बागेश्वर: एक तरफ प्रदेश सरकार विकास के दावों की ताल ठोकते नहीं थक रही है. वहीं, दूसरी तरफ प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है. इसकी बानगी बागेश्वर में देखी जा सकती है. यहां पर स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से पटरी से उतर चुकी हैं. आलम ये है कि वर्तमान में एक रेडियोलॉजिस्ट से जिला अस्पताल और तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अल्ट्रासाउंड का काम लिया जा रहा है. वो भी 10 दिनों के लिए आकस्मिक अवकाश पर चला गया है, जिसके बाद से अल्ट्रसाउंड की सेवा अब पूरी तरह से ठप हो गई है.
दरअसल, बैजनाथ को छोड़ कर जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कपकोट और कांडा में अल्ट्रासाउंड करने के लिए रेडियोलॉजिस्ट नहीं है. अभी तक बैजनाथ में तैनात रेडियोलॉजिस्ट ही तीनों अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहा था. रेडियोलॉजिस्ट हफ्ते में तीन दिन जिला अस्पताल और बाकी दिन बारी-बारी से तीनों सीएचसी में जाकर अल्ट्रासाउंड करता है. वर्तमान में वह आकस्मिक अवकाश पर चला गया है. ऐसे में इस सभी अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था ठप हो गई है, जिसके कारण मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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वर्तमान में सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को हो रही है. अगर किसी मरीज को अल्ट्रासाउंड कराना है, तो उसे बागेश्वर के अलावा 75 किलोमीटर अल्मोड़ा या फिर 200 किलोमीटर दूर हल्द्वानी जाना पड़ता है. ऐसे में मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं, सीएमएस डॉ. विनोद टम्टा ने बताया कि जिले में दो रेडियोलॉजिस्ट तैनात हैं. एक मातृत्व अवकाश पर चल रही है.
ऐसे में दूसरा रेडियोलॉजिस्ट जिले के अस्पतालों में सेवाएं दे रहा है. लेकिन वर्तमान में वो भी अवकाश पर चला गया है, जिससे व्यवस्था गड़बड़ा गई है. फिलहाल शासन को इस बात से अवगत करा दिया गया है.