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बागेश्वर: गणेश महोत्सव में दिखती है महाराष्ट्र के संस्कृति की झलक - Organizing Committee

सरयू-गोमती संगम तट पर स्थित बागनाथ मंदिर परिसर में हर साल की तरह इस बार भी गणेश महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. महाराष्ट्र के सांगणी जिले के रहने वाले तीन परिवार करीब 35 वर्षों से जिले में स्वर्णकार का कार्य करते हैं, जो हर साल गणेश महोत्सव धूमधाम से मनाते हैं.

Ganesh Festival in Bagnath Temple
Ganesh Festival in Bagnath Temple
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Published : Sep 12, 2021, 5:27 PM IST

बागेश्वर: महाराष्ट्र में होने वाले गणेश महोत्सव की धूम अब देश के कई राज्यों में देखने को मिलती है. बागेश्वर में भी कई वर्षों से गणेश महोत्सव का आयोजन हो रहा है. बागनाथ मंदिर परिसर में होने वाले इस महोत्सव का आयोजन महाराष्ट्र के स्वर्णकार कराते हैं, जिसके चलते महोत्सव में स्थानीय रीति रिवाजों के साथ महाराष्ट्र के संस्कृति की झलक भी देखने को मिलती है.

महाराष्ट्र के सांगणी जिले के रहने वाले तीन परिवार करीब 35 वर्षों से जिले में स्वर्णकार का कार्य करते हैं. नौ वर्ष पहले इन स्वर्णकारों ने बागनाथ मंदिर परिसर में गणेश महोत्सव मनाने की शुरुआत की थी. धीरे-धीरे महोत्सव को क्षेत्र के लोगों का सहयोग मिला और कुछ ही समय में महोत्सव धूमधाम से मनाया जाने लगा. महोत्सव में स्थानीय कलाकारों के सथ बाहर से भी भजन मंडली शिरकत करने लगी. नौ दिन तक चलने वाले महोत्सव में खासी रौनक होती.

बागनाथ मंदिर में गणेश महोत्सव का आयोजन.

हालांकि, पिछले वर्ष कोरोना काल के बाद महोत्सव को सादगी के साथ मनाया जा रहा है. बावजूद इसके भगवान गणेश के प्रति गहरी आस्था लोगों को महोत्सव स्थल तक खींच ही लाती है. वहीं, आयोजक समिति के सदस्य सुनील रस्तोगी ने बताया कि गणेश महोत्सव महाराष्ट्र का प्रमुख पर्व है. यहां भी उत्सव कराने में लोगों का काफी सहयोग मिलता है. महोत्सव के लिए महाराष्ट्र से ही गणेश भगवान की मूर्ति मंगाई जाती है. पूर्व के वर्षों में विसर्जन के दिन महाराष्ट्र का प्रसिद्ध ढोल भी मंगाया जाता था.

हालांकि, इस वर्ष कोरोना के चलते सादगी से महोत्सव कराया जा रहा है. गणेश महोत्सव का आयोजन कराने के बाद से उत्सव के दौरान यहां भी घर में रहने जैसा अहसास होता है. पहले महोत्सव के दौरान घर की याद आती थी. अब लगता है कि महाराष्ट्र और बागेश्वर में कोई अंतर नहीं है. यहां के लोगों का भी गणेश महोत्सव में काफी सहयोग मिलता है, जिसके चलते हर वर्ष आयोजन बेहद सफल रहता है.

पढ़ें- रात में दिया धरना, सुबह होते ही बंशीधर भगत ने मारी पलटी, दी ये सफाई

महाराष्ट्र के स्वर्णकारों ने गणेश महोत्सव शुरु कराने की पहल की थी. इस आयोजन से अब काफी लोग जुड़ चुके हैं. नगर के सभी स्वर्णकार, व्यापारी, मंदिर समिति मिलकर आयोजन में सहयोग करती है. भारी संख्या में श्रद्धालु भगवान गणेश के दर्शन को आते हैं. यह उत्सव जिले के प्रमुख धार्मिक आयोजनों में शामिल हो चुका है. इस महोत्सव का आयोजन यहां होने से भगवान शिव भी काफी खुश होंगे और हम सभी की मनोकामनाएं जरूर पूरी करेंगे. सुबह शाम भक्तों की यहाँ भारी भीड़ होती है. हालांकि, इस बार कोरोना की वजह से सादगी से मनाया जा रहा है.

