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वाह रे चुनाव व्यवस्था: तृतीय श्रेणी कर्मचारी को बना दिया पीठासीन अधिकारी - उत्तराखंड पंचायत चुनाव

वन विकास निगम में 2003 से कार्यरत स्केलर भोपाल सिंह जलाल को चुनाव ड्यूटी में प्रशासनिक चूक के चलते पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर दिया गया. मामले के संज्ञान में आने के बाद इस लापरवाही को सुधारा गया.

तृतीय श्रेणी कर्मचारी को बना दिया पीठासीन अधिकारी.
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Published : Sep 26, 2019, 10:39 PM IST

अल्मोड़ा: पंचायत चुनाव को लेकर जहां इन दिनों चुनावी माहौल गर्म है, वहीं प्रशासन भी चुनाव प्रक्रिया को निपटाने के लिए जल्दबाजी में कामों को अंजाम दे रहा है. ताजा मामला चुनाव ड्यूटी में चूक का है, जिसमें एक वन निगम के स्केलर पद पर कार्यरत कर्मचारी भोपाल सिंह जलाल को मतदान स्थल का पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर दिया गया. साथ ही उसको 2 चरणों में चुनाव प्रक्रिया के लिए प्रशिक्षण भी दे दिया गया. मामला प्रकाश में आने के बाद निर्वाचन विभाग ने कर्मचारी का नाम पीठासीन अधिकारी से हटाकर उसे पद के अनुरूप चुनावी जिम्मेदारी सौंप दी.

तृतीय श्रेणी कर्मचारी को बना दिया पीठासीन अधिकारी.

बता दें कि वन विकास निगम में 2003 से कार्यरत स्केलर भोपाल सिंह जलाल को चुनाव ड्यूटी में प्रशासनिक चूक के चलते पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर दिया गया. वहीं, नियमों के अनुसार, पीठासीन अधिकारी राजपत्रित अधिकारी या फिर 5400 ग्रेड पे वाला कर्मचारी ही बन सकता है, लेकिन वन विकास निगम में कार्यरत स्केलर पद पर भोपाल सिंह जलाल तृतीय श्रेणी के कर्मचारी और उनका ग्रेड पे मात्र 2 हजार रुपये है.

कर्मचारी भोपाल जलाल को चुनाव ड्यूटी में पीठासीन अधिकारी बनाए जाने की बात पता लगी तो उन्होंने अपने उच्चाधिकारियों को इस बावत में अवगत कराया. वहीं, वन विकास निगम के प्रभागीय लैंगिक प्रबंधक अधिकारी उमेश चंद्र दुर्गापाल ने जिला निर्वाचन अधिकारी को जल्दबाजी में पत्र लिखा, लेकिन फिर भी विभागीय लापरवाही के चलते मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके साथ ही कर्मचारी भोपाल जलाल दो बार कार्मिकों के प्रशिक्षण में भी भाग ले चुके हैं.

वहीं, कर्मचारी भोपाल सिंह जी जलाल ने बताया कि वो पीठासीन अधिकारी बनने लायक नहीं हैं. उन्होंने 1 सप्ताह पहले प्रशासन को मामले से अवगत कराकर उनकी ड्यूटी उनकी क्षमता के अनुसार लगाने की गुहार लगाई थी.

ये भी पढ़ें: -विकासनगर में उठी एनिमल शेल्टर बनाने की मांग, मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

मामले के तूल पकड़ने पर वन विकास निगम के प्रभागीय लैंगिक प्रबंधक अधिकारी उमेश चंद्र दुर्गापाल ने बताया कि यहां स्केलर के पद पर तैनात एक कर्मचारी की ड्यूटी पीठासीन अधिकारी पद पर लगा दी गई है. साथ ही जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजकर पद के अनुरूप कर्मचारी की चुनाव ड्यूटी लगाने की मांग की है.

नोडल कार्मिक अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी मनुज गोयल ने तत्काल मामले की फाइल प्रभारी कार्मिक अधिकारी सीईओ जगमोहन सोनी से मंगवाकर उनके ग्रेड वेतन के अनुसार डयूटी लगाने के आदेश दिए हैं.

