जयपुर : डिफरेंटली एबल्ड क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीसीआई) और नारायण सेवा संस्थान (एनएसएस) की और से नेशनल फिजिकल डिसेबिलिटी टी-20 क्रिकेट चैंपियनशिप-2024 का आयोजन उदयपुर में किया जाएगा. इस प्रतियोगिता में 24 राज्यों के 400 दिव्यांग क्रिकेटर्स और 100 से अधिक खेल अधिकारी हिस्सा लेंगे.
उदयपुर शहर के 5 ग्राउंड में 67 मैच खेले जाएंगे. सभी मैच 20-20 ओवर के होंगे. प्रतियोगिता 15 से 25 अक्टूबर तक चलेगी. चैंपियनशिप के पोस्टर और ट्रॉफी का विमोचन जयपुर के आरसीए एकेडमी पर किया गया. इस मौके पर डीसीसीआई के महासचिव रवि चौहान ने कहा कि, आज तक दिव्यांगजनों हेतु उदयपुर शहर में पांच नेशनल प्रतियोगिता संपन्न हुई है.
यह छठी प्रतियोगिता है. यह प्रतियोगिता बहुत ही रोमांचकारी रहेगी. दिव्यांग खिलाड़ी सामान्य लोगों को अपने हौसलों का दम दिखाएंगे. उन्होंने बताया कि, इन खिलाड़ियों का चयन पिछले एक वर्ष में हुए विभिन्न टूर्नामेंट में प्रदर्शन को आधार मानकर किया गया है. ये सभी खिलाड़ी 18 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के हैं. इस चैंपियनशिप में ज्यादातर खिलाड़ी एक हाथ या एक पैर से अथवा जन्मजात शारीरिक दिव्यांगता से ग्रस्त है. कुछ खिलाड़ियों के शरीर अर्द्धविकसित भी है.
अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर होंगे मैच
दिव्यांगों के लिए आयोजित चैंपियनशिप में अंतर्राष्ट्रीय मानकों को अपनाया गया है. जिसके तहत 66 मीटर बाउन्ड्री होगी. 22 गज (66 फिट) की पिच होगा. मुकाबला लेदर की वाइट बॉल से खेला जाएगा. प्रत्येक मैच का निर्णय करने के लिए 3 अम्पायर मैदान पर रहेंगे.
इस चैंपियनशिप में राजस्थान, केरल, दिल्ली, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, हैदराबाद, आंध्र प्रदेश, पंजाब, जम्मू कश्मीर, बड़ौदा, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मुंबई, छत्तीसगढ़, ओडिशा, चंडीगढ़, पश्चिम बंगाल, विदर्भ, तमिलनाडु, और बिहार की टीमे में हिस्सा लेगी.
इंग्लैंड वर्ल्डकप चैंपियन भी शामिल
इस चैंपियनशिप में इंडिया टीम के कप्तान विराट कैनी, मुम्बई के रविंद्र सन्ते, विदर्भ के गुरुदास राउत, बंगाल के तुषार रॉय, गुजरात के आसित जायसवाल, जम्मू -कश्मीर के वसीम इकबाल और अमीर हिस्सा ले रहे हैं, जबकि इस चैंपियनशिप में स्टैंडिंग क्रिकेट में हर टीम को 4 रनर देने का प्रावधान है.
यह उन खिलाडियों को उपलब्ध कराए जाते है जो वैशाखी, आर्टीफिशियल लिम्ब या शारीरिक रूप से दौड़ने में असमर्थ होते है. क्रिकेट में विकेट के बीच भागना जरुरी होता है. इसलिए प्रत्येक टीम को चार दिव्यांग रनर का विकल्प चुन मैच प्रारम्भ से पूर्व अम्पायर को लिस्ट सौंपते है.