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उफनाई नदी में बच्चे कर रहे स्टंट, पुलिस देख रही तमाशा

पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश के सीजन में नदी का जलस्तर अचानक बढ़ जाता है. वहीं कुछ ऐसा ही नजारा आजकल सरयू नदी में भी देखने को मिल रहा है. जहां नदी का स्तर बढ़ने के बाद भी बच्चे खुलेआम उफनाई नदी में मौत की छलांग लगा रहे हैं.

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Published : Jul 28, 2019, 2:41 PM IST

उफनाई सरयू नदी में बच्चे लगा रहे मौत की छलांग.

बागेश्वर: बारिश की वजह से जिले में बहने वाले नदियां और नाले उफान पर हैं. वहीं शहर के समीप बहने वाली सरयू नदी में बच्चे जानलेवा स्टंट करते नजर आ रहे हैं. बच्चों के खतरनाक स्टंट कभी भी हादसों को दावत दे सकते हैं. वहीं जिस महकमे पर इसे रोकने की जिम्मेदारी है वो बेखबर बना हुआ है.

गौर हो कि पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश के सीजन में नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ जाता है. जिससे कई बार हादसे की आशंका बनी ही रहती है. वहीं कुछ ऐसा ही नजारा आजकल सरयू नदी में भी देखने को मिल रहा है. जहां नदी का स्तर बढ़ने के बाद भी बच्चे खुलेआम उफनाई नदी में मौत की छलांग लगा रहे हैं. जिस पर अभी कोई रोकथाम नहीं हो पाई है. दरअसल, मानसून सीजन में पुलिस महकमा तीन महीने के लिए कुछ पुलिस कर्मियों की तैनाती बागनाथ मंदिर के घाट के पास करता है.

उफनाई सरयू नदी में बच्चे लगा रहे मौत की छलांग

पढ़ें-बदरीनाथ हाईवे पर ट्रक अनियंत्रित होकर अलकनंदा में समाया, ड्राइवर लापता

जहां पर एक अस्थाई जल पुलिस चौकी बनाई गई है. जिनका कार्य रेस्क्यू के साथ ही नदी तट पर जाने वाले लोगों पर नजर बनाए रखना है. लेकिन उन्हें कुछ दूरी पर सरयू नदी में बच्चों का खतरनाक स्टंट नहीं दिखाई दे रहा है. मानों ऐसा लग रहा है कि पुलिस महकमा किसी हादसे का इंतजार कर रहा हो.

वहीं इस मामले में पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह का कहना है कि जल पुलिस के कार्यों की जांच के आदेश दे दिए हैं. साथ ही आपदा काल में किसी प्रकार की लापरवाही न बरतने के सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं. साथ ही उन्होंने बच्चों के स्टंट के मामले में शिकायत मिलने पर कार्रवाई की बात कही है.

बागेश्वर: बारिश की वजह से जिले में बहने वाले नदियां और नाले उफान पर हैं. वहीं शहर के समीप बहने वाली सरयू नदी में बच्चे जानलेवा स्टंट करते नजर आ रहे हैं. बच्चों के खतरनाक स्टंट कभी भी हादसों को दावत दे सकते हैं. वहीं जिस महकमे पर इसे रोकने की जिम्मेदारी है वो बेखबर बना हुआ है.

गौर हो कि पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश के सीजन में नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ जाता है. जिससे कई बार हादसे की आशंका बनी ही रहती है. वहीं कुछ ऐसा ही नजारा आजकल सरयू नदी में भी देखने को मिल रहा है. जहां नदी का स्तर बढ़ने के बाद भी बच्चे खुलेआम उफनाई नदी में मौत की छलांग लगा रहे हैं. जिस पर अभी कोई रोकथाम नहीं हो पाई है. दरअसल, मानसून सीजन में पुलिस महकमा तीन महीने के लिए कुछ पुलिस कर्मियों की तैनाती बागनाथ मंदिर के घाट के पास करता है.

उफनाई सरयू नदी में बच्चे लगा रहे मौत की छलांग

पढ़ें-बदरीनाथ हाईवे पर ट्रक अनियंत्रित होकर अलकनंदा में समाया, ड्राइवर लापता

जहां पर एक अस्थाई जल पुलिस चौकी बनाई गई है. जिनका कार्य रेस्क्यू के साथ ही नदी तट पर जाने वाले लोगों पर नजर बनाए रखना है. लेकिन उन्हें कुछ दूरी पर सरयू नदी में बच्चों का खतरनाक स्टंट नहीं दिखाई दे रहा है. मानों ऐसा लग रहा है कि पुलिस महकमा किसी हादसे का इंतजार कर रहा हो.

