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बागेश्वर: सरयू नदी के उद्गम स्थल सरमूल सहस्त्रधारा से चली पदयात्रा बागनाथ मंदिर पहुंची

सरयू नदी के उद्गम स्थल सरमूल सहस्त्रधारा से पदयात्रा बाबा बागनाथ मंदिर पहुंची. श्रद्धालुओं ने बागनाथ मंदिर पहुंचकर विधिविधान से भगवान ‌शिव का जलाभिषेक ‌और पूजा अर्चना की.

Bageshwar
बागेश्वर
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Published : Jul 18, 2022, 9:34 PM IST

बागेश्वर: सरमूल, सहस्त्रधारा, भद्रतुंगा विकास समिति के तत्वाधान में सरयू नदी के उद्गम स्थल सरमूल सहस्त्रधारा से पदयात्रा बाबा बागनाथ मंदिर पहुंची. श्रद्धालुओं ने सरमूल से लाए पावन जल से भगवान शिव का जलाभिषेक कर विश्व सुख और शांति का आशीर्वाद मांगा. श्रद्धालुओं ने डीएम रीना जोशी से मिलकर उन्हें मां सरयू का चित्र भेंट किया और क्षेत्र को पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिलाने के लिए सहयोग मांगा.

बता दें, सरमूल से बागेश्वर की पदयात्रा करीब 63 किलोमीटर लंबी रही. 19 जुलाई को यात्री सरमूल से जल लेकर भद्रतुंगा पहुंचे. 17 जुलाई को भद्रतुंगा से कपकोट होते हुए यात्रा देवलचौंरा पहुंची. सोमवार की सुबह देवलचौंरा से हर-हर महादेव के जयकारे लगाते हुए यात्री बागेश्वर पहुंचे. श्रद्धालुओं ने बागनाथ मंदिर पहुंचकर विधिविधान से भगवान ‌शिव का जलाभिषेक ‌और पूजा अर्चना की. इस दौरान मंदिर प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों ने यात्रियों का स्वागत किया.

सरयू नदी के उद्गम स्थल सरमूल सहस्त्रधारा से चली पदयात्रा बागनाथ मंदिर पहुंची
पढ़ें- सावन का पहला सोमवार: सैकड़ों साल पुराना है कुंडी सोटेश्वर महादेव मंदिर, यहीं रुकी थी भोलेनाथ की बारात

भगवान शिव की पूजा अर्चना के बाद पदाधिकारी जिलाधिकारी कार्यालय गए और डीएम को सरमूल और भद्रतुंगा में हो रहे विकास कार्यों की जानकारी दी. समिति ने डीएम से सरयू नदी के उद्गम स्थल को देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में स्थान दिलाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया और क्षेत्र के विकास में सहयोग करने की मांग की.

बागेश्वर: सरमूल, सहस्त्रधारा, भद्रतुंगा विकास समिति के तत्वाधान में सरयू नदी के उद्गम स्थल सरमूल सहस्त्रधारा से पदयात्रा बाबा बागनाथ मंदिर पहुंची. श्रद्धालुओं ने सरमूल से लाए पावन जल से भगवान शिव का जलाभिषेक कर विश्व सुख और शांति का आशीर्वाद मांगा. श्रद्धालुओं ने डीएम रीना जोशी से मिलकर उन्हें मां सरयू का चित्र भेंट किया और क्षेत्र को पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिलाने के लिए सहयोग मांगा.

बता दें, सरमूल से बागेश्वर की पदयात्रा करीब 63 किलोमीटर लंबी रही. 19 जुलाई को यात्री सरमूल से जल लेकर भद्रतुंगा पहुंचे. 17 जुलाई को भद्रतुंगा से कपकोट होते हुए यात्रा देवलचौंरा पहुंची. सोमवार की सुबह देवलचौंरा से हर-हर महादेव के जयकारे लगाते हुए यात्री बागेश्वर पहुंचे. श्रद्धालुओं ने बागनाथ मंदिर पहुंचकर विधिविधान से भगवान ‌शिव का जलाभिषेक ‌और पूजा अर्चना की. इस दौरान मंदिर प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों ने यात्रियों का स्वागत किया.

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भगवान शिव की पूजा अर्चना के बाद पदाधिकारी जिलाधिकारी कार्यालय गए और डीएम को सरमूल और भद्रतुंगा में हो रहे विकास कार्यों की जानकारी दी. समिति ने डीएम से सरयू नदी के उद्गम स्थल को देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में स्थान दिलाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया और क्षेत्र के विकास में सहयोग करने की मांग की.

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