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स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और कारगिल शहीद का गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित

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Published : Nov 20, 2019, 6:04 PM IST

Updated : Nov 20, 2019, 11:27 PM IST

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और कारगिल शहीद का गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. महज चार किलोमीटर की सड़क निर्माण के लिये ग्रामीण कई बार आला अधिकारियों से गुहार भी लगा चुके हैं. उनका कहना है कि गांव के कई लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में अहम भूमिका निभाई है.

कारगिल शहीद का गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित

बागेश्वर: देश की आजादी के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और कारगिल शहीद का गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. ग्रामीण पिछले तीन सालों से संबंधित अधिकारियों से गांव को सड़क मार्ग से जोड़ने की मांग कर रहे है. आश्वासनों से परेशान ग्रामीणों ने अब मांग जल्द पूरी न होने पर जनआंदोलन की चेतावनी दी है.

जिले के नैल ग्राम पंचायत के अंतर्गत डुंगरगांव को लोग पिछले तीन सालों से सड़क मार्ग से जोड़ने की मांग कर रहे हैं. महज चार किलोमीटर की सड़क निर्माण के लिये ग्रामीण कई बार आला अधिकारियों से गुहार भी लगा चुके हैं. उनका कहना है कि गांव के कई लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में अहम भूमिका निभाई है.

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और कारगिल शहीद का गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित

ये भी पढ़ें: भूस्खलन से मार्ग बाधित, लोगों को मीलों करना पड़ रहा पैदल सफर

कारगिल युद्ध के दौरान गांव के रमेश सिंह परिहार ने शहादत दी है. ग्रामीणों का आरोप है कि वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिवार हैं, इसलिये अभी तक शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांग के लिये अनुरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि पिछले तीन साल से वे विभागों के चक्कर काट रहे हैं. अधिकारी हर बार आश्वासन देकर गुमराह कर देते हैं. ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि महीने के अंत तक मांग पूरी न होने पर जनआंदोलन करेंगे.

बागेश्वर: देश की आजादी के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और कारगिल शहीद का गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. ग्रामीण पिछले तीन सालों से संबंधित अधिकारियों से गांव को सड़क मार्ग से जोड़ने की मांग कर रहे है. आश्वासनों से परेशान ग्रामीणों ने अब मांग जल्द पूरी न होने पर जनआंदोलन की चेतावनी दी है.

जिले के नैल ग्राम पंचायत के अंतर्गत डुंगरगांव को लोग पिछले तीन सालों से सड़क मार्ग से जोड़ने की मांग कर रहे हैं. महज चार किलोमीटर की सड़क निर्माण के लिये ग्रामीण कई बार आला अधिकारियों से गुहार भी लगा चुके हैं. उनका कहना है कि गांव के कई लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में अहम भूमिका निभाई है.

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और कारगिल शहीद का गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित

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कारगिल युद्ध के दौरान गांव के रमेश सिंह परिहार ने शहादत दी है. ग्रामीणों का आरोप है कि वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिवार हैं, इसलिये अभी तक शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांग के लिये अनुरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि पिछले तीन साल से वे विभागों के चक्कर काट रहे हैं. अधिकारी हर बार आश्वासन देकर गुमराह कर देते हैं. ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि महीने के अंत तक मांग पूरी न होने पर जनआंदोलन करेंगे.

Intro:बागेश्वर।


एंकर- बागेश्वर जिले में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और कारगिल शहीद के गांव की उपेक्षा का बड़ा मामला सामने आया है। ग्रामीण महज चार किलोमीटर की सड़क बनाने के लिये तीन साल से सरकारी दफ्तरों में एड़िया घिस रहे हैं। अफसर हैं कि सुनने को तैयार ही नहीं हैं।

वीओ- देश की आजादी के लिये अपनी जान की बाजी लगाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और कारगिल शहीद का गांव डुंगरगांव आज भी सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। बागेश्वर जिले के नैल ग्राम पंचायत के अंतर्गत डुंगरगांव के ग्रामीण पिछले तीन सालों से उनके डूंगरगांव को सड़क सुविधा से जोड़ने की मांग कर रहे हैं। महज चार किलोमीटर की सड़क निर्माण के लिये ग्रामीण कई बार आला अफसरों से गुहार भी लगा चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव के कई लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में अहम भूमिका निभाई। कारगिल युद्ध के दौरान उनके गांव के रमेश सिंह परिहार ने शहादत दी। ग्रामीणों का आरोप है कि वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिवार हैं इसलिये अभी तक शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांग के लिये अनुरोध कर रहे हैं। पीड़ित ग्रामीणों ने बताया कि डूंगरगांव के ग्रामीण पिछले तीन साल से विभागों के चक्कर काट रहे हैं। अधिकारी हर बार उन्हें कोरे आश्वासन देकर गुमराह कर रहे हैं। ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुये कहा कि यदि इस महीने के अंत तक सड़क को लेकर जमीनी स्तर पर कार्यवाही नहीं की जाती है तो वे जनआंदोलन को बाध्य होंगे।

बाइट-1- किशन सिंह परिहार, ग्रामीण।
बाइट-2- राहुल गोयल, जिलाधिकारी।Body:वीओ- देश की आजादी के लिये अपनी जान की बाजी लगाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और कारगिल शहीद का गांव डुंगरगांव आज भी सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। बागेश्वर जिले के नैल ग्राम पंचायत के अंतर्गत डुंगरगांव के ग्रामीण पिछले तीन सालों से उनके डूंगरगांव को सड़क सुविधा से जोड़ने की मांग कर रहे हैं। महज चार किलोमीटर की सड़क निर्माण के लिये ग्रामीण कई बार आला अफसरों से गुहार भी लगा चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव के कई लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में अहम भूमिका निभाई। कारगिल युद्ध के दौरान उनके गांव के रमेश सिंह परिहार ने शहादत दी। ग्रामीणों का आरोप है कि वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिवार हैं इसलिये अभी तक शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांग के लिये अनुरोध कर रहे हैं। पीड़ित ग्रामीणों ने बताया कि डूंगरगांव के ग्रामीण पिछले तीन साल से विभागों के चक्कर काट रहे हैं। अधिकारी हर बार उन्हें कोरे आश्वासन देकर गुमराह कर रहे हैं। ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुये कहा कि यदि इस महीने के अंत तक सड़क को लेकर जमीनी स्तर पर कार्यवाही नहीं की जाती है तो वे जनआंदोलन को बाध्य होंगे।

बाइट-1- किशन सिंह परिहार, ग्रामीण।
बाइट-2- राहुल गोयल, जिलाधिकारी।Conclusion:
Last Updated : Nov 20, 2019, 11:27 PM IST
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