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बागेश्वरः सरयू-गोमती संगम पर पानी में खड़े हो कर करना पड़ रहा शवदाह

बागेश्वर में सरयू-गोमती नदी के संगम पर लोगों को शवों के अंतिम संस्कार करने में भारी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है. लोगों को यह परेशानी घाट पर पानी की जलभराव की वजह से हो रही है. लोगों ने प्रशासन से कई बार घाट पर पानी के प्रवाह को माड़ने की मांग की है लेकिन स्थिति नहीं सुधरी है.

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Published : Nov 17, 2019, 10:17 AM IST

saryu gomti sangam

बागेश्वर: सरयू-गोमती नदी के संगम पर जलभराव के चलते लोगों को शवों के दाह संस्कार करने में दिक्कतें हो रही हैं. लोग प्रशासन से कई बार पानी के प्रवाह को घाट के दूसरी तरफ करने की मांग कर चुके हैं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है.

लोगों को पानी में खड़े हो कर करना पड़ रहा शवदाह

दरअसल, बागेश्वर में बागनाथ मंदिर के पास सरयू-गोमती नदी के संगम पर शव के अंतिम संस्कार के लिए लोग यहां पहुंचते हैं. लोगों को परेशानी यह है कि घाट पर पानी में खड़े हो कर शव दाह करना पड़ता है. घाट पर पानी का बहाव होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोग कई बार गोमती नदी के बहाव को घाट की दूसरी तरफ मोड़ने की मांग कर चुके हैं, लेकिन इस ओर नगर पालिका द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

पढ़ें- उत्तराखंड में प्रदूषण पर लगेगी लगाम, इन शहरों के लिए तैयार हुई कार्ययोजना

इस मामले में नगर पालिका के ईओ राजदेव जायसी का कहना है कि संगम पर शवदाह गृह बनाया गया है, जिसका उपयोग लोगों द्वारा नहीं किया जा रहा है. हालांकि, इन दिनों शव दाह गृह के पास पानी नहीं होने और गंदगी भरी पड़ी है.

बागेश्वर: सरयू-गोमती नदी के संगम पर जलभराव के चलते लोगों को शवों के दाह संस्कार करने में दिक्कतें हो रही हैं. लोग प्रशासन से कई बार पानी के प्रवाह को घाट के दूसरी तरफ करने की मांग कर चुके हैं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है.

लोगों को पानी में खड़े हो कर करना पड़ रहा शवदाह

दरअसल, बागेश्वर में बागनाथ मंदिर के पास सरयू-गोमती नदी के संगम पर शव के अंतिम संस्कार के लिए लोग यहां पहुंचते हैं. लोगों को परेशानी यह है कि घाट पर पानी में खड़े हो कर शव दाह करना पड़ता है. घाट पर पानी का बहाव होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोग कई बार गोमती नदी के बहाव को घाट की दूसरी तरफ मोड़ने की मांग कर चुके हैं, लेकिन इस ओर नगर पालिका द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

पढ़ें- उत्तराखंड में प्रदूषण पर लगेगी लगाम, इन शहरों के लिए तैयार हुई कार्ययोजना

इस मामले में नगर पालिका के ईओ राजदेव जायसी का कहना है कि संगम पर शवदाह गृह बनाया गया है, जिसका उपयोग लोगों द्वारा नहीं किया जा रहा है. हालांकि, इन दिनों शव दाह गृह के पास पानी नहीं होने और गंदगी भरी पड़ी है.

Intro:बागेश्वर।

एंकर- बागेश्वर में शवदाह के लिए आने वालों को घाट पर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सरयू- गोमती नदी के संगम पर जलभराव के चलते शवदाह करने में दिक्कतें हो रही हैं। स्थानीय लोग कई बार घाट की ओर हुए पानी का प्रवाह को दूसरी तरफ करने की मांग कर चुके हैं। लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।

वीओ- बागेश्वर में बागनाथ मंदिर के समीप सरयू-गोमती नदी के संगम पर नगरीय क्षेत्र के साथ- साथ दूर-दूर के ग्रामीण क्षेत्रों से शवदाह के लिए लोग यहां पहुंचते हैं। घाट पर पानी मे खड़े हो कर लोगों को शवदाह करना पड़ रहा है। घाट पर पानी का बहाव होने से शवदाह में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोग कई बार गोमती नदी के बहाव को घाट की दूसरी तरफ मोड़ने की मांग कर चुके हैं। लेकिन इस ओर नगर पालिका द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वहीं नगर पालिका के ईओ राजदेव जायसी का कहना है कि संगम पर शवदाह गृह बनाया गया है जिसका उपयोग नहीं हो रहा है। हालांकि संगम पर शवदाह गृह बनाया गया है। लेकिन इन दिनों शवदाह गृह के पास पानी नहीं होने से क्रिया कर्म करने में दिक्कतों के साथ साथ गंदगी भी हो रही है। जिस वजह से केवल बरसात के दिनों में ही नदी का जलस्तर बढ़ने पर शवदाह गृह का प्रयोग किया जाता सकता है।

बाईट 01- राजदेव जायसी, ईओ नगर पालिका।Body:वीओ- बागेश्वर में बागनाथ मंदिर के समीप सरयू-गोमती नदी के संगम पर नगरीय क्षेत्र के साथ- साथ दूर-दूर के ग्रामीण क्षेत्रों से शवदाह के लिए लोग यहां पहुंचते हैं। घाट पर पानी मे खड़े हो कर लोगों को शवदाह करना पड़ रहा है। घाट पर पानी का बहाव होने से शवदाह में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोग कई बार गोमती नदी के बहाव को घाट की दूसरी तरफ मोड़ने की मांग कर चुके हैं। लेकिन इस ओर नगर पालिका द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वहीं नगर पालिका के ईओ राजदेव जायसी का कहना है कि संगम पर शवदाह गृह बनाया गया है जिसका उपयोग नहीं हो रहा है। हालांकि संगम पर शवदाह गृह बनाया गया है। लेकिन इन दिनों शवदाह गृह के पास पानी नहीं होने से क्रिया कर्म करने में दिक्कतों के साथ साथ गंदगी भी हो रही है। जिस वजह से केवल बरसात के दिनों में ही नदी का जलस्तर बढ़ने पर शवदाह गृह का प्रयोग किया जाता सकता है।

बाईट 01- राजदेव जायसी, ईओ नगर पालिका।Conclusion:
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