पिथौरागढ़: अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट पर इस बार भी मुकाबला अजय टम्टा बनाम प्रदीप टम्टा के बीच है. भाजपा की ओर से जहां अजय टम्टा का टिकट दिया गया है. वहीं इस आरक्षित सीट पर कांग्रेस के तरफ से प्रदीप टम्टा मैदान में हैं. ऐसे में इस बार अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट पर लड़ाई टम्टा VS टम्टा होने जा रही है. जोकि अपने आप में बेहद दिलचस्प होगी.
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साल 2009 में अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट आरक्षित की गई थी. तब से इस सीट पर प्रदीप टम्टा बनाम अजय टम्टा के बीच ही मुकाबला रहा है. 2009 में जहां ये सीट कांग्रेस की झोली में गयी थी, वहीं 2014 में ये सीट भाजपा के खाते में आई. साल 2014 में मोदी लहर के चलते इस सीट पर अजय टम्टा के सिर जीत का सेहरा बंधा. जिसके बाद अजय टम्टा को केंद्र की मोदी सरकार में भी जिम्मेदारी दी गई.
वहीं जुलाई 2016 में कांग्रेस ने प्रदीप टम्टा को राज्य के कोटे से राज्यसभा भेजा. राज्यसभा में प्रदीप टम्टा का कार्यकाल 2021 तक है. लेकिन अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से कांग्रेस के पास कोई बड़ा चेहरा न होने के कारण कांग्रेस टम्टा को इस सीट से उतार सकती है. अगर लोकसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आते हैं तो कांग्रेस को राज्यसभा की सीट से हाथ धोना पड़ेगा. क्योंकि विधानसभा में बहुमत होने के कारण राज्यसभा की सीट भाजपा की झोली में चली जायेगी. बहरहाल अभी तक दोनों पार्टियों ने प्रत्याशियों का औपचारिक एलान नहीं किया है, लेकिन दोनों ही नेता लंबे समय से अपनी अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं.
मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री रहे अजय टम्टा की स्थिति 2014 के चुनावों से इस बार अधिक मजबूत लग रही है. ऐसे में भाजपा को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने एक बार फिर प्रदीप टम्टा को टिकट दिया है.