बागेश्वर: प्राधिकरण हटाओ मोर्चा ने जिला विकास प्राधिकरण को लेकर दिए सीएम के बयान पर आपत्ति जताई है. मोर्चा से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार प्राधिकरण लागू करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट का नाम लेकर भ्रम फैला रही है. ऐसे में गलत बयानबाजी के लिए मोर्चा मंगलवार को पत्र लिखकर सीजेआई जस्टिस बोबडे से मुख्यमंत्री की शिकायत करेगा. प्राधिकरण हटाओ मोर्चा के अध्यक्ष प्रमोद मेहता और सचिव पंकज पांडे ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि सरकार नदी तटीय विकास प्राधिकरण को रद्द करने की बात कहकर जनता को गुमराह कर रही है. नदी तटीय विकास प्राधिकरण पहले ही खत्म हो चुका है.
प्रमोद मेहता का कहना है कि बागेश्वर की जनता जिला विकास प्राधिकरण से परेशान है. लोग अपनी ही जमीनों पर मकान नहीं बना पा रहे हैं. ऐसे में नदी तटीय विकास प्राधिकरण को रद्द करने की बात कर जनता को भ्रमित किया जा रहा है. हरिद्वार में भू-माफिया और कई अन्य संगठनों के दबाव में लेंड यूज चेंज किया जा रहा है. जबकि पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों की खेता योग्य जमीनों को महायोजना में शामिल कर दिया गया है. इससे लोग परेशान हैं. मुख्यमंत्री जनता के विरोध से बचने के लिये प्राधिकरण लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दे रहे हैं. जो गलत है और मुख्यमंत्री के इस बयान की सुप्रीम कोर्ट में शिकायत की जाएगी.
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बता दें कि, प्राधिकरण के कड़े नियम और अपनी ही पुश्तैनी जमीन पर निर्माण न कर सकने के कारण बागेश्वर में दो लोग आत्महत्या कर चुके हैं. जिसे लेकर जनता में गहरी नाराजगी पैदा हो रही है.