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सल्ट उपचुनाव की मतगणना की तैयारियां पूरी, सात प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला आज

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Published : May 1, 2021, 5:29 PM IST

Updated : May 2, 2021, 6:47 AM IST

कोरोना महामारी के बीच हुए सल्ट उपचुनाव का नतीजा रविवार यानी आज आ जाएगा. सल्ट उपचुनाव में सात प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला आज होगा. चुनाव आयोग ने मतगणना की तैयारी पूरी कर ली है.

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सल्ट उपचुनाव

अल्मोड़ा: निर्वाचन आयोग ने दो मई यानी आज सल्ट उपचुनाव के मतों की गिनती के लिए तैयारी पूरी कर ली है. आयोग साथ में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते यह सुनिश्चित कर रहा है कि स्वास्थ्य नियमों एवं सामाजिक दूरी का कड़ाई से अनुपालन हो.

सल्ट उपचुनाव के लिए मतगणना राजकीय इंटर कॉलेज भिकियासैंण में होगी, जो सुबह 8 बजे से शुरू होगी. इस मतगणना केंद्र पर 84 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. मतगणना के लिए कुल 13 टेबिल लगाई गई हैं. एक टेबल पर मतगणना पर्यवेक्षक, मतगणना अधिकारी और माइक्रो आब्जर्बर तैनात रहेंगे.

वहीं, मतगणना को लेकर पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किया गया है. कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए सभी नियमों का पालन किया जा रहा है. मतगणना कार्य में लगे सभी कर्मचारियों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है.

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सात प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला कल.

सल्ट उपचुनाव में 7 उम्मीदवारों का फैसला आज होने जा रहा है. लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच में देखा जा रहा है. बीते 17 अप्रैल को हुए मतदान के दौरान 41,474 लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया था.

बीजेपी ने सुरेंद्र जीना के भाई महेश जीना को बनाया है प्रत्‍याशी

महेश जीना सल्ट के विधायक रहे स्व. सुरेंद्र सिंह जीना के भाई हैं. वह अपने छोटे भाई सुरेंद्र सिंह जीना के चुनावों में उनका मैनेजमेंट संभालते रहे हैं. सुरेंद्र जीना के 2005 के भिकियासैंण विधानसभा सीट का चुनाव हो, या 2012 और 2017 का सल्ट विधानसभा सीट चुनाव हो, उन्होंने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई.

कांग्रेस ने गंगा पंचोली पर खेला दांव

गंगा पंचोली 2017 में भी विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं. 2017 की मोदी लहर के बीच भी कांग्रेस प्रत्याशी गंगा पंचौली बहुत कम अंतर से यह चुनाव हारी थीं.

ये भी पढ़ें: सल्ट उपचुनाव: सहानुभूति और मोदी नाम से बीजेपी जीतेगी सीट?

सल्ट विधानसभा सीट का इतिहास

  1. साल 2002 के पहले विधानसभा चुनाव में रणजीत रावत जैसे तेजतर्रार नेता को यहां के मतदाताओं ने विजयी बनाया.
  2. यही सिलसिला 2007 में भी जारी रहा, लेकिन 2012 में यहां की जनता ने भाजपा के सुरेंद्र सिंह जीना पर भरोसा किया.
  3. 2017 में सल्ट की जनता ने दोबारा से सुरेंद्र सिंह जीना को विधानसभा भेजा.

2002 कांग्रेस के हाथों में गयी सीट

  1. साल 2002 के चुनाव में कांग्रेस के रणजीत रावत को 11982 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी के मोहन सिंह को 8436 वोट मिले.
  2. इस तरह करीब 3500 वोटों से कांग्रेस यहां पर जीत हासिल कर पाई थी.
  3. पहले चुनाव में ही कुल 12 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे.
  4. जिनके भाग्य का फैसला 28850 मतदाताओं ने किया था.

2007 में दोबारा कांग्रेस को मिली जीत

  1. इस विधानसभा सीट के लिए साल 2007 में कुल 34816 मत पड़े.
  2. कुल 9 प्रत्याशी मैदान में उतरे.
  3. इस बार भी कांग्रेस के रणजीत रावत 15190 वोट पाकर विजयी हुए.
  4. भाजपा के दिनेश सिंह 8075 वोट लेकर करीब 7000 वोट से बुरी तरह परास्त हुए.

2012 में बीजेपी ने जीत दर्ज की

  1. 2012 के विधानसभा चुनाव में सल्ट की जनता ने युवा नेता सुरेंद्र सिंह जीना को 23956 वोट दिए थे.
  2. इस बार कांग्रेस के रणजीत सिंह रावत 18512 वोटों के साथ करीब 5000 वोटों से बुरी तरह हार गए थे.
  3. इस साल इस विधानसभा क्षेत्र में 90303 वोटर थे. जिनमें से 46942 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया.

2017 में भी बीजेपी ने लहराया परचम

  1. साल 2017 में 95737 मतदाताओं वाली इस विधानसभा सीट में 44044 मतदाताओं ने वोट डाले यानी कुल 46% वोट पड़े.
  2. इस बार भी सुरेंद्र सिंह जीना 21581 वोट ले जाने में सफल हुए जो कि कुल मतदान का 49.17% था.
  3. कांग्रेस से गंगा पंचोली 18677 वोट यानी 42.55% वोट हासिल कर सकीं और वह करीब 3000 वोटों से हार गईं.

