ETV Bharat / state

कांडा क्षेत्र को विकास खंड बनाए जाने की मांग तेज, आंदोलन की दी चेतावनी

कांडा क्षेत्र को विकास खंड का दर्जा दिए जाने की मांग तेज हो गई है. लोगों का कहना है कि परिसीमन के बाद उनके क्षेत्र में विकास की रफ्तार कम हो गई है. साथ ही जरूरी कामों के लिए उन्हें जिला मुख्यालय का रुख करना पड़ना है. उन्होंने मांग पूरी ना होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : May 12, 2023, 10:10 AM IST

Updated : May 12, 2023, 10:38 AM IST

कांडा क्षेत्र को विकास खंड बनाए जाने की मांग तेज

बागेश्वर: परिसीमन के बाद कांडा क्षेत्र में विकास की गति धीमी पड़ गई है. लोगों को अपने कार्य करने के लिए जिला मुख्यालय बागेश्वर की दूरी नापनी पड़ती है. जिससे लोगों को अधिक धन और समय की बर्बादी होती है. लोगों का कहना है कि कांडा क्षेत्र को विकासखंड का दर्जा मिलना चाहिए, मांग पूरी ना होने पर वो आंदोलन करने को विवश होंगे.

साल 2009 में परिसीमन में विधानसभा का दर्जा खोने के बाद कांडा क्षेत्र के ग्रामीणों को लंबे समय के लिए राजनीति तौर पर हासिये में धकेल दिया गया है. कांडा क्षेत्र के लोगों को विधानसभा में वोटिंग के लिए कपकोट में मिला दिया गया और विकास खंड के चुनावों में वोटिंग के लिए बागेश्वर ब्लॉक में मिला दिया गया. कांडा क्षेत्र के ग्रामीणों के पास ना विधानसभा का दर्जा प्राप्त है, ना विकासखंड का दर्जा प्राप्त है.कांडा क्षेत्र को विकासखंड का दर्जा देने की मांग को लेकर कांडा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने बैठक कर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने की रणनीति तैयार बनाई है.
पढ़ें-देहरादून और मसूरी में पर्यटन को लगेंगे पंख, इको पार्क और पार्किंग को लेकर कवायद तेज

कांडा क्षेत्र के 182 ग्राम पंचायतों वाला क्षेत्र बागेश्वर के विकास खंड के साथ जोड़ा गया है. कांडा क्षेत्र को बागेश्वर विकास खंड से मिला कर कांडा क्षेत्र का विकास प्रभावित हो रहा है. कांडा क्षेत्र को पृथक तरीके से विकासखंड का दर्जा देने की मांग पर गौर नहीं किया जा रहा है. जिसके बाद ग्रामीणों ने विकास खंड की मांग के लिए निर्णायक आंदोलन करने की रणनीति बनायी है.वहीं पूर्व विधायक उमेद सिंह माजिला ने बताया कि विकास खंड को बागेश्वर में स्थापित कर दिया गया. जिससे क्षेत्र के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि मांगों पर गौर नहीं किया गया तो ग्रामीण सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होंगे.

कांडा क्षेत्र को विकास खंड बनाए जाने की मांग तेज

बागेश्वर: परिसीमन के बाद कांडा क्षेत्र में विकास की गति धीमी पड़ गई है. लोगों को अपने कार्य करने के लिए जिला मुख्यालय बागेश्वर की दूरी नापनी पड़ती है. जिससे लोगों को अधिक धन और समय की बर्बादी होती है. लोगों का कहना है कि कांडा क्षेत्र को विकासखंड का दर्जा मिलना चाहिए, मांग पूरी ना होने पर वो आंदोलन करने को विवश होंगे.

साल 2009 में परिसीमन में विधानसभा का दर्जा खोने के बाद कांडा क्षेत्र के ग्रामीणों को लंबे समय के लिए राजनीति तौर पर हासिये में धकेल दिया गया है. कांडा क्षेत्र के लोगों को विधानसभा में वोटिंग के लिए कपकोट में मिला दिया गया और विकास खंड के चुनावों में वोटिंग के लिए बागेश्वर ब्लॉक में मिला दिया गया. कांडा क्षेत्र के ग्रामीणों के पास ना विधानसभा का दर्जा प्राप्त है, ना विकासखंड का दर्जा प्राप्त है.कांडा क्षेत्र को विकासखंड का दर्जा देने की मांग को लेकर कांडा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने बैठक कर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने की रणनीति तैयार बनाई है.
पढ़ें-देहरादून और मसूरी में पर्यटन को लगेंगे पंख, इको पार्क और पार्किंग को लेकर कवायद तेज

कांडा क्षेत्र के 182 ग्राम पंचायतों वाला क्षेत्र बागेश्वर के विकास खंड के साथ जोड़ा गया है. कांडा क्षेत्र को बागेश्वर विकास खंड से मिला कर कांडा क्षेत्र का विकास प्रभावित हो रहा है. कांडा क्षेत्र को पृथक तरीके से विकासखंड का दर्जा देने की मांग पर गौर नहीं किया जा रहा है. जिसके बाद ग्रामीणों ने विकास खंड की मांग के लिए निर्णायक आंदोलन करने की रणनीति बनायी है.वहीं पूर्व विधायक उमेद सिंह माजिला ने बताया कि विकास खंड को बागेश्वर में स्थापित कर दिया गया. जिससे क्षेत्र के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि मांगों पर गौर नहीं किया गया तो ग्रामीण सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होंगे.

Last Updated : May 12, 2023, 10:38 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.