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हरीश ऐठानी की सदस्यता बहाल, कहा- 'सत्य की जीत हुई, बीजेपी ने रचा था षड्यंत्र'

District Panchayat member Harish Aithani की सदस्यता बहाल हो गई है. वित्तीय अनियमितता के आरोप के चलते के हरीश ऐठानी को जिला पंचायत सदस्य का पद गंवाना पड़ा था, लेकिन मामले में हाईकोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत दी और सरकार के सदस्यता समाप्त करने के आदेश को खारिज कर दिया. वहीं, सदस्यता बहाल होने के बाद उन्होंने इसे सत्य की जीत बताया है. साथ ही बीजेपी सरकार को घेरा है.

District Panchayat member Harish Aithani
जिला पंचायत सदस्य हरीश ऐठानी
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 20, 2023, 7:15 PM IST

Updated : Sep 20, 2023, 7:26 PM IST

मीडिया से मुखातिब हुए हरीश ऐठानी

बागेश्वरः हरीश ऐठानी की जिला पंचायत की सदस्यता बहाल हो गई है. यह फैसला पंचायत उपचुनाव नामांकन से ठीक पहले आया है. सदस्यता बहाल होने के बाद हरीश ऐठानी मीडिया से मुखातिब हुए. उन्होंने इसे सत्य की जीत बताया है. उनका कहना है कि सच्चाई परेशान जरूरी हो सकती है, लेकिन उसकी हार नहीं हो सकती है. उन्होंने ये भी कहा कि राजनीतिक द्वेष भावना से उनकी सदस्यता रद्द करने का षड्यंत्र रचा गया. साथ ही सरकार पर लोकतांत्रिक शक्तियों के हनन का आरोप भी लगाया.

District Panchayat member Harish Aithani
सदस्यता बहाल होने पर हरीश ऐठानी को मिठाई खिलाते समर्थक

गौर हो कि बागेश्वर जिले के शामा के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने अपनी सदस्यता की बहाली को लेकर 18 अक्टूबर को नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. जिस पर 19 सितंबर को सुनवाई हुई और कोर्ट ने उनकी सदस्यता समाप्त करने के शासन के फैसले को नियमानुसार न मानते हुए रद्द कर दिया. हरीश ऐठानी पर साल 2014 से 2019 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रहते हुए वित्तीय अनियमितताएं करने के आरोप थे. उसके बाद उन्होंने शामा क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की.

District Panchayat member Harish Aithani
हरीश ऐठानी की सदस्यता बहाल

इन शिकायतों के आधार पर शासन ने मई 2023 में उनकी जिला पंचायत सदस्यता रद्द करने की घोषणा कर दी. हरीश ऐठानी ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी. इस मामले में कोर्ट ने पिछले हफ्ते सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया था. जिस पर मंगलवार यानी 19 सितंबर को न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने हरीश ऐठानी की सदस्यता समाप्त करने संबंधी आदेश को नियम विरुद्ध पाते हुए खारिज कर दिया.
संबंधित खबरें पढ़ेंः नैनीताल हाईकोर्ट से सरकार को बड़ा झटका, हरीश ऐठानी की बागेश्वर जिला पंचायत सदस्यता होगी बहाल

वहीं, हरीश ऐठानी ने प्रेस वार्ता कर कहा कि उनकी सदस्यता को बीजेपी सरकार ने राजनीतिक द्वेष भावना से रद्द किया था, जिसे लेकर उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जिस पर कोर्ट ने उनके पक्ष में निर्णय देकर दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया. कोर्ट का यह निर्णय उन लोगों के लिए भी सबक का काम करेगी, जो लोकतंत्र पर भरोसा नहीं रखते हैं.

