अल्मोड़ा: हवालबाग ब्लॉक मुख्यालय में ग्राम प्रधान संगठन (Protest at Hawalbagh block headquarters of Almora) ने 8 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन (protest on 8 point demands) किया. इस दौरान ग्राम प्रधान संगठन ने सरकार पर आरोप लगाया कि घोषणा के दो वर्ष बाद भी उन्हें कोरोना प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है. इसके अलावा मनरेगा योजना में भुगतान सहित अन्य समस्याओं को उठाया गया है. ग्राम प्रधानों ने चेतावनी दी है कि शीघ्र समस्याओं का निस्तारण नहीं होने पर वह उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे.
ग्राम प्रधान संगठन अध्यक्ष देव सिंह भोज के नेतृत्व में ग्राम प्रधानों ने 8 सूत्रीय मांगों को लेकर एक सभा की. जिसमें वक्ताओं ने कहा भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा कार्यक्रम नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम से उपस्थिति का विरोध किया जाएगा. इसके अलावा केंद्रीय वित्त की वर्ष 2022-23 की किश्त को शीघ्र मुक्त करने, कोरोना काल में सरकार द्वारा की गई घोषणा के अनुरूप ग्राम प्रधानों को ₹10000 प्रोत्साहन राशि दिए जाने, मनरेगा कार्यों में भुगतान की समस्या का निस्तारण करने, मनरेगा योजना में अकुशल श्रमिकों को ₹400 तथा कुशल श्रमिकों को ₹600 प्रतिदिन मजदूरी देने, कोरोना काल को देखते हुए प्रधानों का कार्यकाल 2 वर्ष बढ़ाने, ग्राम प्रधानों को विधायकों और सांसदों की भांति पेंशन दिए जाने तथा विकास खंड में कनिष्ठ अभियंताओं की नियुक्तियां किए जाने की मांग की गई.
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कोटद्वार में भी धरना प्रदर्शन: उत्तराखण्ड प्रदेश प्रधान संगठन के आह्वान पर सम्पूर्ण उत्तराखंड में प्रधान संगठन ने NMMS के विरोध में ब्लॉक मुख्यालय में ग्राम प्रधानों व क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने मिलकर धरना प्रदर्शन किया. सभी प्रधानों व उपस्थित क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने कहा पहाड़ की विकट परिस्थिति में NMMS सही नहीं है. केंद्र सरकार को इसमें जरूर पुनर्विचार करना चाहिए.
इसके साथ ही सभी ग्राम प्रधानों ने विकास कार्यों में हो रही देरी पर चिंता जताई. साथ ही वित के कार्यों का बजट का जारी न होना से उत्तराखंड में पंचायत क्षेत्र में विकास नहीं हो रहा है. प्रधानों को कोरोना प्रोत्साहन के लिए पूर्व में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी द्वारा घोषित कोराना प्रोत्साहन राशि न मिलना, मुख्यमंत्री द्वारा घोषित आपदा मद जारी न होना आदि तमाम बातों पर उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने गहरा आक्रोश जताया.