अल्मोड़ा: फयाटनोला गांव के श्याम सिंह को टीबी है. बीपीएल कार्ड धारी श्याम सिंह बेरोजगार हैं. इनकी उम्र 65 साल से अधिक है. आय का कोई साधन नहीं है. गांव के राजेंद्र सिंह मावड़ी ने वीडियो बनाकर बताया कि श्याम सिंह की मदद न तो सरकार ने की. न ही किसी संबंधित एजेंसी ने की. इनका रानीखेत में टेस्ट हुआ और उसके बाद टीबी घोषित हुआ. लेकिन उसके बाद स्वास्थ्य विभाग का कोई भी जिम्मेदार कर्मी श्याम सिंह का हाल लेने नहीं पहुंचा.
राजेंद्र सिंह मावड़ी बताते हैं कि वो सेक्रेटरी से मिले. लेकिन उन्होंने भी श्याम सिंह की पीड़ा को नहीं समझा. राजेंद्र कहते हैं कि एक ओर सरकार दावा करती है कि समाज के आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी असहाय नहीं छोड़ा जाएगा. लेकिन श्याम सिंह की हालत को देखकर लगता है कि सरकार को मजबूर लोगों की फिक्र नहीं है.
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बताया जा रहा है कि श्याम सिंह को पेंशन भी नहीं मिल रही है. फयाटनोला अल्मोड़ा जिले का एक अति दुर्गम गांव है. सड़क मार्ग से ये गांव करीब पांच किलोमीटर दूर है. यहां का मुख्य बाजार गांव से 8 किलोमीटर दूर है. यहां मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं.
दिलचस्प बात ये है कि श्याम सिंह मावड़ी जिस फयाटनोला गांव में रहते हैं वहां से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का गांव मोहनरी मुश्किल से 15 किलोमीटर दूर है. सालों तक ये गांव वर्तमान सांसद अजय भट्ट के विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा रहा है. इसके बावजूद फयाटनोला गांव के श्याम सिंह की सुध किसी ने अभी तक नहीं ली है.
फयाटनोला गांव में कभी 43 परिवार रहते थे. लेकिन रोजगार की कमी के कारण ज्यादातर लोग पलायन कर गये. अब बमुश्किल 4 से 5 परिवार गांव में रह रहे हैं. राजेंद्र सिंह मावड़ी रिटायरमेंट के बाद गांव आए हैं. उन्होंने मजबूर श्याम सिंह मावड़ी का दर्द देखा तो उनका दिल पसीज गया. जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों से कोई उम्मीद नहीं बचने के बाद उन्होंने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला है. उन्हें उम्मीद है कि कोई तो दयालु व्यक्ति होगा जो गरीब और मजबूर श्याम सिंह मावड़ी की मदद करेगा और उन्हें चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने के साथ उनकी रोजी-रोजी की व्यवस्था करेगा.