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मनरेगा कार्यों का भुगतान नहीं होने से ग्राम प्रधान नाराज, बायोमैट्रिक उपस्थिति का भी किया विरोध - मनरेगा के कार्यों का भुगतान नहीं हुआ

बागेश्वर जिले में ग्राम प्रधानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनकी पहली मांग है कि मनरेगा के कार्यों का भुगतान किया जाए. साथ ही ग्राम प्रधानों ने श्रमिकों की बायोमैट्रिक उपस्थिति का भी विरोध किया है.

Bageshwar
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Published : Mar 5, 2022, 7:00 PM IST

बागेश्वर: एक साल से मनरेगा के कार्यों का भुगतान न किए जाने और श्रमिकों की बायोमैट्रिक उपस्थिति लिए जाने को लेकर ग्राम प्रधान भड़क गए हैं. प्रधानों ने प्रदर्शनकर नारेबाजी की, साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे 10 मार्च के बाद विकासखंड कार्यालय में तालाबंदी कर उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे.

ग्राम प्रधान संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष रविशंकर बिष्ट की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में ग्राम प्रधानों ने कहा कि पिछले एक साल से मनरेगा के अंतर्गत किए गए कार्यों की मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है. इससे दैनिक कार्य करने वाले मजदूरों को रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है. प्रधानों ने कहा कि भुगतान न हो पाने के कारण दुकानदार उन्हें सामग्री नहीं दे रहे हैं, जिससे गांवों के विकास कार्य रुक गए हैं. वहीं स्टीमेट समय पर नहीं बन रहे हैं और न ही कर्मचारी मस्टराल निकाल रहे हैं.
पढ़ें- हरिद्वार: दवा कंपनी में कंप्रेसर फटने से बड़ा धमाका, बाल-बाल बचे कर्मचारी

प्रधानों ने हाल में ही केंद्र सरकार द्वारा मजदूरों की बायोमैट्रिक उपस्थिति और ग्राम पंचायतों में रखे जाने वाले मेट का पुरजोर विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार का मूर्खतापूर्ण आदेश है, क्योंकि उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति ठीक नहीं है. यहां यह सिस्टम सफल नहीं हो सकता. प्रधानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे आगामी 10 मार्च के बाद विकासखंड कार्यालय में तालाबंदी कर उग्र आंदोलन शुरू कर देंगे। इस दौरान दर्जनों ग्राम प्रधान मौजूद थे.

बागेश्वर: एक साल से मनरेगा के कार्यों का भुगतान न किए जाने और श्रमिकों की बायोमैट्रिक उपस्थिति लिए जाने को लेकर ग्राम प्रधान भड़क गए हैं. प्रधानों ने प्रदर्शनकर नारेबाजी की, साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे 10 मार्च के बाद विकासखंड कार्यालय में तालाबंदी कर उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे.

ग्राम प्रधान संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष रविशंकर बिष्ट की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में ग्राम प्रधानों ने कहा कि पिछले एक साल से मनरेगा के अंतर्गत किए गए कार्यों की मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है. इससे दैनिक कार्य करने वाले मजदूरों को रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है. प्रधानों ने कहा कि भुगतान न हो पाने के कारण दुकानदार उन्हें सामग्री नहीं दे रहे हैं, जिससे गांवों के विकास कार्य रुक गए हैं. वहीं स्टीमेट समय पर नहीं बन रहे हैं और न ही कर्मचारी मस्टराल निकाल रहे हैं.
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प्रधानों ने हाल में ही केंद्र सरकार द्वारा मजदूरों की बायोमैट्रिक उपस्थिति और ग्राम पंचायतों में रखे जाने वाले मेट का पुरजोर विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार का मूर्खतापूर्ण आदेश है, क्योंकि उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति ठीक नहीं है. यहां यह सिस्टम सफल नहीं हो सकता. प्रधानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे आगामी 10 मार्च के बाद विकासखंड कार्यालय में तालाबंदी कर उग्र आंदोलन शुरू कर देंगे। इस दौरान दर्जनों ग्राम प्रधान मौजूद थे.

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