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घास लेने गई युवती पर गुलदार ने किया हमला, खौफ के साए में ग्रामीण - लापरवाही

22 वर्षीय युवती रीता मेहता पर गुलदार ने हमला कर दिया. हमले से युवती के माथे और सिर पर गहरी चोटें आई हैं.

जंगल में घास लेने गई युवती पर गुलदार ने किया हमला.
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Published : Aug 2, 2019, 5:50 PM IST

अल्मोड़ा: नगर से सटे बल्टा गांव में इन दिनों गुलदार का आतंक है. यहां गुलदार ने 22 साल की एक युवती पर हमला कर दिया. हालांकि, युवती ने जब शोर मचाया तो आसपास मौजूद लोग मौके पर पहुंचे गए. भीड़ को आता देख गुलदार वहां से भाग गया. गुलदार के हमले की वजह से युवती के सिर पर चोटे आई हैं.

जानकारी के मुताबिक रीता (22) शुक्रवार को सुबह 9 बजे के आसपास अपने सहेलियों के साथ जंगल में घास लेने गई हुई थी. तभी झाड़ियों के पीछे घात लगाकर बैठे गुलदार ने उस पर हमला कर दिया. गुलदार के हमले से घायल हुई रीता को परिजनों ने अल्मोड़ा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज चल रहा था.

रीता के पिता किशन सिंह ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए डीएफओ पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि घटना की सूचना डीएफओ को दी गई थी, लेकिन उन्होंने मीटिंग में जाने की बात कहकर शाम को सूचना देने को कहा. किशन सिंह का कहना है कि किसी की भी जान जाए, डीएफओ साहब को मीटिंग से फुर्सत नहीं.

युवती पर गुलदार ने किया हमला.

यह भी पढे-अमरनाथ यात्रा पर आतंकी साया, श्रद्धालुओं को J-K से लौटने का सुझाव

बल्टा गांव के स्थानीय निवासी दीपक मेहता ने बताया कि इस क्षेत्र में पिछले दिनों बाघ में कुछ बकरियों की शिकार किया था. गांव वालों में बाघ से निजात दिलाने के लिए वन विभाग के गुहार लगाई थी, लेकिन किसी ने भी उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया.

अल्मोड़ा: नगर से सटे बल्टा गांव में इन दिनों गुलदार का आतंक है. यहां गुलदार ने 22 साल की एक युवती पर हमला कर दिया. हालांकि, युवती ने जब शोर मचाया तो आसपास मौजूद लोग मौके पर पहुंचे गए. भीड़ को आता देख गुलदार वहां से भाग गया. गुलदार के हमले की वजह से युवती के सिर पर चोटे आई हैं.

जानकारी के मुताबिक रीता (22) शुक्रवार को सुबह 9 बजे के आसपास अपने सहेलियों के साथ जंगल में घास लेने गई हुई थी. तभी झाड़ियों के पीछे घात लगाकर बैठे गुलदार ने उस पर हमला कर दिया. गुलदार के हमले से घायल हुई रीता को परिजनों ने अल्मोड़ा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज चल रहा था.

रीता के पिता किशन सिंह ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए डीएफओ पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि घटना की सूचना डीएफओ को दी गई थी, लेकिन उन्होंने मीटिंग में जाने की बात कहकर शाम को सूचना देने को कहा. किशन सिंह का कहना है कि किसी की भी जान जाए, डीएफओ साहब को मीटिंग से फुर्सत नहीं.

युवती पर गुलदार ने किया हमला.

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बल्टा गांव के स्थानीय निवासी दीपक मेहता ने बताया कि इस क्षेत्र में पिछले दिनों बाघ में कुछ बकरियों की शिकार किया था. गांव वालों में बाघ से निजात दिलाने के लिए वन विभाग के गुहार लगाई थी, लेकिन किसी ने भी उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया.

Intro:अल्मोड़ा नगर से सटे बल्टा गांव में आज सुबह जंगल में घास लेने के लिए युवती पर गुलदार ने हमला कर दिया,आसपास के लोगो द्वारा शोर मचाने पर गुलदार युवती को युवती खाई में फैंक गया । गुलदार के हमले से युवती के माथे और सर में गहरी चोट आई हुई हैं। आनन फानन में युवती को जख्मी हालत में अल्मोड़ा जिला अस्पताल लाया गया जहाँ उसका इलाज चल रहा है। इस पूरे मामले में पीड़ित युवती के पिता ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए डीएफओ पर हीलाहवाली बरतने का आरोप लगाया है।




Body:बल्टा गांव की रीता मेहता (22 वर्ष) अपनी सहेलियों के साथ सुबह 9 बजे करीब जंगल मे घास लेने गयी थी तभी घात लगाए बैठे गुलदार ने रीता पर हमला कर दिया उसके साथ के अन्य लोगों द्वारा शोर मचाने पर गुलदार रीता को जख्मी कर खाई में फैंक गया। जिससे वह अत्यधिक घायल हो गयी, परिजनों द्वारा रीता को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया। गीता के सर और माथे में गंभीर चोटें आई हुई हैं। पीड़िता के पिता किशन सिंह ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए अल्मोड़ा वन प्रभाग के डीएफओ पर आरोप लगाया कि उनके द्वारा मौके से ही इस घटना की सूचना डीएफओ को दी गयी, लेकिन उन्होंने मीटिंग में जाने की बात कहकर शाम को सूचना देने को कहा। किशन सिंह का कहना है कि किसी की जान जा सकती है लेकिन डीएफओ साहब को मीटिंग से फुर्सत नही।
वही इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता व बल्टा गांव निवासी दीपक मेहता का कहना है कि इस क्षेत्र में पिछले दिनों बाघ द्वारा बकरियों के शिकार करने के बाद ही पूरे गांव वासियों ने 20 दिन पहले ही वन विभाग को सूचित कर खतरे की आशंका को जताकर बाघ के आतंक से निजात दिलाने की मांग की थी लेकिन वन विभाग कान में रूई डालकर सोता रहा

बाइट-किशन सिंह, पीड़िता के पिता
बाइट-दीपक मेहता, सामाजिक कार्यकर्ता


Conclusion:
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