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सोनी के बिनसर महादेव मंदिर परिसर में बनेगी ब्रह्मलीन महंत राम गिरि की समाधि, अंतिम दर्शन को लगा भक्तों का तांता

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 11, 2023, 11:50 AM IST

Mahant Ram Giri Brahmalin ब्रह्मलीन बिनसर महादेव मंदिर के महंत राम गिरि की समाधि मंदिर परिसर में बनेगी. समाधि बनाने के लिए कार्रवाई शुरू हो चुकी है. बाबा के भक्तों का उनके अंतिम दर्शन के लिए तांता लगा हुआ है. महंत राम गिरि मंगलवार शाम ब्रह्मलीन हुए थे. Death of Mahant Ram Giri

Mahant Ram Giri Brahmalin
महंत राम गिरि बाबा

अल्मोड़ा: सोनी बिनसर महादेव मंदिर के संचालक महंत राम गिरि का मंगलवार को निधन हो गया था. वह रामनगर के बैलपड़ाव में स्थित अपने आश्रम में मंगलवार को ब्रम्हलीन हो गए थे. इसकी सूचना मिलने के बाद उनके भक्तों में शोक की लहर है. उनके पार्थिव शरीर को रामनगर से देर शाम रानीखेत स्थित सोनी बिनसर में लाया गया है.

Mahant Ram Giri Brahmalin
महंत राम गिरि जून अखाड़े के संत थे

महंत राम गिरि का देहांत: बिनसर महादेव में ही महंत राम गिरि की समाधि बनाई जाएगी. सोनी बिनसर महादेव मंदिर के संचालक महंत राम गिरि जूना अखाड़ा से संबंधित थे. उनके ब्रह्मलीन होने की सूचना के बाद बुधवार को जूना अखाड़ा के संत रानीखेत पहुंचे हैं. क्षेत्र के निवासी एवं मंदिर से जुडे़ सीएस भट्ट ने बताया कि महंत राम गिरि के पार्थिव शरीर को मंगलवार देर रात्रि सोनी बिनसर महादेव मंदिर आश्रम में लाया गया.

सोनी बिनसर महादेव मंदिर जूना अखाड़ा से संबंधित होने के कारण इसकी गद्​दी में गोर्वधन गिरि महाराज विराजमान हैं. लेकिन इस मंदिर का पूरा संचालन राम गिरि महाराज को दिया गया था. वह इस मंदिर का सफल संचालन करते आ रहे थे. उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में ही उनके पार्थिव शरीर को भक्तों के दर्शनों के लिए रखा गया है.

बुधवार को जूना अखाड़ा के संत यहां पहुंच चुके हैं. आज शाम तक उनकी समाधि का कार्य किया जाएगा. बिनसर महादेव मंदिर क्षेत्र में बहुत ठंड होती है. जिस कारण वह अधिकतर ठंड में रामनगर के बैलपड़ाव स्थित अपने आश्रम में जाया करते थे. इस बार भी ठंड बढ़ने के बाद वह बैलपड़ाव अपने आश्रम में गए थे. वहां पर मंगलवार की सुबह वह ब्रह्मलीन हो गए. महंत राम गिरि मधुमेह रोग से भी पीड़ित रहे थे.

महंत राम गिरि के निधन पर सोनी बिनसर में उनके भक्तों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है. जूना अखाड़े के संतों के पहुंचने के बाद महंत राम गिरि महाराज की समाधि बनाने की प्रक्रिया शुरू हो रही है. यह भी तय होगा कि मंदिर के किस भाग में उनकी समाधि बनाई जाएगी. उनके ब्रह्मलीन होने की खबर के बाद उनके भक्त उनके दर्शन को सोनी बिनसर में पहुंचने लगे हैं.
ये भी पढ़ें: पंचतत्व में विलीन हुई सुशीला बलूनी, बेटों ने दी मुखाग्नि, अंतिम विदाई में उमड़ी भीड़

अल्मोड़ा: सोनी बिनसर महादेव मंदिर के संचालक महंत राम गिरि का मंगलवार को निधन हो गया था. वह रामनगर के बैलपड़ाव में स्थित अपने आश्रम में मंगलवार को ब्रम्हलीन हो गए थे. इसकी सूचना मिलने के बाद उनके भक्तों में शोक की लहर है. उनके पार्थिव शरीर को रामनगर से देर शाम रानीखेत स्थित सोनी बिनसर में लाया गया है.

Mahant Ram Giri Brahmalin
महंत राम गिरि जून अखाड़े के संत थे

महंत राम गिरि का देहांत: बिनसर महादेव में ही महंत राम गिरि की समाधि बनाई जाएगी. सोनी बिनसर महादेव मंदिर के संचालक महंत राम गिरि जूना अखाड़ा से संबंधित थे. उनके ब्रह्मलीन होने की सूचना के बाद बुधवार को जूना अखाड़ा के संत रानीखेत पहुंचे हैं. क्षेत्र के निवासी एवं मंदिर से जुडे़ सीएस भट्ट ने बताया कि महंत राम गिरि के पार्थिव शरीर को मंगलवार देर रात्रि सोनी बिनसर महादेव मंदिर आश्रम में लाया गया.

सोनी बिनसर महादेव मंदिर जूना अखाड़ा से संबंधित होने के कारण इसकी गद्​दी में गोर्वधन गिरि महाराज विराजमान हैं. लेकिन इस मंदिर का पूरा संचालन राम गिरि महाराज को दिया गया था. वह इस मंदिर का सफल संचालन करते आ रहे थे. उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में ही उनके पार्थिव शरीर को भक्तों के दर्शनों के लिए रखा गया है.

बुधवार को जूना अखाड़ा के संत यहां पहुंच चुके हैं. आज शाम तक उनकी समाधि का कार्य किया जाएगा. बिनसर महादेव मंदिर क्षेत्र में बहुत ठंड होती है. जिस कारण वह अधिकतर ठंड में रामनगर के बैलपड़ाव स्थित अपने आश्रम में जाया करते थे. इस बार भी ठंड बढ़ने के बाद वह बैलपड़ाव अपने आश्रम में गए थे. वहां पर मंगलवार की सुबह वह ब्रह्मलीन हो गए. महंत राम गिरि मधुमेह रोग से भी पीड़ित रहे थे.

महंत राम गिरि के निधन पर सोनी बिनसर में उनके भक्तों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है. जूना अखाड़े के संतों के पहुंचने के बाद महंत राम गिरि महाराज की समाधि बनाने की प्रक्रिया शुरू हो रही है. यह भी तय होगा कि मंदिर के किस भाग में उनकी समाधि बनाई जाएगी. उनके ब्रह्मलीन होने की खबर के बाद उनके भक्त उनके दर्शन को सोनी बिनसर में पहुंचने लगे हैं.
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