देहरादून/बागेश्वरः शिक्षक दिवस 2022 (Teachers Day 2022) के मौके पर राजभवन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रि) गुरमीत सिंह और शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने शिरकत की. इस दौरान राज्यपाल गुरमीत सिंह ने 41 शिक्षक और शिक्षिकाओं को शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार (Shailesh Matiani State Educational Award) से सम्मानित किया. साथ ही उन्हें प्रशस्ति पत्र भी दिया. उधर, बागेश्वर जिले में 17 उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया गया.
उत्तराखंड में शिक्षक दिवस के मौके पर आज कई शिक्षकों को सम्मानित किया गया. ये वो शिक्षक थे, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम किया. इसी कड़ी में राजभवन में राज्यपाल गुरमीत सिंह ने शिक्षकों को सम्मानित (Governor Gurmit Singh Honored Teachers) करते हुए उन्हें बेहतर शिक्षण कार्य के लिए बधाई दी. इस दौरान राज्यपाल गुरजीत सिंह (Uttarakhand Governor Gurmit Singh) ने कहा कि पुरस्कार प्राप्त करने के बाद शिक्षकों की जिम्मेदारी अब और भी ज्यादा बढ़ गई है. उन्हें अपनी जिम्मेदारी को पूरी गंभीरता के साथ निभानी होगी.
NSS और NCC हो सकती है अनिवार्यः वहीं, शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत (Uttarakhand Education Minister Dhan Singh Rawat) का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य किए जा रहे हैं. शिक्षा के क्षेत्र में और कई तरह के बदलाव किए जाने हैं. ताकि छात्र छात्राओं को बेहतर शिक्षा मिल सके. इसके अलावा एनएसएस (NSS) और एनसीसी (NCC) को 12वीं क्लास तक अनिवार्य करने के बारे में भी विचार मंथन किया जा रहा है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड के दो शिक्षकों को मिला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, राष्ट्रपति मुर्मू ने किया सम्मानित
बागेश्वर में 17 शिक्षक सम्मानितः शिक्षक दिवस पर आज बागेश्वर में जिले के 17 उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया गया. इसके साथ ही हाई स्कूल के तीन और इंटरमीडिएट स्तर के दो विद्यालयों को दीनदयाल उपाध्याय पुरस्कार (Deendayal Upadhyay Award) से भी सम्मानित किया गया. वहीं, उत्तराखंड परिषदीय परीक्षा में प्रदेश स्तर पर आठवां स्थान प्राप्त करने वाले जिले के दो छात्रों को भी सम्मानित किया गया.
शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मुख्य शिक्षा अधिकारी गजेंद्र सिंह सौन ने अध्यापकों का आह्वान किया कि वे अपनी पूर्ण क्षमता के साथ शिक्षा के विकास हेतु और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की पटकथा लिखेंगे. वहीं, डाइट के प्राचार्य शैलेंद्र सिंह धपोला ने डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन पर प्रकाश डाला और उनके शिक्षा संबंधी विचारों को जीवन में उतारने के लिए अध्यापकों को प्रेरित किया. शिक्षक सम्मान से सम्मानित लक्ष्मण कोरंगा ने कहा कि बच्चों का उज्जवल भविष्य बनाना ही हर शिक्षक का लक्ष्य होना चाहिए.
क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस? हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. भारत में शिक्षक दिवस भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan) के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. दरअसल, उन्होंने अपने छात्रों से इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा जताई थी. शिक्षक दिवस मनाने की परंपरा तब शुरू हुई, जब साल 1962 में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन देश के राष्ट्रपति बने.