अल्मोड़ाः राज्य में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां जोर पकड़ने लगी हैं. अल्मोड़ा जिले में चुनाव की गतिविधियां जोर पकड़ने लगी हैं. इस बार पंचायत चुनाव में यहां के 2,289 नेता चुनाव लड़ने से वंचित हो चुके हैं. बताया जा रहा कि 2014 के पंचायत चुनाव में इन प्रत्याशियों द्वारा चुनावी खर्च का ब्यौरा जमा नहीं करने पर राज्य निर्वाचन आयोग ने इन्हें अयोग्य घोषित करते हुए अगले छह सालों तक चुनाव लड़ने पर बैन लगा दिया है. जिस कारण इन प्रत्याशियों के अरमानों पर इस बार पानी फिर गया है.
बाकायदा निर्वाचन आयोग ने अयोग्य दावेदारों की सूची संबंधित विभागों को भेज दी है. जिसमें अल्मोड़ा जिले में ग्राम प्रधानों के 1,511, बीडीसी के 712 और जिला पंचायत के 66 प्रत्याशी हैं जो इस बार पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
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सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी पंचस्थानी त्रिलोक सिंह नगरकोटी ने बताया कि 2014 के पंचायत चुनाव लड़ चुके 2,287 प्रत्याशियों ने अपने खर्च का ब्यौरा नहीं दिया जिस कारण चुनाव आयोग ने इनको 6 साल के लिए अयोग्य घोषित किया है.
अयोग्य घोषित प्रत्याशियों में जिले में सबसे अधिक ग्राम प्रधान के प्रत्याशी हवालबाग ब्लाक के हैं. यहां पिछले कार्यकाल के 207 प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया है.
पंचस्थानी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधान के लिए द्वाराहाट से 148, लमगड़ा से 121, भैसियाछाना से 90, ताकुला से 144, चैखुटिया से 122, हवालबाग से 207, भिकियासैंण से 63, सल्ट से 145, धौलादेवी से 194, ताड़ीखेत से 101 तथा स्याल्दे से 175 पिछले चुनाव के प्रत्याशियों को छह वर्ष के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहरा दिया है.
इसी तरह बीडीसी सदस्यों के लिए द्वाराहाट में 69, लमगड़ा में 42, ताकुला में 83, चैखुटिया में 55, हवालबाग में 92, भिकियासैंण में 27, सल्ट में 86, धौलादेवी में 80, ताड़ीखेत में 51 और स्याल्दे में 86 प्रत्याशियों को अयोग्य घोषित किया गया है.
वहीं, जिला पंचायत के लिए पिछला चुनाव लड़ चुके 66 प्रत्याशियों जिन्होंने चुनाव खर्च जमा नहीं कराया था उन्हें भी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है.