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उत्तराखंड में दिखा ऊर्जा कर्मचारियों का गुस्सा, जगह-जगह हुए प्रदर्शन

14 सूत्रीय मांगों को लेकर शुरू हुई विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल ऊर्जा संगठनों ने वापस ले ली है. सरकार ने एक माह के भीतर उनके मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है. लेकिन, उससे पहले प्रदेश भर में विभिन्न कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर विरोध जताया.

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Published : Jul 27, 2021, 5:40 PM IST

Dehradun
देहरादून

बागेश्वर/काशीपुर/नैनीताल/हरिद्वार/लक्सरः 26 जुलाई की रात से हड़ताल पर गए विद्युत कर्मचारियों ने हड़ताल वापस ले ली है. ऊर्जा निगम के संयुक्त संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने हड़ताल वापस लेने का ऐलान किया है. बता दें कि अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर रात 12 बजे से ऊर्जा निगम के कर्मचारी प्रदेशव्यापी हड़ताल पर थे. हड़ताल पर जाने से पहले कर्मचारियों की ऊर्जा सचिव सौजन्या और मुख्य सचिव सुखवीर सिंह संधू से भी वार्ता हुई थी. लेकिन ये वार्ता विफल रही.

लेकिन, वार्ता के दौरान प्रदेश भर में ऊर्जा कर्मचारियों की हड़ताल चलती रही. कुमाऊं के बागेश्वर में भी विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन ने भी हड़ताल में हिस्सा लिया और सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि सरकार जल्द पूरा करने का अल्टीमेटम दिया था.

उधर, उधमसिंह नगर के काशीपुर में भी उत्तराखंड उपनल संविदा और सेल्फ हेल्प कर्मचारियों ने 14 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे. इस दौरान कर्मचारियों ने अधिशासी अभियंता कार्यालय पर जमकर प्रदर्शन कर नारेबाजी भी की.

नैनीताल के रामनगर में भी विद्युत कर्मी प्रदेशव्यापी हड़ताल में शामिल हुए. कर्मचारियों ने रामनगर के बिजली घर में ताला जड़ा. इस दौरान अपने बिजली के काम से आने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

ये भी पढ़ेंः सरकार से बातचीत के बाद ऊर्जा संगठनों ने खींचे कदम, हड़ताल ली वापस

हरिद्वार के बहादराबाद क्षेत्र में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने भी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया. सहायक अभियंता विद्युत परीक्षणशाला ग्रामीण बहादराबाद के कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे विद्युत कर्मचारियों का कहना है कि 2017 में एक समझौता हुआ था जिसे आज तक लागू नहीं किया गया.

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखंड गठन के समय केंद्र द्वारा आश्वासन दिया गया था कि यूपी और उत्तराखंड में कर्मचारियों के बीच समानता रहेगी. समान वेतन और समान सुविधाएं रहेंगी. लेकिन सभी आश्वासन हवाई साबित हुए. वहीं, लक्सर में भी विद्युत कर्मचारियों द्वारा हड़ताल की गई. विद्युत कर्मचारी सुबह से ही हड़ताल पर बैठे रहे. इस दौरान विद्युत आपूर्ति बंद रही. आपूर्ति बंद होने से आम लोगों के सामने बेहद परेशानियां हुईं.

बागेश्वर/काशीपुर/नैनीताल/हरिद्वार/लक्सरः 26 जुलाई की रात से हड़ताल पर गए विद्युत कर्मचारियों ने हड़ताल वापस ले ली है. ऊर्जा निगम के संयुक्त संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने हड़ताल वापस लेने का ऐलान किया है. बता दें कि अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर रात 12 बजे से ऊर्जा निगम के कर्मचारी प्रदेशव्यापी हड़ताल पर थे. हड़ताल पर जाने से पहले कर्मचारियों की ऊर्जा सचिव सौजन्या और मुख्य सचिव सुखवीर सिंह संधू से भी वार्ता हुई थी. लेकिन ये वार्ता विफल रही.

लेकिन, वार्ता के दौरान प्रदेश भर में ऊर्जा कर्मचारियों की हड़ताल चलती रही. कुमाऊं के बागेश्वर में भी विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन ने भी हड़ताल में हिस्सा लिया और सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि सरकार जल्द पूरा करने का अल्टीमेटम दिया था.

उधर, उधमसिंह नगर के काशीपुर में भी उत्तराखंड उपनल संविदा और सेल्फ हेल्प कर्मचारियों ने 14 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे. इस दौरान कर्मचारियों ने अधिशासी अभियंता कार्यालय पर जमकर प्रदर्शन कर नारेबाजी भी की.

नैनीताल के रामनगर में भी विद्युत कर्मी प्रदेशव्यापी हड़ताल में शामिल हुए. कर्मचारियों ने रामनगर के बिजली घर में ताला जड़ा. इस दौरान अपने बिजली के काम से आने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

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हरिद्वार के बहादराबाद क्षेत्र में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने भी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया. सहायक अभियंता विद्युत परीक्षणशाला ग्रामीण बहादराबाद के कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे विद्युत कर्मचारियों का कहना है कि 2017 में एक समझौता हुआ था जिसे आज तक लागू नहीं किया गया.

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखंड गठन के समय केंद्र द्वारा आश्वासन दिया गया था कि यूपी और उत्तराखंड में कर्मचारियों के बीच समानता रहेगी. समान वेतन और समान सुविधाएं रहेंगी. लेकिन सभी आश्वासन हवाई साबित हुए. वहीं, लक्सर में भी विद्युत कर्मचारियों द्वारा हड़ताल की गई. विद्युत कर्मचारी सुबह से ही हड़ताल पर बैठे रहे. इस दौरान विद्युत आपूर्ति बंद रही. आपूर्ति बंद होने से आम लोगों के सामने बेहद परेशानियां हुईं.

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