अल्मोड़ा: पंचायत चुनाव को लेकर जहां इन दिनों चुनावी माहौल गर्म है, वहीं प्रशासन भी चुनाव प्रक्रिया को निपटाने के लिए जल्दबाजी में कामों को अंजाम दे रहा है. ताजा मामला चुनाव ड्यूटी में चूक का है, जिसमें एक वन निगम के स्केलर पद पर कार्यरत कर्मचारी भोपाल सिंह जलाल को मतदान स्थल का पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर दिया गया. साथ ही उसको 2 चरणों में चुनाव प्रक्रिया के लिए प्रशिक्षण भी दे दिया गया. मामला प्रकाश में आने के बाद निर्वाचन विभाग ने कर्मचारी का नाम पीठासीन अधिकारी से हटाकर उसे पद के अनुरूप चुनावी जिम्मेदारी सौंप दी.

तृतीय श्रेणी कर्मचारी को बना दिया पीठासीन अधिकारी.

बता दें कि वन विकास निगम में 2003 से कार्यरत स्केलर भोपाल सिंह जलाल को चुनाव ड्यूटी में प्रशासनिक चूक के चलते पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर दिया गया. वहीं, नियमों के अनुसार, पीठासीन अधिकारी राजपत्रित अधिकारी या फिर 5400 ग्रेड पे वाला कर्मचारी ही बन सकता है, लेकिन वन विकास निगम में कार्यरत स्केलर पद पर भोपाल सिंह जलाल तृतीय श्रेणी के कर्मचारी और उनका ग्रेड पे मात्र 2 हजार रुपये है.

कर्मचारी भोपाल जलाल को चुनाव ड्यूटी में पीठासीन अधिकारी बनाए जाने की बात पता लगी तो उन्होंने अपने उच्चाधिकारियों को इस बावत में अवगत कराया. वहीं, वन विकास निगम के प्रभागीय लैंगिक प्रबंधक अधिकारी उमेश चंद्र दुर्गापाल ने जिला निर्वाचन अधिकारी को जल्दबाजी में पत्र लिखा, लेकिन फिर भी विभागीय लापरवाही के चलते मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके साथ ही कर्मचारी भोपाल जलाल दो बार कार्मिकों के प्रशिक्षण में भी भाग ले चुके हैं.

वहीं, कर्मचारी भोपाल सिंह जी जलाल ने बताया कि वो पीठासीन अधिकारी बनने लायक नहीं हैं. उन्होंने 1 सप्ताह पहले प्रशासन को मामले से अवगत कराकर उनकी ड्यूटी उनकी क्षमता के अनुसार लगाने की गुहार लगाई थी.

ये भी पढ़ें: -विकासनगर में उठी एनिमल शेल्टर बनाने की मांग, मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

मामले के तूल पकड़ने पर वन विकास निगम के प्रभागीय लैंगिक प्रबंधक अधिकारी उमेश चंद्र दुर्गापाल ने बताया कि यहां स्केलर के पद पर तैनात एक कर्मचारी की ड्यूटी पीठासीन अधिकारी पद पर लगा दी गई है. साथ ही जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजकर पद के अनुरूप कर्मचारी की चुनाव ड्यूटी लगाने की मांग की है.

नोडल कार्मिक अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी मनुज गोयल ने तत्काल मामले की फाइल प्रभारी कार्मिक अधिकारी सीईओ जगमोहन सोनी से मंगवाकर उनके ग्रेड वेतन के अनुसार डयूटी लगाने के आदेश दिए हैं.

Intro:पंचायत चुनाव को लेकर जहां इन दिनों चुनावी माहौल गर्म है वहीं प्रशासन भी चुनाव प्रक्रिया को निपटाने के लिए अफरा तफरी में कार्यो को अंजाम दे रहा है ।ताजा मामला चुनाव ड्यूटी में चूक का है । जिसमें एक वन निगम के स्केलर पद पर कार्यरत एक कर्मचारी जिसका ग्रेड पे मात्र 2 हज़ार है उसको सीधे मतदान स्थल का पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर दिया गया। यही नहीं बकायदा उसको दो चरणों में चुनाव प्रक्रिया के लिए प्रशिक्षण भी दे दिया गया। बाद में मामला सामने आने पर निर्वाचन विभाग में अपनी छिछालेदारी से बचने के लिए उसका नाम पीठासीन अधिकारी से हटाकर उसको उसके पद के अनुरूप चुनावी जिम्मेदारी सौंपी गई।




