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कुमाऊं में BSNL के 50 से ज्यादा टॉवर बंद, जानिए क्या है कारण - उत्तराखंड न्यूज

बीएसएनएल पर विद्युत विभाग के करोड़ों रुपये का बकाया है. जिस कारण विद्युत विभाग ने कुमाऊं के बागेश्वर जिले समेत अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत में बीएसएनएल के 50 टॉवरों की विद्युत सप्लाई बंद कर दी है.

कुमाऊं में BSNL के 50 से ज्यादा टॉवर बंद
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Published : Nov 14, 2019, 8:59 AM IST

Updated : Nov 14, 2019, 12:51 PM IST

बागेश्वर: कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्र में बीएसएनएल के 50 से ज्यादा टॉवर बंद हो गये हैं. बीएसएनएल ने लंबे समय से विद्युत विभाग को बिजली बिलों का भुगतान नहीं किया है, जिस कारण टॉवरों को मिलने वाली बिजली सप्लाई काट दी गई है. टॉवर बंद होने से दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों का मोबाइल संपर्क ठप पड़ गया है. जिसकी वजह से ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मदद की गुहार भी लगई है.

पढ़ें:बहला-फुसलाकर करवाई नाबालिग की कोर्ट मैरिज, 3 लोगों पर मुकदमा दर्ज

बता दें कि बीएसएनएल पर विद्युत विभाग के करोड़ों रुपये का बकाया है. जिस कारण विद्युत विभाग ने कुमाऊं के बागेश्वर जिले समेत अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत में बीएसएनएल के 50 टॉवरों की विद्युत सप्लाई बंद कर दी है.

वहीं, करीब एक लाख से अधिक मोबाइल उपभोक्ता सिर्फ बीएसएनएल की सेवा ले रहे हैं, लेकिन इस बीच टॉवरों की बिजली कटने और अन्य तकनीकी खराबी के कारण हर रोज लोग परेशान हो रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बिजली का बिल विभाग की लापरवाही से जमा नहीं हो रहा है और परेशानी उन्हें उठानी पड़ रही है. साथ ही ग्रामीणों ने विभाग से समय पर टॉवर चालू करने की मांग की है.

वहीं, जिलाधिकारी ने बीएसएनएल के टॉवरों की बिजली सप्लाई काटे जाने के मामले को गंभीरता से लिया है. उन्होंने जल्द ही विद्युत विभाग को टॉवरों को सप्लाई और बीएसएनएल विभाग को बिलों का भुगतान करने के निर्देश दिए हैं.

बागेश्वर: कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्र में बीएसएनएल के 50 से ज्यादा टॉवर बंद हो गये हैं. बीएसएनएल ने लंबे समय से विद्युत विभाग को बिजली बिलों का भुगतान नहीं किया है, जिस कारण टॉवरों को मिलने वाली बिजली सप्लाई काट दी गई है. टॉवर बंद होने से दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों का मोबाइल संपर्क ठप पड़ गया है. जिसकी वजह से ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मदद की गुहार भी लगई है.

पढ़ें:बहला-फुसलाकर करवाई नाबालिग की कोर्ट मैरिज, 3 लोगों पर मुकदमा दर्ज

बता दें कि बीएसएनएल पर विद्युत विभाग के करोड़ों रुपये का बकाया है. जिस कारण विद्युत विभाग ने कुमाऊं के बागेश्वर जिले समेत अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत में बीएसएनएल के 50 टॉवरों की विद्युत सप्लाई बंद कर दी है.

वहीं, करीब एक लाख से अधिक मोबाइल उपभोक्ता सिर्फ बीएसएनएल की सेवा ले रहे हैं, लेकिन इस बीच टॉवरों की बिजली कटने और अन्य तकनीकी खराबी के कारण हर रोज लोग परेशान हो रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बिजली का बिल विभाग की लापरवाही से जमा नहीं हो रहा है और परेशानी उन्हें उठानी पड़ रही है. साथ ही ग्रामीणों ने विभाग से समय पर टॉवर चालू करने की मांग की है.

वहीं, जिलाधिकारी ने बीएसएनएल के टॉवरों की बिजली सप्लाई काटे जाने के मामले को गंभीरता से लिया है. उन्होंने जल्द ही विद्युत विभाग को टॉवरों को सप्लाई और बीएसएनएल विभाग को बिलों का भुगतान करने के निर्देश दिए हैं.

Intro:बागेश्वर।

एंकर— कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्र में बीएसएनएल के 50 से ज़्यादा टावर बंद हो गए हैं। बीएसएनएल द्वारा बिद्युत विभाग के बिजली बिलों के करोड़ों रूपयों का भुगतान न किए जाने पर विद्युत विभाग ने बीएसएनएल टॉवरों की सप्लाई काट दी है। टॉवर बंद होने से दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों का संपर्क बाहर से बंद हो गया है। बागेश्वर जिले के पिंडर घाटी समेत दर्जनों ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से इसकी वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है।

