बागेश्वर: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की पहली सूची आने के साथ ही नाराजगी का दौर शुरू हो गया है. इसी कड़ी में बागेश्वर विधानसभा सीट से टिकट नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री बालकृष्ण ने कहा है कि वह कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श करने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. इसी कड़ी में सोमवार को पार्टी के कार्यकर्ता सामूहिक इस्तीफा देंगे.
बालकृष्ण ने कहा कि उनके साथ अन्याय हुआ है. पिछली बार वह काफी कम मतों के अंतर से हारे थे. जबकि सोमेश्वर में कांग्रेस ने दो-दो बार हारे प्रत्याशियों को फिर से टिकट दिया है. उन्होंने कहा कि वह बागेश्वर विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे. इसी क्रम में सोमवार को पार्टी कार्यकर्ता सामूहिक इस्तीफा देंगे. पत्रकारों से बातचीत में बालकृष्ण ने कहा कि चार-पांच दिन पूर्व उन्हें दिल्ली से फोन आया था. तनिष्क सिंह ने कहा कि वह पार्टी को ढाई लाख रुपये भेज दें. उन्हें बैंक खाता नंबर दिया जाएगा, लेकिन खाता नंबर नहीं आया. उन्होंने कहा कि उनका टिकट काटने में जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का हाथ है.
उन्होंने कहा कि पांच साल तक काम किया है और पार्टी को मजबूत बनाया है. लोगों की समस्याओं के लिए भूख हड़ताल करने के साथ ही गरीब, असहाय लोगों की मदद के लिए खड़े रहे. अपना खून तक जरूरतमंदों को दिया. कोरोना महामारी के समय में भी अपने बूढ़े माता-पिता और बच्चों की परवाह किए बिना कोविड मरीजों की मदद की.
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बालकृष्ण ने कहा कि पार्टी के लिए घरबार छोड़ा, वे 20 वर्ष से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सर्वे रिपोर्ट में भी वह सबसे आगे रहे. पार्टी ने हल्द्वानी में रहने वाले को टिकट देकर जिले की जनता के साथ अन्याय किया है. बालकृष्ण ने कहा है कि वे जनता के बीच जाकर पूछेंगे कि उनकी क्या गलती थी कि उनको टिकट नहीं दिया गया. वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में जाएंगे. बता दें कि बागेश्वर सीट से कांग्रेस ने रंजीत दास को अपना प्रत्याशी बनाया है.