Harish Aithani Membership Reinstated
जिला पंचायत सदस्य हरीश ऐठानी

उन्होंने कहा कि उन्हें साल 2014 में जनता ने जिला पंचायत सदस्य के रूप में चुना था. उसके बाद वो जिला पंचायत अध्यक्ष बने. तब उन्हें और उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी समर्थित सदस्य को 10-10 मत मिले थे. बाद में लॉटरी सिस्टम में से वे अध्यक्ष बने, लेकिन हारे हुए सदस्य से उन्होंने कोर्ट तक लड़ाई लड़ी. वहां से उनके पक्ष में निर्णय आया और उन्होंने अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया. बाद में सरकार ने उनके खिलाफ वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया. जिसकी जांच कमिश्नर से लेकर सरकार ने भी कराई, जांच में उन पर लगे आरोप निराधार साबित हुए.

इस मामले में जांच 2018 में पूरी हुई. उन्होंने बताया कि साल 2019 के चुनाव में वो शामा और उनकी पत्नी वंदना बड़ेत सीट से जिला पंचायत सदस्य चुने गए. इससे बीजेपी और उनकी सरकार तिलमिला गई. राजनीतिक द्वेष भावना से उनकी सदस्यता रद करने का षड्यंत्र रचा गया. इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली. जहां से उन्हें न्याय मिला है.
संबंधित खबरें पढ़ेंः सदस्यता जाने के बाद सामने आए हरीश ऐठानी, प्रदीप टम्टा ने बताया बीजेपी की बौखलाहट

उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार का काम सिर्फ जनता के चुने प्रतिनिधियों की सदस्यता खत्म करना रह गया है, लेकिन भारत का लोकतंत्र इतना कमजोर नहीं है, जो उनके मंसूबों को पूरा होने देगा. वहीं, कांग्रेस जिलाध्यक्ष भगवत डसीला ने कहा कि इसमें एक बार फिर लोकतंत्र की जीत हुई है. जिस तरीके से बीजेपी के लोगों ने सरकार की आड़ में अध्यक्ष पदों पर बैठे लोगों को हटाने का काम किया, उन्हें कोर्ट ने करारा जवाब दिया है.

वहींं, पूर्व कपकोट विधायक ललित फर्स्वाण कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी न्यायप्रिय पार्टी है. आज उन्हें न्याय मिला है. वो न्याय पर विश्वास करते हैं. हरीश ऐठानी ने बागेश्वर जिले से लोकतंत्र को जीवित करने में एक मिसाल कायम करने का काम किया है. इस समय सत्ता का दुरुपयोग बीजेपी सरकार कर रही है. जो बेहद निंदनीय है.

मीडिया से मुखातिब हुए हरीश ऐठानी

बागेश्वरः हरीश ऐठानी की जिला पंचायत की सदस्यता बहाल हो गई है. यह फैसला पंचायत उपचुनाव नामांकन से ठीक पहले आया है. सदस्यता बहाल होने के बाद हरीश ऐठानी मीडिया से मुखातिब हुए. उन्होंने इसे सत्य की जीत बताया है. उनका कहना है कि सच्चाई परेशान जरूरी हो सकती है, लेकिन उसकी हार नहीं हो सकती है. उन्होंने ये भी कहा कि राजनीतिक द्वेष भावना से उनकी सदस्यता रद्द करने का षड्यंत्र रचा गया. साथ ही सरकार पर लोकतांत्रिक शक्तियों के हनन का आरोप भी लगाया.

District Panchayat member Harish Aithani
सदस्यता बहाल होने पर हरीश ऐठानी को मिठाई खिलाते समर्थक

गौर हो कि बागेश्वर जिले के शामा के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने अपनी सदस्यता की बहाली को लेकर 18 अक्टूबर को नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. जिस पर 19 सितंबर को सुनवाई हुई और कोर्ट ने उनकी सदस्यता समाप्त करने के शासन के फैसले को नियमानुसार न मानते हुए रद्द कर दिया. हरीश ऐठानी पर साल 2014 से 2019 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रहते हुए वित्तीय अनियमितताएं करने के आरोप थे. उसके बाद उन्होंने शामा क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की.

