अल्मोड़ा: लोकसभा चुनाव 2024 में अभी भले ही वक्त हो, लेकिन बीजेपी-कांग्रेस ने अभी से अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. चुनावों को लेकर अभी से दोनों पार्टियां मैदान में दिख रही हैं. वैसे बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस चुनाव प्रचार में अभी थोड़ी सुस्त नजर आ रही है, लेकिन कांग्रेस के नेताओं को जहां भी मौका मिल रहा है, वे बीजेपी सरकार पर हमला करने का मौका नहीं छोड़ रहे हैं.
बुधवार 18 अक्टूबर को अल्मोड़ा पहुंचे उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस की क्या प्राथमिकताएं रहेंगी, उन पर विस्तार से चर्चा की. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी सनातन की राजनीति कर रही है, लेकिन कांग्रेस लोकसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दों को जनता को बीच लेकर जाएगी और उन्हीं मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी.
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करण माहरा ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को घेरने के लिए कांग्रेस के पास कई मुद्दे हैं. इनमें केदारनाथ में सोने की चोरी का मामला, यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामला, अंकिता हत्याकांड, जोशीमठ भू धंसाव, एससी-एसटी वर्ग के ऊपर हो रहे हमले, महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार समेत जनसरोकार से जुड़े कई ऐसे मुद्दे हैं, जिनमें बीजेपी सरकार पूरी तरह से नाकाम रही है, उन मुद्दों पर कांग्रेस जनता के बीच जाएगी.
करण माहरा ने कहा कि महंगाई आसमान छू रही है, लेकिन उसे कम करने का बीजेपी सरकार के पास कोई रास्त नहीं है. जहां-जहां पर कांग्रेस की सरकार है, वहां पर रसोई गैस सिलेंडर पांच सौ रुपए में लोगों को मिल रहा है. कांग्रेस जो कहती है वह करती है.
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करण माहरा का आरोप है कि आज खनन माफिया हावी है. हर नदी में खनन के लिए पोकलैंड मशीन और जेसीबी दिखाई दे रही हैं. वहीं उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुमाऊं दौरे को लेकर कहा कि नरेंद्र मोदी देश के पीएम कम और बीजेपी के प्रचार मंत्री के रूप में ज्यादा काम कर रहे हैं. देश के पीएम को अपने पद की हैसियत से कार्य करना चाहिए लेकिन वह प्रचार मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं.
करण माहरा ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री मणिपुर व सिक्किम की ओर क्यों ध्यान नहीं दे रहे हैं? उन्होंने उस सांसद के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की, जिसने अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों का अपमान किया है? अपनी गाड़ी से किसानों को कुचलने वाले मंत्री के बेटे के खिलाफ क्यों कार्रवाई नहीं की? उस मंत्री को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता क्यों नहीं दिखाया गया? प्रधानमंत्री पूरी तरह से फेल हुए हैं.