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जागेश्वर मंदिर में पूजा शुरू, इन नियमों का सख्ती से करना होगा पालन - डीएम नितिन सिंह भदौरिया

जागेश्वर मंदिर में भौतिक पूजाएं शुरू हो चुकी है. अभी तक 29 श्रद्धालु यहां पहुंचकर धार्मिक अनुष्ठान करा चुके हैं. वहीं, श्रद्धालुओं को कोविड के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा.

physical worship  jageshwar temple
जागेश्वर मंदिर
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Published : Oct 27, 2020, 9:33 PM IST

अल्मोड़ाः प्रसिद्ध शिव के धाम जागेश्वर मंदिर में करीब 7 महीने के बाद एक बार फिर से भौतिक पूजाएं शुरू हो चुकी है. अभी तक यहां पूजाएं कोरोना के कारण ऑनलाइन हो रही थी. जबकि, भक्तों को दर्शन की अनुमति थी, लेकिन अब जिला प्रशासन की अनुमति के बाद मंदिर में सीमित संख्या में भौतिक रूप से पूजा शुरू हो चुकी है. अभी तक 29 श्रद्धालु यहां पहुंचकर धार्मिक अनुष्ठान करा चुके हैं.

जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति के प्रबंधक भगवान भट्ट ने बताया कि कोरोना के चलते जागेश्वर धाम में 17 मार्च से भौतिक पूजा कराने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. तब से श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पूजा की व्यवस्था की गईं थीं, लेकिन अब सरकार की गाइडलाइन और जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया से अनुमति मिलने के बाद जागेश्वर मंदिर में भौतिक पूजाएं सीमित संख्या में शुरू हो गई है.

जागेश्वर मंदिर में पूजा शुरू.

ये भी पढ़ेंः यमुनोत्री धाम में सीजन की पहली बर्फबारी, सैलानियों के खिले चेहरे

उन्होंने बताया कि भौतिक आधार पर पूजाओं के लिए पूर्व में चयनित स्थलों जिनमें रुद्राभिषेक हेतु केदार मंदिर के पास, पार्थिव पूजा व अन्य पूजाओं हेतु जागेश्वर भोग शाला व हवन कुंड के पास ही संपादित की जाएगी. भौतिक पूजाओं के दौरान कोराना संक्रमण से बचाव के लिए जारी दिशा-निर्देश व नियमावली का पूरी तरह से पालन करना होगा.

भौतिक पूजाओं के लिए चयनित स्थल का आवंटन पूर्व में बुकिंग के पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा. बुकिंग के लिए संबंधित पूजा की रसीद कटवानी आवश्यक होगी, केवल उन्हीं श्रद्धालुओं को स्थल आवंटित किया जाएगा. जिन्होंने पहले से ही पूजा की रसीद कटवाई होगी.

ये भी पढ़ेंः केदारनाथ धाम: तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़ते ही 'लूट' पर उतरे व्यापारी, लड़खड़ाने लगी व्यवस्थाएं

उन्होंने बताया कि पूजा के लिए श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या पूर्व में तय मानक के आधार पर होगी. किसी भी स्थिति में सदस्यों की संख्या बढ़ाई नहीं जाएगी. यदि किसी भी पुजारी की ओर से तय सीमा से अधिक श्रद्धालुओं को एक साथ बैठाकर पूजा कराई जाती है तो संबंधित पुजारी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, पूजा केवल एक पुजारी ही कर पाएगा. किसी भी स्थिति में सहायक पुजारी की अनुमति नहीं होगी. पूजा के दौरान केंद्र व राज्य सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अंतर्गत पुजारी से टीका लगवाना, कलावा बांधना या जल का छिड़काव पूर्णरूप से प्रतिबंधित होगा. जबकि, मंदिर दर्शन हेतु पूर्व की भांति 10 मिनट का समय होगा और परिसर में अनावश्यक भ्रमण पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा.

अल्मोड़ाः प्रसिद्ध शिव के धाम जागेश्वर मंदिर में करीब 7 महीने के बाद एक बार फिर से भौतिक पूजाएं शुरू हो चुकी है. अभी तक यहां पूजाएं कोरोना के कारण ऑनलाइन हो रही थी. जबकि, भक्तों को दर्शन की अनुमति थी, लेकिन अब जिला प्रशासन की अनुमति के बाद मंदिर में सीमित संख्या में भौतिक रूप से पूजा शुरू हो चुकी है. अभी तक 29 श्रद्धालु यहां पहुंचकर धार्मिक अनुष्ठान करा चुके हैं.

जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति के प्रबंधक भगवान भट्ट ने बताया कि कोरोना के चलते जागेश्वर धाम में 17 मार्च से भौतिक पूजा कराने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. तब से श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पूजा की व्यवस्था की गईं थीं, लेकिन अब सरकार की गाइडलाइन और जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया से अनुमति मिलने के बाद जागेश्वर मंदिर में भौतिक पूजाएं सीमित संख्या में शुरू हो गई है.

जागेश्वर मंदिर में पूजा शुरू.

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उन्होंने बताया कि भौतिक आधार पर पूजाओं के लिए पूर्व में चयनित स्थलों जिनमें रुद्राभिषेक हेतु केदार मंदिर के पास, पार्थिव पूजा व अन्य पूजाओं हेतु जागेश्वर भोग शाला व हवन कुंड के पास ही संपादित की जाएगी. भौतिक पूजाओं के दौरान कोराना संक्रमण से बचाव के लिए जारी दिशा-निर्देश व नियमावली का पूरी तरह से पालन करना होगा.

भौतिक पूजाओं के लिए चयनित स्थल का आवंटन पूर्व में बुकिंग के पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा. बुकिंग के लिए संबंधित पूजा की रसीद कटवानी आवश्यक होगी, केवल उन्हीं श्रद्धालुओं को स्थल आवंटित किया जाएगा. जिन्होंने पहले से ही पूजा की रसीद कटवाई होगी.

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उन्होंने बताया कि पूजा के लिए श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या पूर्व में तय मानक के आधार पर होगी. किसी भी स्थिति में सदस्यों की संख्या बढ़ाई नहीं जाएगी. यदि किसी भी पुजारी की ओर से तय सीमा से अधिक श्रद्धालुओं को एक साथ बैठाकर पूजा कराई जाती है तो संबंधित पुजारी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, पूजा केवल एक पुजारी ही कर पाएगा. किसी भी स्थिति में सहायक पुजारी की अनुमति नहीं होगी. पूजा के दौरान केंद्र व राज्य सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अंतर्गत पुजारी से टीका लगवाना, कलावा बांधना या जल का छिड़काव पूर्णरूप से प्रतिबंधित होगा. जबकि, मंदिर दर्शन हेतु पूर्व की भांति 10 मिनट का समय होगा और परिसर में अनावश्यक भ्रमण पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा.

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