाग के अधिकारी धरनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने गुलदार को जल्द पकड़ने का आश्वासन देते हुए धरना समाप्त करने की बात कही, लेकिन ग्रामीणों ने इससे साफ इंकार करते हुए धरना जारी रखने की बात कही.

प्रशासन को ग्रामीणों के आक्रोश के आगे बैरंग वापस लौटना पड़ा. धरने पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता का कहना ही कि प्रशासन और शासन के खिलाफ ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. जल्द से जल्द आदमखोर गुलदार को नरभक्षी घोषित किया जाए.

ऐसा न होने पर उग्र आंदोलन के लिए ग्रामीण बाध्य होंगे. जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी. वहीं पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण ने धरनास्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों की जायज मांगों का समर्थन किया.

उन्होंने राज्य सरकार और जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि जनता की उपेक्षा की जा रही है. गुलदार जनता के लिए खतरा बना हुआ है. इतना लम्बा समय बीत जाने के बाद भी गुलदार को नरभक्षी घोषित नहीं किया गया है.

यह भी पढ़ेंः एयर फोर्स की कैंटीन से सामान दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला गिरफ्तार, भेजा गया जेल

उन्होंने कहा कि रानीबाग से रेस्क्यू टीम पहुंची है जबकि घटना के दूसरे दिन ही रेस्क्यू टीम को क्षेत्र में भेज दिया जाना चाहिए था. वहीं देर शाम रानीबाग रेस्क्यू सेंटर से अपनी टीम के साथ भूलगांव पहुंचे डॉ. हिमांशु पांगती ने बताया कि गुलदार को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने के लिए वे यहां आए हैं, जिसके लिए सबसे पहले उन्होंने यहां लगाए गए पिंजरों की लोकेशन बदली है.

पिजरों में शिकार भी लगाया गया है. गुलदार की गतिविधि को ट्रैक किया जाएगा. जैसे ही वह हमारी रेंज में होगा उसे ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने का पूरा प्रयास किया जाएगा.

Intro:बागेश्वर।

एंकर- बागेश्वर के भूलगावँ में तेंदुए के आतंक से निजात दिलाने के लिए ग्रामीणों का धरना जारी है। वहीं आज धरना स्थल पर प्रशासनिक अधिकारी व वन विभाग के अधिकारी अनशन पर बैठे ग्रामीणों से वार्ता के लिए पहुंचे लेकिन प्रशानिक अमले के साथ वार्ता सफल नहीं रही। ग्रामीण अभी भी धरने पर बैठे हुए हैं। वहीं तेंदुए को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने के लिए आज देर शाम एक टीम रेस्क्यू सेंटर रानीबाग से पहुंची गयी है।

वीओ- बागेश्वर जिले के दुग-नाकुरी क्षेत्र के भूलगावँ, स्याकोट, बाफिलागावँ, होराली समेत कई गांवों में तेंदुए का आतंक बना हुआ है। तेंदुआ एक बच्ची को निवाला बना चुका है वही इसके बाद तेंदुए ने एक बच्ची और एक महिला पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। वहीं लगातार तेंदुआ शाम होते ही गावँ में घूमता हुआ दिखाई दे रहा है। ग्रामीण तेंदुए को आदमखोर घोषित करने की मांग को लेकर चार दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं। ग्रामीण रातभर जाग कर धरना स्थल पर बैठे हुए हैं। वहीं ग्रामीणों को मनाने के लिए आज एसडीएम, तहसीलदार व वन विभाग के अधिकारी धरना स्थल पर पहुचे। उन्होंने तेंदुए को जल्द पकड़ने का आस्वासन देते हुए धरना समाप्त करने की बात कही। लेकिन ग्रामीणों ने इससे साफ इंकार करते हुए धरना जारी रखने की बात पर अड़े रहे। प्रशासन को ग्रामीणों के आक्रोश के आगे बैरंग वापस लौटना पड़ा। धरने पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता का कहना ही कि प्रशासन और शासन के खिलाफ ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। जल्द से जल्द आदमखोर तेंदुए को नरभक्षी घोषित किया जाए। ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन के लिए ग्रामीण बाध्य होंगे। जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। वहीं पूर्व विधायक कपकोट ललित फर्स्वाण ने धरना स्थल पर पहुंच कर ग्रामीणों की जायज मांगों का समर्थन किया। उन्होंने राज्य सरकार और जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि क्षेत्रीय जनता की उपेक्षा की जा रही है। तेंदुआ क्षेत्रीय जनता के लिए खतरा बना हुआ है इतना लम्बा समय बीत जाने के बाद भी तेंदुए को नरभक्षी घोषित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि आज रानीबाग से रेस्क्यू टीम पहुंची है जबकि घटना के दूसरे दिन ही रेस्क्यू टीम को क्षेत्र में भेज दिया जाना चाहिए था। ये लापरवाही नहीं तो और क्या है। वहीं आज देर शाम रानीबाग रेस्क्यू सेंटर से अपनी टीम के साथ भूलगावँ पहुंचे डॉ. हिमांशु पांगती ने बताया कि तेंदुए को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने के लिए वे यहां आए हैं। जिसके लिए सबसे पहले उन्होंने यहां लगाए गए पिंजरों की लोकेशन बदली है। पिजरों में शिकार भी लगाया गया है। तेंदुए की गतिविधि को ट्रैक किया जाएगा। जैसे ही वह हमारी रेंज में होगा उसे ट्रेंकुलाइजर गन से ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने का पूरा प्रयास किया जाएगा।