बागेश्वर: महाराष्ट्र में होने वाले गणेश महोत्सव की धूम अब देश के कई राज्यों में देखने को मिलती है. बागेश्वर में भी कई वर्षों से गणेश महोत्सव का आयोजन हो रहा है. बागनाथ मंदिर परिसर में होने वाले इस महोत्सव का आयोजन महाराष्ट्र के स्वर्णकार कराते हैं, जिसके चलते महोत्सव में स्थानीय रीति रिवाजों के साथ महाराष्ट्र के संस्कृति की झलक भी देखने को मिलती है.

महाराष्ट्र के सांगणी जिले के रहने वाले तीन परिवार करीब 35 वर्षों से जिले में स्वर्णकार का कार्य करते हैं. नौ वर्ष पहले इन स्वर्णकारों ने बागनाथ मंदिर परिसर में गणेश महोत्सव मनाने की शुरुआत की थी. धीरे-धीरे महोत्सव को क्षेत्र के लोगों का सहयोग मिला और कुछ ही समय में महोत्सव धूमधाम से मनाया जाने लगा. महोत्सव में स्थानीय कलाकारों के सथ बाहर से भी भजन मंडली शिरकत करने लगी. नौ दिन तक चलने वाले महोत्सव में खासी रौनक होती.

बागनाथ मंदिर में गणेश महोत्सव का आयोजन.

हालांकि, पिछले वर्ष कोरोना काल के बाद महोत्सव को सादगी के साथ मनाया जा रहा है. बावजूद इसके भगवान गणेश के प्रति गहरी आस्था लोगों को महोत्सव स्थल तक खींच ही लाती है. वहीं, आयोजक समिति के सदस्य सुनील रस्तोगी ने बताया कि गणेश महोत्सव महाराष्ट्र का प्रमुख पर्व है. यहां भी उत्सव कराने में लोगों का काफी सहयोग मिलता है. महोत्सव के लिए महाराष्ट्र से ही गणेश भगवान की मूर्ति मंगाई जाती है. पूर्व के वर्षों में विसर्जन के दिन महाराष्ट्र का प्रसिद्ध ढोल भी मंगाया जाता था.

हालांकि, इस वर्ष कोरोना के चलते सादगी से महोत्सव कराया जा रहा है. गणेश महोत्सव का आयोजन कराने के बाद से उत्सव के दौरान यहां भी घर में रहने जैसा अहसास होता है. पहले महोत्सव के दौरान घर की याद आती थी. अब लगता है कि महाराष्ट्र और बागेश्वर में कोई अंतर नहीं है. यहां के लोगों का भी गणेश महोत्सव में काफी सहयोग मिलता है, जिसके चलते हर वर्ष आयोजन बेहद सफल रहता है.

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महाराष्ट्र के स्वर्णकारों ने गणेश महोत्सव शुरु कराने की पहल की थी. इस आयोजन से अब काफी लोग जुड़ चुके हैं. नगर के सभी स्वर्णकार, व्यापारी, मंदिर समिति मिलकर आयोजन में सहयोग करती है. भारी संख्या में श्रद्धालु भगवान गणेश के दर्शन को आते हैं. यह उत्सव जिले के प्रमुख धार्मिक आयोजनों में शामिल हो चुका है. इस महोत्सव का आयोजन यहां होने से भगवान शिव भी काफी खुश होंगे और हम सभी की मनोकामनाएं जरूर पूरी करेंगे. सुबह शाम भक्तों की यहाँ भारी भीड़ होती है. हालांकि, इस बार कोरोना की वजह से सादगी से मनाया जा रहा है.

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