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बागेश्वर में चरस तस्करी का मामला, कोर्ट से सुनाई 10 साल की सजा - Court sentenced to 10 years

बागेश्वर में चरस तस्करी के मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है. कोर्ट ने मामले में अभियुक्त को 10 साल की सजा सुनाई है. साथ ही अर्थदंड भी लगाया है.

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बागेश्वर में चरस तस्करी का मामला
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Published : Oct 30, 2022, 4:53 PM IST

खटीमा: विशेष सत्र न्यायाधीश की अदालत ने चरस तस्करी के मामले में एक अभियुक्त को दस साल की कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही एक लाख का अर्थदंड भी लगाया गया है. अर्थदंड जमा नहीं करने पर दो साल की अतिरिक्त करावास भुगतने की भी सजा सुनाई गई है.

घटनाक्रम के अनुसार 25 दिसंबर 2020 को कपकोट पुलिस ने गश्त के दौरान भराड़ी से बागेश्वर आ रहे वाहन संख्या यूके-02-टीए- 2013 की चेकिंग की. इस दौरान वाहन में चालक के अलावा दो यात्री आगे और तीन पीछे बैठे थे. चेकिंग के दौरान चालक के सीट के नीचे आसमानी रंग का बैग मिला. इस मामले में जब पुलिस ने चालक से पूछताछ की तो उसने बताया कि बैग में चरस है, उसने बैग खोलकर पुलिस को दिखा भी दिया. इसके बाद पुलिस चालक को थाने में ले गई. चालक ने अपना नाम खीमपाल सिंह पुत्र हीरा सिंह निवासी बोरबलड़ा कपकोट थाना क्षेत्र बताया.

पढे़ं- हल्द्वानी में जोहार संस्कृति की झलक, धरोहर को संजो रहे लोग, देखिए वीडियो

इसके बाद मामला विशेष सत्र न्यायाधीश की अदालत में चला. मामले में अभियोजन की पैरवी जिला शसीकय अधिवक्ता फौजीदारी गोविंद बल्लभ उपाध्याय व सहायक अधिवक्त चंचल पपोला ने की. उन्होंने न्यायालय में कुल बरामदगी और तलाशी से संबंधित गवाह पेश किए. मामले में शनिवार को विशेष सत्र न्ययाधीश शहंसाह मोहम्मद दिलबर दानिश ने गवाहों के बयानों और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य, एफएससी की रिपोर्ट के आधार पर अभुयक्त को दोष सिद्ध पाते हुए दस सल की सजा सुनाई.

खटीमा: विशेष सत्र न्यायाधीश की अदालत ने चरस तस्करी के मामले में एक अभियुक्त को दस साल की कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही एक लाख का अर्थदंड भी लगाया गया है. अर्थदंड जमा नहीं करने पर दो साल की अतिरिक्त करावास भुगतने की भी सजा सुनाई गई है.

घटनाक्रम के अनुसार 25 दिसंबर 2020 को कपकोट पुलिस ने गश्त के दौरान भराड़ी से बागेश्वर आ रहे वाहन संख्या यूके-02-टीए- 2013 की चेकिंग की. इस दौरान वाहन में चालक के अलावा दो यात्री आगे और तीन पीछे बैठे थे. चेकिंग के दौरान चालक के सीट के नीचे आसमानी रंग का बैग मिला. इस मामले में जब पुलिस ने चालक से पूछताछ की तो उसने बताया कि बैग में चरस है, उसने बैग खोलकर पुलिस को दिखा भी दिया. इसके बाद पुलिस चालक को थाने में ले गई. चालक ने अपना नाम खीमपाल सिंह पुत्र हीरा सिंह निवासी बोरबलड़ा कपकोट थाना क्षेत्र बताया.

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इसके बाद मामला विशेष सत्र न्यायाधीश की अदालत में चला. मामले में अभियोजन की पैरवी जिला शसीकय अधिवक्ता फौजीदारी गोविंद बल्लभ उपाध्याय व सहायक अधिवक्त चंचल पपोला ने की. उन्होंने न्यायालय में कुल बरामदगी और तलाशी से संबंधित गवाह पेश किए. मामले में शनिवार को विशेष सत्र न्ययाधीश शहंसाह मोहम्मद दिलबर दानिश ने गवाहों के बयानों और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य, एफएससी की रिपोर्ट के आधार पर अभुयक्त को दोष सिद्ध पाते हुए दस सल की सजा सुनाई.

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