Body:बता दें कि वन विकास निगम में 2003 से कार्यरत स्केलर भोपाल सिंह जलाल को चुनाव ड्यूटी में प्रशासनिक चूक के चलते पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर दिया गया, जबकि नियमों के अनुसार पीठासीन अधिकारी राजपत्रित अधिकारी या फिर 5400 ग्रेड पे वाला कर्मचारी ही बन सकता हैं, लेकिन वन विकास निगम में कार्यरत स्केलर पद पर भोपाल सिंह जलाल तृतीय श्रेणी के कर्मचारी थे और उनका ग्रेड पर मात्र 2 हजार है।

कर्मचारी भोपाल जलाल को जब इस बात की भनक लगी तो उसने अपने उच्चाधिकारियों को इस बावत अवगत कराया। मामला जब वन विकास निगम के प्रभागीय लैंगिक प्रबंधक अधिकारी उमेश चंद्र दुर्गापाल को पता चला तो उन्होंने संबंधित कार्मिक की पीठासीन अधिकारी की चुनाव ड्यूटी को हटवाने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी को जल्दबाजी में पत्र लिखा। लेकिन फिर भी विभागीय लापरवाही के चलते मामले पर कोई कार्यवाही नहीं हुई ।बकायदा कर्मचारी भोपाल जलाल दो बार कार्मिकों के प्रशिक्षण में भी भाग ले चुका है। लेकिन जब पीठासीन अधिकारी से संबंधित कार्य करने के लिए उनसे कहा तो उन्होंने अक्षमता जताते हुए यथा स्थिति से अवगत कराया। नियमानुसार उससे केवल मतदान अधिकारी तीसरे व मतदान अधिकारी चौथे ग्रेड का ही कार्य किया जा सकता है ।
भोपाल सिंह जी जलाल का कहना है कि वह पीठासीन अधिकारी बनने लायक नहीं है उन्होंने 1 सप्ताह पहले प्रशासन को मामले से अवगत कराकर उनकी ड्यूटी उनकी क्षमता के अनुसार लगाने की गुहार लगाई ।
वन विकास निगम के प्रभागीय लैंगिक प्रबंधक अधिकारी उमेश चंद्र दुर्गापाल ने कहा कि यहाँ स्केलर के पद पर तैनात एक कर्मचारी की ड्यूटी पीठासीन अधिकारी पद पर लगा दी गई उन्होंने मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजकर पद के अनुरूप कर्मचारी की चुनाव ड्यूटी लगाने की मांग की है। मामला जब ईटीवी भारत द्वारा नोडल कार्मिक अधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी मनुज गोयल के संज्ञान में डाला गया तो उन्होंने तत्काल मामले की फाइल प्रभारी कार्मिक अधिकारी सीईओ जगमोहन सोनी से मंगवाकर उनके ग्रेड वेतन के अनुसार उनकी डयूटी लगाने के आदेश दिए। उनका कहना है कि कार्मिकों की ड्यूटी जो चुनाव में पद के अनुसार लगती है लेकिन इस मामले में उनकी ड्यूटी उनके पद के अनुसार नहीं लग पाई जो कि लिपिकीय त्रुटि थी। जिसका संज्ञान लेकर इसको तुरंत ठीक कर दिया गया है ।और उनकी ड्यूटी अब चुनाव अधिकारी चतुर्थ श्रेणी में लगा दी गई है।

बाइट - उमेश चंद्र दुर्गापाल,प्रभागीय लैंगिक प्रबंधक अधिकारी
बाइट मनुज गोयल, नोडल कार्मिक अधिकारी
बाइट-भोपाल सिंह जलाल, कर्मचारी

नोट- कृपया यह खबर सिर्फ ईटीवी के पास है, कर्मचारी भोपाल सिंह जलाल की बाइट whatsapp से भेजी गई है बाकी अन्य बाइट मोजो से हैं।


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