अल्मोड़ा: पंचायत चुनाव को लेकर जहां इन दिनों चुनावी माहौल गर्म है, वहीं प्रशासन भी चुनाव प्रक्रिया को निपटाने के लिए जल्दबाजी में कामों को अंजाम दे रहा है. ताजा मामला चुनाव ड्यूटी में चूक का है, जिसमें एक वन निगम के स्केलर पद पर कार्यरत कर्मचारी भोपाल सिंह जलाल को मतदान स्थल का पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर दिया गया. साथ ही उसको 2 चरणों में चुनाव प्रक्रिया के लिए प्रशिक्षण भी दे दिया गया. मामला प्रकाश में आने के बाद निर्वाचन विभाग ने कर्मचारी का नाम पीठासीन अधिकारी से हटाकर उसे पद के अनुरूप चुनावी जिम्मेदारी सौंप दी.
बता दें कि वन विकास निगम में 2003 से कार्यरत स्केलर भोपाल सिंह जलाल को चुनाव ड्यूटी में प्रशासनिक चूक के चलते पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर दिया गया. वहीं, नियमों के अनुसार, पीठासीन अधिकारी राजपत्रित अधिकारी या फिर 5400 ग्रेड पे वाला कर्मचारी ही बन सकता है, लेकिन वन विकास निगम में कार्यरत स्केलर पद पर भोपाल सिंह जलाल तृतीय श्रेणी के कर्मचारी और उनका ग्रेड पे मात्र 2 हजार रुपये है.
कर्मचारी भोपाल जलाल को चुनाव ड्यूटी में पीठासीन अधिकारी बनाए जाने की बात पता लगी तो उन्होंने अपने उच्चाधिकारियों को इस बावत में अवगत कराया. वहीं, वन विकास निगम के प्रभागीय लैंगिक प्रबंधक अधिकारी उमेश चंद्र दुर्गापाल ने जिला निर्वाचन अधिकारी को जल्दबाजी में पत्र लिखा, लेकिन फिर भी विभागीय लापरवाही के चलते मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके साथ ही कर्मचारी भोपाल जलाल दो बार कार्मिकों के प्रशिक्षण में भी भाग ले चुके हैं.
वहीं, कर्मचारी भोपाल सिंह जी जलाल ने बताया कि वो पीठासीन अधिकारी बनने लायक नहीं हैं. उन्होंने 1 सप्ताह पहले प्रशासन को मामले से अवगत कराकर उनकी ड्यूटी उनकी क्षमता के अनुसार लगाने की गुहार लगाई थी.
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मामले के तूल पकड़ने पर वन विकास निगम के प्रभागीय लैंगिक प्रबंधक अधिकारी उमेश चंद्र दुर्गापाल ने बताया कि यहां स्केलर के पद पर तैनात एक कर्मचारी की ड्यूटी पीठासीन अधिकारी पद पर लगा दी गई है. साथ ही जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजकर पद के अनुरूप कर्मचारी की चुनाव ड्यूटी लगाने की मांग की है.
नोडल कार्मिक अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी मनुज गोयल ने तत्काल मामले की फाइल प्रभारी कार्मिक अधिकारी सीईओ जगमोहन सोनी से मंगवाकर उनके ग्रेड वेतन के अनुसार डयूटी लगाने के आदेश दिए हैं.