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सोमेश्वर में भारी बारिश से उफनाए नाले, पेयजल लाइन, नहरें और मार्ग क्षतिग्रस्त

बजेल, पांया, निरई और सोन कोटुली गांवों में भारी बारिश से पेयजल लाइन, सिंचाई स्रोत और मुख्य मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं. किसानों की धान समेत अन्य फसलों को भी नुकसान पहुंचा है.

raman rain
रनमन में बारिश
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Published : Jun 11, 2021, 4:24 PM IST

सोमेश्वरः रनमन न्याय पंचायत के बजेल, निरई, सोन कोटुली और पाया गांव में बीती रात भारी बारिश हुई, जिससे काफी नुकसान हुआ है. इन गांवों में मुख्य संपर्क मार्ग, सिंचाई नहरें, पेयजल लाइन और खेतों की सुरक्षा दीवारें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. किसानों के खेतों में मलबा और बोल्डर भरने से फसलें तबाह हो गईं.

जानकारी के मुताबिक, गुरुवार की रात रनमन क्षेत्र के बजेल गांव में कुंवर सिंह और गणेश बजेठा के खेतों की सुरक्षा दीवारों के साथ ही संपर्क मार्ग भी आपदा की भेंट चढ़ गए. भुल्यूड़ गदेरे से गांव की दो सिंचाई नहरें ध्वस्त हो गई हैं. ग्रामीणों के खेतों में मलबा आ जाने से धान की पौध खराब हो गई है.

ग्राम प्रधान किशन सिंह खड़ाई और सामाजिक कार्यकर्ता गणेश बजेठा का कहना है कि अतिवृष्टि में गांव की मुख्य पेयजल योजना भी टूट चुकी है. पेयजल नौले में मलबा और बोल्डर भरने से गांव में पेयजल संकट खड़ा हो गया है.

ये भी पढ़ेंः सोमेश्वर में भारी बारिश से उफान पर नदी नाले, बिनसर महादेव में बने बाढ़ जैसे हालात

वहीं, राजस्व उप निरीक्षक दीवान नाथ गोस्वामी ने प्रभावित गांवों का निरीक्षण करते हुए बताया कि पांया गांव में हेमा देवी के मकान में जल भराव होने से घर का सामान खराब हो गया है. जबकि, निरई गांव में रेबुली देवी का मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ है. इसके अलावा सोन कोटुली गांव में भी कई संपर्क मार्ग और किसानों के खेतों की सुरक्षा दीवारों को खासा नुकसान पहुंचा है.

ये भी पढ़ेंः मायके में दूषित हो रही 'जीवनदायिनी', जानिए गंगा स्वच्छता की हकीकत

ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से जल्द सिंचाई नहरों, पेयजल योजनाओं और संपर्क मार्गों का निर्माण करने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि धान की रोपाई का समय आ चुका है. ऐसे में सिंचाई नहरों के ध्वस्त होने और खेतों में धान की पौध खराब होने से किसानों को दोहरी मार पड़ी है.

सोमेश्वरः रनमन न्याय पंचायत के बजेल, निरई, सोन कोटुली और पाया गांव में बीती रात भारी बारिश हुई, जिससे काफी नुकसान हुआ है. इन गांवों में मुख्य संपर्क मार्ग, सिंचाई नहरें, पेयजल लाइन और खेतों की सुरक्षा दीवारें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. किसानों के खेतों में मलबा और बोल्डर भरने से फसलें तबाह हो गईं.

जानकारी के मुताबिक, गुरुवार की रात रनमन क्षेत्र के बजेल गांव में कुंवर सिंह और गणेश बजेठा के खेतों की सुरक्षा दीवारों के साथ ही संपर्क मार्ग भी आपदा की भेंट चढ़ गए. भुल्यूड़ गदेरे से गांव की दो सिंचाई नहरें ध्वस्त हो गई हैं. ग्रामीणों के खेतों में मलबा आ जाने से धान की पौध खराब हो गई है.

ग्राम प्रधान किशन सिंह खड़ाई और सामाजिक कार्यकर्ता गणेश बजेठा का कहना है कि अतिवृष्टि में गांव की मुख्य पेयजल योजना भी टूट चुकी है. पेयजल नौले में मलबा और बोल्डर भरने से गांव में पेयजल संकट खड़ा हो गया है.

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वहीं, राजस्व उप निरीक्षक दीवान नाथ गोस्वामी ने प्रभावित गांवों का निरीक्षण करते हुए बताया कि पांया गांव में हेमा देवी के मकान में जल भराव होने से घर का सामान खराब हो गया है. जबकि, निरई गांव में रेबुली देवी का मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ है. इसके अलावा सोन कोटुली गांव में भी कई संपर्क मार्ग और किसानों के खेतों की सुरक्षा दीवारों को खासा नुकसान पहुंचा है.

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ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से जल्द सिंचाई नहरों, पेयजल योजनाओं और संपर्क मार्गों का निर्माण करने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि धान की रोपाई का समय आ चुका है. ऐसे में सिंचाई नहरों के ध्वस्त होने और खेतों में धान की पौध खराब होने से किसानों को दोहरी मार पड़ी है.

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