अल्मोड़ा: निर्वाचन आयोग ने दो मई यानी आज सल्ट उपचुनाव के मतों की गिनती के लिए तैयारी पूरी कर ली है. आयोग साथ में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते यह सुनिश्चित कर रहा है कि स्वास्थ्य नियमों एवं सामाजिक दूरी का कड़ाई से अनुपालन हो.

सल्ट उपचुनाव के लिए मतगणना राजकीय इंटर कॉलेज भिकियासैंण में होगी, जो सुबह 8 बजे से शुरू होगी. इस मतगणना केंद्र पर 84 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. मतगणना के लिए कुल 13 टेबिल लगाई गई हैं. एक टेबल पर मतगणना पर्यवेक्षक, मतगणना अधिकारी और माइक्रो आब्जर्बर तैनात रहेंगे.

वहीं, मतगणना को लेकर पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किया गया है. कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए सभी नियमों का पालन किया जा रहा है. मतगणना कार्य में लगे सभी कर्मचारियों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है.

salt-by-election
सात प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला कल.

सल्ट उपचुनाव में 7 उम्मीदवारों का फैसला आज होने जा रहा है. लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच में देखा जा रहा है. बीते 17 अप्रैल को हुए मतदान के दौरान 41,474 लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया था.

बीजेपी ने सुरेंद्र जीना के भाई महेश जीना को बनाया है प्रत्‍याशी

महेश जीना सल्ट के विधायक रहे स्व. सुरेंद्र सिंह जीना के भाई हैं. वह अपने छोटे भाई सुरेंद्र सिंह जीना के चुनावों में उनका मैनेजमेंट संभालते रहे हैं. सुरेंद्र जीना के 2005 के भिकियासैंण विधानसभा सीट का चुनाव हो, या 2012 और 2017 का सल्ट विधानसभा सीट चुनाव हो, उन्होंने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई.

कांग्रेस ने गंगा पंचोली पर खेला दांव

गंगा पंचोली 2017 में भी विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं. 2017 की मोदी लहर के बीच भी कांग्रेस प्रत्याशी गंगा पंचौली बहुत कम अंतर से यह चुनाव हारी थीं.

ये भी पढ़ें: सल्ट उपचुनाव: सहानुभूति और मोदी नाम से बीजेपी जीतेगी सीट?

सल्ट विधानसभा सीट का इतिहास

  1. साल 2002 के पहले विधानसभा चुनाव में रणजीत रावत जैसे तेजतर्रार नेता को यहां के मतदाताओं ने विजयी बनाया.
  2. यही सिलसिला 2007 में भी जारी रहा, लेकिन 2012 में यहां की जनता ने भाजपा के सुरेंद्र सिंह जीना पर भरोसा किया.
  3. 2017 में सल्ट की जनता ने दोबारा से सुरेंद्र सिंह जीना को विधानसभा भेजा.

2002 कांग्रेस के हाथों में गयी सीट

  1. साल 2002 के चुनाव में कांग्रेस के रणजीत रावत को 11982 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी के मोहन सिंह को 8436 वोट मिले.
  2. इस तरह करीब 3500 वोटों से कांग्रेस यहां पर जीत हासिल कर पाई थी.
  3. पहले चुनाव में ही कुल 12 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे.
  4. जिनके भाग्य का फैसला 28850 मतदाताओं ने किया था.

2007 में दोबारा कांग्रेस को मिली जीत

  1. इस विधानसभा सीट के लिए साल 2007 में कुल 34816 मत पड़े.
  2. कुल 9 प्रत्याशी मैदान में उतरे.
  3. इस बार भी कांग्रेस के रणजीत रावत 15190 वोट पाकर विजयी हुए.
  4. भाजपा के दिनेश सिंह 8075 वोट लेकर करीब 7000 वोट से बुरी तरह परास्त हुए.

2012 में बीजेपी ने जीत दर्ज की

  1. 2012 के विधानसभा चुनाव में सल्ट की जनता ने युवा नेता सुरेंद्र सिंह जीना को 23956 वोट दिए थे.
  2. इस बार कांग्रेस के रणजीत सिंह रावत 18512 वोटों के साथ करीब 5000 वोटों से बुरी तरह हार गए थे.
  3. इस साल इस विधानसभा क्षेत्र में 90303 वोटर थे. जिनमें से 46942 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया.

2017 में भी बीजेपी ने लहराया परचम

  1. साल 2017 में 95737 मतदाताओं वाली इस विधानसभा सीट में 44044 मतदाताओं ने वोट डाले यानी कुल 46% वोट पड़े.
  2. इस बार भी सुरेंद्र सिंह जीना 21581 वोट ले जाने में सफल हुए जो कि कुल मतदान का 49.17% था.
  3. कांग्रेस से गंगा पंचोली 18677 वोट यानी 42.55% वोट हासिल कर सकीं और वह करीब 3000 वोटों से हार गईं.
Last Updated : May 2, 2021, 6:47 AM IST
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