अल्मोड़ा: अल्मोड़ा में भांग के पौधे से कपड़े बनाए जा रहे हैं, जो स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का साधन बना हुआ है. वहीं इसके कपडे़ लोगों को भाने लगे हैं. तीन से चार फुट का भांग का पौधा अब अनेक लोगों के रोजगार का साधन बन रहा है. इससे कपड़े बनाने के लिए उद्योग लगाए जा रहे हैं. भांग के पौधे का उपयोग जहां खानपान में होता है, वहीं इससे सिर दर्द आदि अनेक परेशानियों को दूर करने के लिए दवा के रूप में भी प्रयोग किया जाता है.
अल्मोड़ा में भांग के पौधे के तने से निकले रेशे की मदद से कपड़े बनाये जा रहे हैं. अल्मोड़ा जिले के क्वैराली में हिमालयन हैंप कंपनी स्थापित है. यहां विभिन्न प्रकार के कपडे़ बनाए जा रहे हैं. कंपनी के निदेशक नरेंद्र चौहान के अनुसार 2014 में यहां भांग से कपड़े बनाने का कार्य शुरू किया. जिसमें भांग के तने को तीन से चार घंटे पानी में भिगाकर इसके रेशे निकाले जाते हैं.
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वहीं इससे एक विशेष प्रकार की रुई तैयार की जाती है, जिसे कात कर सूत बना मशीनों की सहायता से कपड़ा तैयार किया जाता है. भांग के पौधे से स्वेटर, कोट, टोपी, कमीज सहित अनेक प्रकार के कपडे़ बनाए जा रहे हैं. वर्तमान में इससे करीब 350 लोग प्रत्यक्ष एवं 900 लोग अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं, जिन्हें रोजगार प्राप्त हो रहा है.
यहां के कर्मचारी प्रतिदिन विभिन्न उत्पादों के दौ सौ पीस बना रहे हैं और बाजारों में उनकी सप्लाई की जा रही है. इससे होने वाली आमदनी से अनेक लोगों को की रोजी रोटी चल रही है. वहीं इस उद्योग से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ कर प्रतिदिन उत्पादक क्षमता को बढ़ाने के लक्ष्य को लेकर कार्य कर रहे हैं.