हल्द्वानी/बागेश्वरः हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज के जनरल बिपिन चंद्र जोशी कोविड 19 डीआरडीओ अस्पताल के 114 कर्मचारियों की आज सेवा समाप्त कर दी गई है. जिसके बाद आउटसोर्स कर्मचारियों ने अस्पताल के बाहर प्रदर्शन कर अपनी बहाली की मांग की. कर्मचारियों का कहना है कि वो लैब टेक्नीशियन, वार्ड अटेंडेंट, समेत कई पदों के कर्मचारी हैं, जो पिछले 3 महीने से काम कर रहे हैं. कोरोनाकाल में उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं और अब उन्हें एक झटके में बाहर कर दिया गया है.
आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि कोरोनाकाल में उन्हें डीआरडीओ अस्पताल में काम करने के लिए 3 महीने के लिए रखा गया था. जहां उनसे डीआरडीओ अस्पताल के साथ-साथ सुशीला तिवारी अस्पताल में भी काम लिया गया. उस दौरान उनसे कहा गया था कि डीआरडीओ के अस्पताल खत्म होने के बाद उन्हें सुशीला तिवारी अस्पताल में शामिल कर दिया जाएगा, लेकिन उन्हें बाहर का रास्ता दिखा गया है. जिससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में अपनी मांगों को लेकर वो अपना धरना प्रदर्शन आगे भी जारी रखेंगे.
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क्या बोले मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यः पूरे मामले में राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य अरुण जोशी का कहना है कि शासन के निर्देश पर इन कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से 3 महीने के लिए रखा गया था. जिसकी अवधि 31 मार्च को समाप्त हो गई है. जिसके बाद कर्मचारियों की सेवा को खत्म किया गया है. उन्होंने कहा कि शासन से अगर आदेश होगा तो फिर से उन कर्मचारियों को रखा जाएगा.
बागेश्वर में उपनल कर्मियों ने शुरू किया अनिश्चिकालीन धरनाः बागेश्वर में कोरोनाकाल में उपनल के माध्मय से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत तैनात कर्मचारियों ने सेवा विस्तार की मांग को लेकर अनिश्चतकालीन धरना शुरू कर दिया है. नाराज कर्मचारियों ने उन्हें विभाग में रिक्त पदों पर तैनाती देने की मांग की है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़े कर्मचारी आज कलक्ट्रेट पहुंचे. जहां उन्होंने अपनी मांगों को लेकर धरना दिया.
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि कोरोनाकाल में फार्मासिस्ट, डाटा ऑपरेटर, लैब टैक्निशियन, पर्यावरण मित्र, स्टाफ नर्स की तैनाती की गई. सभी ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया. अब मानदेय बढ़ाने के बजाए उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी हो रही है. यह उनके साथ अन्याय है. उन्होंने अवधि बढ़ाने और विभाग में रिक्त पदों में तैनात करने की मांग की है.