वीओ— बीएसएनएल पर विद्युत विभाग की करोड़ों रूपया बकाया होने पर विद्युत विभाग ने कुमाउं में बागेश्वर जिले समेत अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत में बीएसएनएल के 50 टावरों की विद्युत सप्लाई बंद कर दी है। बागेश्वर जिले में विद्युत विभाग का बिल जमा नहीं करने पर विभाग ने बीएसएनएल के हर्षिला, लीती, धूर, रवांईखाल के टॉवरों की विद्युत सप्लाई काट दी है। टॉवर बंद होने से हजारों लोग परेशान हैं। दुर्गम क्षेत्रों में उनका आसरा सिर्फ मोबाइल है जो कि टॉवर बंद होने से ठप्प हो गए हैं। ग्रामीणों को बाहर नौकरी कर रहे अपनों से बात करने के लिए जिला मुख्यालय आना पड़ रहा है।
बीएसएनएल सेवा शहर से लेकर गांव तक लोगों को संचार सुविधा से जोड़े हुए है। करीब एक लाख से अधिक मोबाइल उपभोक्ता सिर्फ बीएसएनएल की सेवा ले रहे हैं, लेकिन इस बीच टावरों की बिजली कटने और अन्य तकनीकी खराबी के कारण हर रोज लोग परेशान हो रहे हैं। ग्रामीणों के मोबाइल फोन शोपीस बन गए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग के छह-छह महीने तथा तीन-तीन महीने के पैकेज ले रखे हैं। बिजली का बिल विभाग की लापरवाही से जमा नहीं हो रहा है। उन्होंने विभाग से समय पर टावर चालू करने की मांग की है।
बीएसएनएल के टॉवरों की बिजली काटे जाने पर ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल बंद हो जाने की बात को जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने विद्युत विभाग को टॉवरों की लाईट जोड़ने के सांथ ही बीएसएनएल विभाग को बिलों का भुगतान करने के निर्देश दिए हैं।

बाईट—1— ग्रामीण
बाईट—2— नवीन परिहार, उपाध्यक्ष जिला पंचायत बागेश्वर
बाईट—3— रंजना राजगुरू, जिलाधिकारी बागेश्वर।

एफवीओ— गौरतलब है कि पहाड़ों में अधिकांश स्थानों पर बीएसएनएल की ही कनेक्टिविटी है। टावरों में बिजली कनेक्शन कटने से एक ओर दुर्गम क्षेत्रों की घटनाओं का पता नहीं लग पा रहा है वहीं कई सरकारी ऑफिसों में काम-काज भी प्रभावित हो गया है। ज्यादातर जगहों पर फोन सिर्फ शो-पीस बनकर रह गए हैं।Body:वीओ— बीएसएनएल पर विद्युत विभाग की करोड़ों रूपया बकाया होने पर विद्युत विभाग ने कुमाउं में बागेश्वर जिले समेत अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत में बीएसएनएल के 50 टावरों की विद्युत सप्लाई बंद कर दी है। बागेश्वर जिले में विद्युत विभाग का बिल जमा नहीं करने पर विभाग ने बीएसएनएल के हर्षिला, लीती, धूर, रवांईखाल के टॉवरों की विद्युत सप्लाई काट दी है। टॉवर बंद होने से हजारों लोग परेशान हैं। दुर्गम क्षेत्रों में उनका आसरा सिर्फ मोबाइल है जो कि टॉवर बंद होने से ठप्प हो गए हैं। ग्रामीणों को बाहर नौकरी कर रहे अपनों से बात करने के लिए जिला मुख्यालय आना पड़ रहा है।
बीएसएनएल सेवा शहर से लेकर गांव तक लोगों को संचार सुविधा से जोड़े हुए है। करीब एक लाख से अधिक मोबाइल उपभोक्ता सिर्फ बीएसएनएल की सेवा ले रहे हैं, लेकिन इस बीच टावरों की बिजली कटने और अन्य तकनीकी खराबी के कारण हर रोज लोग परेशान हो रहे हैं। ग्रामीणों के मोबाइल फोन शोपीस बन गए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग के छह-छह महीने तथा तीन-तीन महीने के पैकेज ले रखे हैं। बिजली का बिल विभाग की लापरवाही से जमा नहीं हो रहा है। उन्होंने विभाग से समय पर टावर चालू करने की मांग की है।
बीएसएनएल के टॉवरों की बिजली काटे जाने पर ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल बंद हो जाने की बात को जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने विद्युत विभाग को टॉवरों की लाईट जोड़ने के सांथ ही बीएसएनएल विभाग को बिलों का भुगतान करने के निर्देश दिए हैं।

बाईट—1— ग्रामीण
बाईट—2— नवीन परिहार, उपाध्यक्ष जिला पंचायत बागेश्वर
बाईट—3— रंजना राजगुरू, जिलाधिकारी बागेश्वर।

एफवीओ— गौरतलब है कि पहाड़ों में अधिकांश स्थानों पर बीएसएनएल की ही कनेक्टिविटी है। टावरों में बिजली कनेक्शन कटने से एक ओर दुर्गम क्षेत्रों की घटनाओं का पता नहीं लग पा रहा है वहीं कई सरकारी ऑफिसों में काम-काज भी प्रभावित हो गया है। ज्यादातर जगहों पर फोन सिर्फ शो-पीस बनकर रह गए हैं।Conclusion:एफवीओ— गौरतलब है कि पहाड़ों में अधिकांश स्थानों पर बीएसएनएल की ही कनेक्टिविटी है। टावरों में बिजली कनेक्शन कटने से एक ओर दुर्गम क्षेत्रों की घटनाओं का पता नहीं लग पा रहा है वहीं कई सरकारी ऑफिसों में काम-काज भी प्रभावित हो गया है। ज्यादातर जगहों पर फोन सिर्फ शो-पीस बनकर रह गए हैं।
Last Updated : Nov 14, 2019, 12:51 PM IST
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