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फार्मासिस्टों ने सरकार के सामने रखीं 15 सूत्रीय मांगें, 1 मई से कार्य बहिष्कार की चेतावनी - अल्मोड़ा समाचार

फार्मासिस्ट अपनी मांगें मनवाने के लिए आंदोलन पर उतर आए हैं. डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने 15 सूत्रीय मांग पत्र सामने रखा है. उनका कहना है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो अगले महीने से कार्य बहिष्कार होगा.

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Published : Apr 27, 2023, 11:43 AM IST

अल्मोडा: जिले के विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत फार्मासिस्ट इन दिनों अपनी मांगों को लेकर आंदोलन की राह में चल पडे़ हैं. वह हाथ में काला फीता बांध कर कार्य करते हुए अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. वहीं एक मई से कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी भी दी है.

डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने 15 सूत्रीय मांग पत्र पर जल्द कार्रवाई करने की मांग की है. मांग की गई है कि आईपीएचएस मानकों के तहत फार्मासिस्टों के पदों में वृद्धि की जाए. वहीं फार्मासिस्ट संवर्ग की अराजपत्रित और राजपत्रित सेवानियमावली को शीघ्र प्रख्यापित किया जाए. इसके अलावा नये फार्मेसी काउंसिल का गठन करने, फार्मेसी संवर्ग के पदधारकों के पदनाम परिवर्तन करने, दस वर्ष की सेवा के बाद प्रथम एसीपी का लाभ देने, फार्मेससिस्ट को औषधि लिखने तथा उपचार की अनुमति देने, पुरानी पेंशन का लाभ दिए जाने, फार्मासिस्टों को पेशेंट केयर भत्ता दिए जाने सहित पंद्रह सूत्रीय मांगें रखी हैं.

फार्मासिस्टों ने आरोप लगाया है कि महानिदेशालय स्तर पर फार्मासिस्ट संवर्ग की लम्बित मांगों का निराकरण नहीं किया जा रहा है. जिसके विरोध में आंदोलन की शुरुआत कर कर दी गई है. पहले चरण में संवर्ग के समस्त फार्मासिस्ट एंव संवर्ग के अधिकारी अपनी सेवाएं सामान्य रूप से करते हुए ड्यूटी अवधि में एप्रेन की बांह में काला फीता बांधकर विभागीय प्रशासन द्वारा मांगों की उपेक्षा किए जाने का विरोध कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें: Medical Store पर फार्मासिस्ट है या नहीं सरकार करेगी चेक, चलेगा सत्यापन अभियान

जिलाध्यक्ष डीके जोशी ने कहा कि 28 अप्रैल से फार्मासिस्ट दो घंटे का कार्य बहिष्कार कर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के प्रागण में धरना देंगे. इसके बाद भी अगर मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो 8 मई से महानिदेशालय में क्रमिक अनशन किया जायेगा. इमरजेन्सी एवं पोस्टमार्टम ड्यूटी का भी बहिष्कार किया जाएगा.

अल्मोडा: जिले के विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत फार्मासिस्ट इन दिनों अपनी मांगों को लेकर आंदोलन की राह में चल पडे़ हैं. वह हाथ में काला फीता बांध कर कार्य करते हुए अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. वहीं एक मई से कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी भी दी है.

डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने 15 सूत्रीय मांग पत्र पर जल्द कार्रवाई करने की मांग की है. मांग की गई है कि आईपीएचएस मानकों के तहत फार्मासिस्टों के पदों में वृद्धि की जाए. वहीं फार्मासिस्ट संवर्ग की अराजपत्रित और राजपत्रित सेवानियमावली को शीघ्र प्रख्यापित किया जाए. इसके अलावा नये फार्मेसी काउंसिल का गठन करने, फार्मेसी संवर्ग के पदधारकों के पदनाम परिवर्तन करने, दस वर्ष की सेवा के बाद प्रथम एसीपी का लाभ देने, फार्मेससिस्ट को औषधि लिखने तथा उपचार की अनुमति देने, पुरानी पेंशन का लाभ दिए जाने, फार्मासिस्टों को पेशेंट केयर भत्ता दिए जाने सहित पंद्रह सूत्रीय मांगें रखी हैं.

फार्मासिस्टों ने आरोप लगाया है कि महानिदेशालय स्तर पर फार्मासिस्ट संवर्ग की लम्बित मांगों का निराकरण नहीं किया जा रहा है. जिसके विरोध में आंदोलन की शुरुआत कर कर दी गई है. पहले चरण में संवर्ग के समस्त फार्मासिस्ट एंव संवर्ग के अधिकारी अपनी सेवाएं सामान्य रूप से करते हुए ड्यूटी अवधि में एप्रेन की बांह में काला फीता बांधकर विभागीय प्रशासन द्वारा मांगों की उपेक्षा किए जाने का विरोध कर रहे हैं.
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जिलाध्यक्ष डीके जोशी ने कहा कि 28 अप्रैल से फार्मासिस्ट दो घंटे का कार्य बहिष्कार कर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के प्रागण में धरना देंगे. इसके बाद भी अगर मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो 8 मई से महानिदेशालय में क्रमिक अनशन किया जायेगा. इमरजेन्सी एवं पोस्टमार्टम ड्यूटी का भी बहिष्कार किया जाएगा.

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