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कोरोनाकाल में गोलू देवता मंदिर में छाया सन्नाटा, व्यापारियों का कारोबार प्रभावित

कोरोनाकाल में सभी का कारोबार प्रभावित हुआ है, लेकिन इससे पर्यटन भी अछूता नहीं है. वहीं, अल्मोड़ा स्थित प्रसिद्ध चितई स्थित गोलू देवता मंदिर में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की कमी से इन दिनों मंदिर में सन्नाटा पसरा पड़ा है.

Almora News
कोरोनाकाल में गोलू देवता मंदिर में छाया सन्नाटा.
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Published : Sep 4, 2021, 8:07 AM IST

अल्मोड़ा: कोरोनाकाल में अल्मोड़ा के प्रसिद्ध मंदिरों व पर्यटन स्थलों में सैलानी बेहद कम संख्या में पहुंच रहे हैं. देश भर में न्याय के देवता नाम से प्रसिद्ध चितई स्थित गोलू देवता मंदिर में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की कमी से इन दिनों मंदिर में सन्नाटा पसरा पड़ा है. जिससे यहां पर्यटन व्यवसायियों का कारोबार काफी प्रभावित हुआ है.

गौर हो कि चितई के गोलू देवता मंदिर में पहले हर साल भारी संख्या में श्रद्धालुओं व पर्यटकों का तांता लगा रहता था. साथ ही स्थानीय व्यवसायियों का रोजगार भी चलता था. कोरोना के बाद पर्यटकों की कमी से मंदिर के बाहर घंटिया, पूजा सामग्री बेचने वाले ग्रामीणों के साथ दुकानदार व होटल व्यवसायियों के लिए परिवार पालना भी मुश्किल हो रहा है. कोरोना के बाद से उनके कारोबार अब संभल नहीं पा रहा है. जिसको लेकर मंदिर के पुजारियों के साथ मंदिर से जुड़े व्यवसायियों में मायूसी देखने को मिल रही है.

कोरोनाकाल में गोलू देवता मंदिर में छाया सन्नाटा.

पढ़ें-'पंज प्यारे' बयान पर राजकुमार ठुकराल ने कांग्रेस को घेरा, कहा- खाली दिमाग शैतान का

मंदिर के पुजारी हरि विनोद पंत का कहना है कि मंदिर में सिर्फ वीकेंड में ही श्रद्धालु नजर आ रहे हैं, बाकि सप्ताह मंदिर में सन्नाटा पसरा रहता है. वहीं, दुकानदार मनोज बोरा का कहना है कि कोरोनाकाल के बाद कारोबार पटरी पर नहीं लौट पाया है. सावन के महीने जागेश्वर जाने वाले श्रद्धालु रास्ते से गुजरते वक्त यहां गोलू मंदिर तक जरूर आते थे. लेकिन अब पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ है.

अल्मोड़ा: कोरोनाकाल में अल्मोड़ा के प्रसिद्ध मंदिरों व पर्यटन स्थलों में सैलानी बेहद कम संख्या में पहुंच रहे हैं. देश भर में न्याय के देवता नाम से प्रसिद्ध चितई स्थित गोलू देवता मंदिर में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की कमी से इन दिनों मंदिर में सन्नाटा पसरा पड़ा है. जिससे यहां पर्यटन व्यवसायियों का कारोबार काफी प्रभावित हुआ है.

गौर हो कि चितई के गोलू देवता मंदिर में पहले हर साल भारी संख्या में श्रद्धालुओं व पर्यटकों का तांता लगा रहता था. साथ ही स्थानीय व्यवसायियों का रोजगार भी चलता था. कोरोना के बाद पर्यटकों की कमी से मंदिर के बाहर घंटिया, पूजा सामग्री बेचने वाले ग्रामीणों के साथ दुकानदार व होटल व्यवसायियों के लिए परिवार पालना भी मुश्किल हो रहा है. कोरोना के बाद से उनके कारोबार अब संभल नहीं पा रहा है. जिसको लेकर मंदिर के पुजारियों के साथ मंदिर से जुड़े व्यवसायियों में मायूसी देखने को मिल रही है.

कोरोनाकाल में गोलू देवता मंदिर में छाया सन्नाटा.

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मंदिर के पुजारी हरि विनोद पंत का कहना है कि मंदिर में सिर्फ वीकेंड में ही श्रद्धालु नजर आ रहे हैं, बाकि सप्ताह मंदिर में सन्नाटा पसरा रहता है. वहीं, दुकानदार मनोज बोरा का कहना है कि कोरोनाकाल के बाद कारोबार पटरी पर नहीं लौट पाया है. सावन के महीने जागेश्वर जाने वाले श्रद्धालु रास्ते से गुजरते वक्त यहां गोलू मंदिर तक जरूर आते थे. लेकिन अब पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ है.

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