बाईट 01- नरेंद्र भौर्याल, आंदोलनकारी एवं सामाजिक कार्यकर्ता।
बाईट 02- ललित फर्स्वाण, पूर्व विधायक कपकोट।
बाईट 03- डॉ. हिमांशु पांगती, रेस्क्यू टीम लीडर।Body:वीओ- बागेश्वर जिले के दुग-नाकुरी क्षेत्र के भूलगावँ, स्याकोट, बाफिलागावँ, होराली समेत कई गांवों में तेंदुए का आतंक बना हुआ है। तेंदुआ एक बच्ची को निवाला बना चुका है वही इसके बाद तेंदुए ने एक बच्ची और एक महिला पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। वहीं लगातार तेंदुआ शाम होते ही गावँ में घूमता हुआ दिखाई दे रहा है। ग्रामीण तेंदुए को आदमखोर घोषित करने की मांग को लेकर चार दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं। ग्रामीण रातभर जाग कर धरना स्थल पर बैठे हुए हैं। वहीं ग्रामीणों को मनाने के लिए आज एसडीएम, तहसीलदार व वन विभाग के अधिकारी धरना स्थल पर पहुचे। उन्होंने तेंदुए को जल्द पकड़ने का आस्वासन देते हुए धरना समाप्त करने की बात कही। लेकिन ग्रामीणों ने इससे साफ इंकार करते हुए धरना जारी रखने की बात पर अड़े रहे। प्रशासन को ग्रामीणों के आक्रोश के आगे बैरंग वापस लौटना पड़ा। धरने पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता का कहना ही कि प्रशासन और शासन के खिलाफ ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। जल्द से जल्द आदमखोर तेंदुए को नरभक्षी घोषित किया जाए। ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन के लिए ग्रामीण बाध्य होंगे। जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। वहीं पूर्व विधायक कपकोट ललित फर्स्वाण ने धरना स्थल पर पहुंच कर ग्रामीणों की जायज मांगों का समर्थन किया। उन्होंने राज्य सरकार और जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि क्षेत्रीय जनता की उपेक्षा की जा रही है। तेंदुआ क्षेत्रीय जनता के लिए खतरा बना हुआ है इतना लम्बा समय बीत जाने के बाद भी तेंदुए को नरभक्षी घोषित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि आज रानीबाग से रेस्क्यू टीम पहुंची है जबकि घटना के दूसरे दिन ही रेस्क्यू टीम को क्षेत्र में भेज दिया जाना चाहिए था। ये लापरवाही नहीं तो और क्या है। वहीं आज देर शाम रानीबाग रेस्क्यू सेंटर से अपनी टीम के साथ भूलगावँ पहुंचे डॉ. हिमांशु पांगती ने बताया कि तेंदुए को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने के लिए वे यहां आए हैं। जिसके लिए सबसे पहले उन्होंने यहां लगाए गए पिंजरों की लोकेशन बदली है। पिजरों में शिकार भी लगाया गया है। तेंदुए की गतिविधि को ट्रैक किया जाएगा। जैसे ही वह हमारी रेंज में होगा उसे ट्रेंकुलाइजर गन से ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने का पूरा प्रयास किया जाएगा।

बाईट 01- नरेंद्र भौर्याल, आंदोलनकारी एवं सामाजिक कार्यकर्ता।
बाईट 02- ललित फर्स्वाण, पूर्व विधायक कपकोट।
बाईट 03- डॉ. हिमांशु पांगती, रेस्क्यू टीम लीडर।Conclusion:
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