वहीं इस मामले में पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह का कहना है कि जल पुलिस के कार्यों की जांच के आदेश दे दिए हैं. साथ ही आपदा काल में किसी प्रकार की लापरवाही न बरतने के सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं. साथ ही उन्होंने बच्चों के स्टंट के मामले में शिकायत मिलने पर कार्रवाई की बात कही है.

Intro:एंकर- बागेश्वर मॉनसून में ज़िले की बड़ी नदिया सरयू-गोमती अक्सर कपकोट इलाक़े में तेज बारिश होने पर अचानक से इन नदियों में बाढ़ आ जाती है। लेक़िन ज़िला मुख्यालय के आसपास सरयू नदी में छोटे बच्चे जानलेवा स्टंट करते हुए नज़र आते रहते है। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस प्रशासन लापरवाह नजर आ रहा है।

वीओ- तस्वीरों में साफ़तौर पर देखा जा सकता है। जरा सी चूक इन बच्चों को मौत के मुँह में धकेल सकती है। पर इन्हें किसी भी तरह का डर नही। दिनभर ऐसे ही नजर आते है। शायद इन्हें जल पुलिस का कोई डर नही है। क्यों न हो कोई रोकने टोकने वाला है ही नही। दरसल मॉनसून के दौरान तीन महीने पुलिस महकमा अपने कुछ जवानों,दारोगाओ की तैनाती बागनाथ मंदिर के घाट के पास में करता है। जहाँ पर एक अस्थाई जल पुलिस चौकी बनाई गई है। जल पुलिस के जवानों का काम सरयू नदी में लोगों को डूबने, बहने व लोगों को नदी नहाने से रोकना आदि है। यँहा पर जानलेवा स्टंट को देखकर यह कहना बेमानी होगी यँहा ऐसा कोई नही जो इन बच्चों को रोके-टोके। लगता है पुलिस प्रशासन किसी बड़ी घटना के इंतजार में है।
वहीं इस मामले में पुलिस कप्तान का कहना है कि हमने जल पुलिस के कार्यो की जांच के आदेश दिए हैं। उन्हें सख्त हिदायत दी गयी है कि आपदा काल में बिल्कुल भी लापरवाही न बरतें । उन्होंने शिकायत मिलने पर कार्यवाही करने की बात कही है।

बाईट 1 - लोकेश्वर सिंह, पुलिस अधीक्षक बागेश्वर। Body:वीओ- तस्वीरों में साफ़तौर पर देखा जा सकता है। जरा सी चूक इन बच्चों को मौत के मुँह में धकेल सकती है। पर इन्हें किसी भी तरह का डर नही। दिनभर ऐसे ही नजर आते है। शायद इन्हें जल पुलिस का कोई डर नही है। क्यों न हो कोई रोकने टोकने वाला है ही नही। दरसल मॉनसून के दौरान तीन महीने पुलिस महकमा अपने कुछ जवानों,दारोगाओ की तैनाती बागनाथ मंदिर के घाट के पास में करता है। जहाँ पर एक अस्थाई जल पुलिस चौकी बनाई गई है। जल पुलिस के जवानों का काम सरयू नदी में लोगों को डूबने, बहने व लोगों को नदी नहाने से रोकना आदि है। यँहा पर जानलेवा स्टंट को देखकर यह कहना बेमानी होगी यँहा ऐसा कोई नही जो इन बच्चों को रोके-टोके। लगता है पुलिस प्रशासन किसी बड़ी घटना के इंतजार में है।
वहीं इस मामले में पुलिस कप्तान का कहना है कि हमने जल पुलिस के कार्यो की जांच के आदेश दिए हैं। उन्हें सख्त हिदायत दी गयी है कि आपदा काल में बिल्कुल भी लापरवाही न बरतें । उन्होंने शिकायत मिलने पर कार्यवाही करने की बात कही है।

बाईट 1- लोकेश्वर सिंह,पुलिस अधीक्षक बागेश्वर।Conclusion:
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