District Panchayat member Harish Aithani
हरीश ऐठानी की सदस्यता बहाल

इन शिकायतों के आधार पर शासन ने मई 2023 में उनकी जिला पंचायत सदस्यता रद्द करने की घोषणा कर दी. हरीश ऐठानी ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी. इस मामले में कोर्ट ने पिछले हफ्ते सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया था. जिस पर मंगलवार यानी 19 सितंबर को न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने हरीश ऐठानी की सदस्यता समाप्त करने संबंधी आदेश को नियम विरुद्ध पाते हुए खारिज कर दिया.
संबंधित खबरें पढ़ेंः नैनीताल हाईकोर्ट से सरकार को बड़ा झटका, हरीश ऐठानी की बागेश्वर जिला पंचायत सदस्यता होगी बहाल

वहीं, हरीश ऐठानी ने प्रेस वार्ता कर कहा कि उनकी सदस्यता को बीजेपी सरकार ने राजनीतिक द्वेष भावना से रद्द किया था, जिसे लेकर उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जिस पर कोर्ट ने उनके पक्ष में निर्णय देकर दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया. कोर्ट का यह निर्णय उन लोगों के लिए भी सबक का काम करेगी, जो लोकतंत्र पर भरोसा नहीं रखते हैं.

Harish Aithani Membership Reinstated
जिला पंचायत सदस्य हरीश ऐठानी

उन्होंने कहा कि उन्हें साल 2014 में जनता ने जिला पंचायत सदस्य के रूप में चुना था. उसके बाद वो जिला पंचायत अध्यक्ष बने. तब उन्हें और उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी समर्थित सदस्य को 10-10 मत मिले थे. बाद में लॉटरी सिस्टम में से वे अध्यक्ष बने, लेकिन हारे हुए सदस्य से उन्होंने कोर्ट तक लड़ाई लड़ी. वहां से उनके पक्ष में निर्णय आया और उन्होंने अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया. बाद में सरकार ने उनके खिलाफ वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया. जिसकी जांच कमिश्नर से लेकर सरकार ने भी कराई, जांच में उन पर लगे आरोप निराधार साबित हुए.

इस मामले में जांच 2018 में पूरी हुई. उन्होंने बताया कि साल 2019 के चुनाव में वो शामा और उनकी पत्नी वंदना बड़ेत सीट से जिला पंचायत सदस्य चुने गए. इससे बीजेपी और उनकी सरकार तिलमिला गई. राजनीतिक द्वेष भावना से उनकी सदस्यता रद करने का षड्यंत्र रचा गया. इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली. जहां से उन्हें न्याय मिला है.
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उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार का काम सिर्फ जनता के चुने प्रतिनिधियों की सदस्यता खत्म करना रह गया है, लेकिन भारत का लोकतंत्र इतना कमजोर नहीं है, जो उनके मंसूबों को पूरा होने देगा. वहीं, कांग्रेस जिलाध्यक्ष भगवत डसीला ने कहा कि इसमें एक बार फिर लोकतंत्र की जीत हुई है. जिस तरीके से बीजेपी के लोगों ने सरकार की आड़ में अध्यक्ष पदों पर बैठे लोगों को हटाने का काम किया, उन्हें कोर्ट ने करारा जवाब दिया है.

वहींं, पूर्व कपकोट विधायक ललित फर्स्वाण कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी न्यायप्रिय पार्टी है. आज उन्हें न्याय मिला है. वो न्याय पर विश्वास करते हैं. हरीश ऐठानी ने बागेश्वर जिले से लोकतंत्र को जीवित करने में एक मिसाल कायम करने का काम किया है. इस समय सत्ता का दुरुपयोग बीजेपी सरकार कर रही है. जो बेहद निंदनीय है.

Last Updated : Sep 20, 2023, 7:26 PM IST
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