बागेश्वरः लंबे समय से आंदोलनरत जिला पंचायत सदस्यों के धरने का असर दिखने लगा है. जिला पंचायत के लेखाकार व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के स्थानांतरण का आदेश कार्यालय को मिला है, जिसे लेकर धरने पर बैठे सभी नौ सदस्यों ने जिला पंचायत पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि जांच की आंच का डर होने पर लगातार स्थानांतरण किए जा रहे हैं.
दरअसल, जिला पंचायत कार्यालय बागेश्वर को पंचायती राज विभाग देहरादून के संयुक्त निदेशक राजीव कुमार नाथ त्रिपाठी की ओर से लेखाकार गोविंद सिंह भौर्याल को तत्काल प्रभाव से नैनीताल में रिक्त लेखाकार पद पर तैनात किया गया है. इसके अलावा जिला पंचायत बागेश्वर में लेखाकार के पद पर गिरीश जोशी को तैनात किया गया है. गिरीश पहले सहायक लेखाकार जिला पंचायत रुद्रप्रयाग में तैनात थे. जिसके बावत आदेश पत्र भी जारी किया गया है.
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जिला पंचायत बागेश्वर के कार्यालय में अनुभागीय मुख्य लिपिक मनोज कर्म्याल को अग्रिम आदेशों तक नोडल अधिकारी, जल जीवन मिशन कार्यालय बागेश्वर में सम्बद्ध किया गया है. इस दौरान उनका वेतन पूर्व की भांति ही जिला पंचायत से देय होने की बात कही गई है. इस आदेश के बाद जिला पंचायत बागेश्वर में हड़कंप मचा हुआ है.
बता दें कि जिला पंचायत सदस्य बीते 46 दिन से आंदोलन पर हैं. सदस्य सीधे तौर पर जिला पंचायत अध्यक्ष पर आरोप मढ़ रहे हैं. जिपं सदस्य वित्तीय अनिमियताओं की जांच, विवेकाधीन कोष रखने, नियोजन समिति के भंग होने के बावजूद भी बजट के आवंटन की जांच की मांग कर रहे हैं.
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी का कहना है कि जिस तरह एक साथ स्थानांतरण किए जा रहे हैं और आगे भी होने की संभावना जताई जा रही है, इससे भ्रष्टाचार की बू आ रही है. बीते 15 जून से लगातार जिला पंचायत परिसर में आंदोलनरत सभी सदस्यों से जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव की वार्ता अब तक तीन बार विफल रही है.
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उन्होंने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव लगातार सदस्यों के साथ-साथ जिला पंचायत के अधिकारी, कर्मचारी व बागेश्वर की जनता को भी गुमराह कर रही है. इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. वहीं, उन्होंने उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है. उधर, जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव ने सभी आरोपों से इनकार किया है.