ETV Bharat / state

लाहुर के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से डॉक्टर नदारद, ग्रामीणों ने जताई नाराजगी - Bageshwar Health Department News

बागेश्वर के लाहुर गांव के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में करीब पांच वर्ष से डॉक्टर नदारद हैं. जिस कारण लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मीलों का सफर तय करना पड़ रहा है.

primary health center
लाहूर के अतिरक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से डॉक्टर नदारद
author img

By

Published : Oct 10, 2021, 9:46 AM IST

Updated : Oct 10, 2021, 10:29 AM IST

बागेश्वर: कपकोट ब्लॉक के दूरस्थ गांव लाहुर के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में करीब पांच वर्ष से डॉक्टर नदारद हैं. चार हजार की आबादी की स्वास्थ्य देखभाल के लिए खोला गया अस्पताल इन दिनों बंद पड़ा हुआ है. अस्पताल बंद होने से लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 15 किमी दूर कपकोट और 40 किमी दूर बागेश्वर आना पड़ रहा है. क्षेत्र के भ्रमण पर पहुंचे कपकोट के कांग्रेस के पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण के समक्ष ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है. विधायक ने डबल इंजन की सरकार पर ग्रामीणों की अनदेखी का आरोप लगाया है.

लाहुर गांव के अस्पताल में तैनात डॉक्टर पांच वर्ष से बगैर अवकाश के नदारद हैं. वर्तमान में डॉक्टर के साथ ही फार्मासिस्ट, वार्ड बॉय, सफाईकर्मी भी अस्पताल में तैनात नहीं हैं. लाहुर के ग्राम प्रधान प्रताप सिंह, क्षेत्र पंचायत सदस्य दिनेश टाकुली ने बताया कि अस्पताल बंद होने से लाहुर के साथ ही परमटी, नीड़नगेला, मिखिलाखलपट्टा के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. कोरोना टीकाकरण के लिए भी लोगों को चार किमी दूर सड़क तक लाना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने क्षेत्र के भ्रमण पर पहुंचे कपकोट के पूर्व विधायक के सामने अस्पताल बंद होने से हो रही दिक्कतों को उठाया. इसके बाद पूर्व विधायक फर्स्वाण ने डीएम व सीएमओ को समस्या से अवगत काराया. उन्होंने कहा कि जल्द अस्पताल की व्यवस्था को सुधारा जाए. उन्होंने ऐसा न होने पर ग्रामीणों को साथ लेकर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

लाहूर के अतिरक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से डॉक्टर नदारद.

पढ़ें: उत्तराखंड विस चुनाव में सरकार को मजबूत करने के लिए भागवत का महामंत्र, हल्द्वानी में महामंथन

मामले में सीएमओ डॉ. सुनीता टम्टा ने बताया कि लाहुर अस्पताल में संविदा पर तैनात डॉक्टर करीब तीन साल से बगैर अवकाश के कार्यस्थल पर नहीं है. डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य महानिदेशक को पत्र भेजा गया है. डेढ़ महीने पहले भी यह मामला उठा था. उद्यमस्थल में दो डॉक्टर थे. एक डॉक्टर को लाहुर के अस्पताल में जाने के निर्देश दिए गए थे. उन्होंने कार्यभार ग्रहण नहीं किया. उन्हें अस्पताल बंद होने की जानकारी मिली, जिसके बाद कपकोट सीएचसी के प्रभारी को निकट के अस्पताल से लाहुर में डॉक्टर तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं. लाहुरखेत अस्पताल से सप्ताह में तीन दिन फार्मासिस्ट को लाहुर अस्पताल जाने के निर्देश दिए गए हैं.

सीएमओ ने बताया कि लाहुर अस्पताल में एक महिला आयुर्वेदिक डॉक्टर हिमानी पंवार तैनात है, वह अवकाश पर हैं. अस्पताल में एएनएम है, लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है.

बागेश्वर: कपकोट ब्लॉक के दूरस्थ गांव लाहुर के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में करीब पांच वर्ष से डॉक्टर नदारद हैं. चार हजार की आबादी की स्वास्थ्य देखभाल के लिए खोला गया अस्पताल इन दिनों बंद पड़ा हुआ है. अस्पताल बंद होने से लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 15 किमी दूर कपकोट और 40 किमी दूर बागेश्वर आना पड़ रहा है. क्षेत्र के भ्रमण पर पहुंचे कपकोट के कांग्रेस के पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण के समक्ष ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है. विधायक ने डबल इंजन की सरकार पर ग्रामीणों की अनदेखी का आरोप लगाया है.

लाहुर गांव के अस्पताल में तैनात डॉक्टर पांच वर्ष से बगैर अवकाश के नदारद हैं. वर्तमान में डॉक्टर के साथ ही फार्मासिस्ट, वार्ड बॉय, सफाईकर्मी भी अस्पताल में तैनात नहीं हैं. लाहुर के ग्राम प्रधान प्रताप सिंह, क्षेत्र पंचायत सदस्य दिनेश टाकुली ने बताया कि अस्पताल बंद होने से लाहुर के साथ ही परमटी, नीड़नगेला, मिखिलाखलपट्टा के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. कोरोना टीकाकरण के लिए भी लोगों को चार किमी दूर सड़क तक लाना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने क्षेत्र के भ्रमण पर पहुंचे कपकोट के पूर्व विधायक के सामने अस्पताल बंद होने से हो रही दिक्कतों को उठाया. इसके बाद पूर्व विधायक फर्स्वाण ने डीएम व सीएमओ को समस्या से अवगत काराया. उन्होंने कहा कि जल्द अस्पताल की व्यवस्था को सुधारा जाए. उन्होंने ऐसा न होने पर ग्रामीणों को साथ लेकर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

लाहूर के अतिरक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से डॉक्टर नदारद.

पढ़ें: उत्तराखंड विस चुनाव में सरकार को मजबूत करने के लिए भागवत का महामंत्र, हल्द्वानी में महामंथन

मामले में सीएमओ डॉ. सुनीता टम्टा ने बताया कि लाहुर अस्पताल में संविदा पर तैनात डॉक्टर करीब तीन साल से बगैर अवकाश के कार्यस्थल पर नहीं है. डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य महानिदेशक को पत्र भेजा गया है. डेढ़ महीने पहले भी यह मामला उठा था. उद्यमस्थल में दो डॉक्टर थे. एक डॉक्टर को लाहुर के अस्पताल में जाने के निर्देश दिए गए थे. उन्होंने कार्यभार ग्रहण नहीं किया. उन्हें अस्पताल बंद होने की जानकारी मिली, जिसके बाद कपकोट सीएचसी के प्रभारी को निकट के अस्पताल से लाहुर में डॉक्टर तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं. लाहुरखेत अस्पताल से सप्ताह में तीन दिन फार्मासिस्ट को लाहुर अस्पताल जाने के निर्देश दिए गए हैं.

सीएमओ ने बताया कि लाहुर अस्पताल में एक महिला आयुर्वेदिक डॉक्टर हिमानी पंवार तैनात है, वह अवकाश पर हैं. अस्पताल में एएनएम है, लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है.

Last Updated : Oct 10, 2021, 10:29 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.