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पंचायती राज एक्ट में संशोधन के कारण प्रतिनिधियों में रोष, बोले- कम पढ़े-लिखे लोगों ने ही दिलाई देश को आजादी

जिला पंचायत का कार्यकाल समाप्त होने के बाद जिला पंचायत प्रतिनिधियों ने विदाई समारोह का आयोजन किया. इस कार्यक्रम के दौरान नए पंचायती राज एक्ट का विरोध भी किया गया.

पंचायती राज एक्ट में संशोधन के कारण प्रतिनिधियों में रोष.
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Published : Aug 10, 2019, 6:17 PM IST

अल्मोड़ा: पंचायती राज एक्ट में संशोधन के बाद 40 वर्ष से अधिक उम्र वाले पंचायत प्रतिनिधि चुनावी रेस से बाहर हो गए हैं. जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष, पूर्व अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य समेत अधिकांश दिग्गज नेता वर्षों से पंचायतों में विभिन्न पदों पर आसीन थे. ऐसे में जिला पंचायत का कार्यकाल समाप्त होने के बाद जिला पंचायत प्रतिनिधियों के विदाई समारोह का आयोजन किया. इस दौरान 5 साल के कार्यकाल की प्रगति को मंच के सामने रखते हुए नए पंचायती राज एक्ट का विरोध भी किया गया.

पंचायती राज एक्ट में संशोधन के कारण प्रतिनिधियों में रोष.

जिले में आयोजित विदाई समारोह में उपस्थित पूर्व स्पीकर और जागेश्वर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने बताया कि सरकार ने गलत मंशा और बिना सोचे समझे पंचायती राज एक्ट बनाया है, जिसके खिलाफ कोर्ट में मामला चल रहा है. वहीं, वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष पार्वती मेहरा और उनके पति पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन सिंह मेहरा नए नियम लागू होने के बाद अब चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

ये भी पढ़ें: प्रदेश में पुलों के निर्माण को लेकर सीएम त्रिवेंद्र हुए सख्त, 2022 तक काम पूरा करने के आदेश

ग्रामीण क्षेत्र में लंबे समय से पंचायत के विभिन्न पदों पर काबिज रहे इस परिवार का कहना है कि कम शिक्षित होने के बावजूद उन्होंने अच्छा नेतृत्व किया है, जिसकी लोग सराहना करते हैं. लेकिन, शैक्षिक योग्यता निर्धारित करने और 3 बच्चों वाले नियम के कारण वो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. साथ ही उन्होंने बताया कि कम पढ़े-लिखे व्यक्ति में काम करने की योग्यता नहीं होती यह धारणा सरासर गलत है. क्योंकि इस देश को कम पढ़े-लिखे लोगों ने ही आजादी दिलाई और देश को आगे बढ़ाया है.

जिला पंचायत अध्यक्ष पार्वती मेहरा और उनके पति का कहना है कि इस प्रकार के एक्ट लाकर सरकार अनुभवी लोगों को दरकिनार करना चाहती है. साथ ही धौलादेवी ब्लॉक प्रमुख और वरिष्ठ नेता पिताम्बर पांडे समेत अधिकांश 40 उम्र पर कर चुके ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य आगामी चुनाव लड़ने से वंचित हो गए हैं. सरकार द्वारा बनाए गए नियम के कारण इन लोगों में काफी रोष है.

अल्मोड़ा: पंचायती राज एक्ट में संशोधन के बाद 40 वर्ष से अधिक उम्र वाले पंचायत प्रतिनिधि चुनावी रेस से बाहर हो गए हैं. जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष, पूर्व अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य समेत अधिकांश दिग्गज नेता वर्षों से पंचायतों में विभिन्न पदों पर आसीन थे. ऐसे में जिला पंचायत का कार्यकाल समाप्त होने के बाद जिला पंचायत प्रतिनिधियों के विदाई समारोह का आयोजन किया. इस दौरान 5 साल के कार्यकाल की प्रगति को मंच के सामने रखते हुए नए पंचायती राज एक्ट का विरोध भी किया गया.

पंचायती राज एक्ट में संशोधन के कारण प्रतिनिधियों में रोष.

जिले में आयोजित विदाई समारोह में उपस्थित पूर्व स्पीकर और जागेश्वर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने बताया कि सरकार ने गलत मंशा और बिना सोचे समझे पंचायती राज एक्ट बनाया है, जिसके खिलाफ कोर्ट में मामला चल रहा है. वहीं, वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष पार्वती मेहरा और उनके पति पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन सिंह मेहरा नए नियम लागू होने के बाद अब चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

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ग्रामीण क्षेत्र में लंबे समय से पंचायत के विभिन्न पदों पर काबिज रहे इस परिवार का कहना है कि कम शिक्षित होने के बावजूद उन्होंने अच्छा नेतृत्व किया है, जिसकी लोग सराहना करते हैं. लेकिन, शैक्षिक योग्यता निर्धारित करने और 3 बच्चों वाले नियम के कारण वो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. साथ ही उन्होंने बताया कि कम पढ़े-लिखे व्यक्ति में काम करने की योग्यता नहीं होती यह धारणा सरासर गलत है. क्योंकि इस देश को कम पढ़े-लिखे लोगों ने ही आजादी दिलाई और देश को आगे बढ़ाया है.

जिला पंचायत अध्यक्ष पार्वती मेहरा और उनके पति का कहना है कि इस प्रकार के एक्ट लाकर सरकार अनुभवी लोगों को दरकिनार करना चाहती है. साथ ही धौलादेवी ब्लॉक प्रमुख और वरिष्ठ नेता पिताम्बर पांडे समेत अधिकांश 40 उम्र पर कर चुके ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य आगामी चुनाव लड़ने से वंचित हो गए हैं. सरकार द्वारा बनाए गए नियम के कारण इन लोगों में काफी रोष है.

Intro:प्रदेश सरकार द्वारा पंचायती राज एक्ट में संशोधन होने के बाद अल्मोड़ा जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष, पूर्व अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य समेत 40 से अधिक उम्र के अधिकांश दिग्गज नेता जो वर्षो से पंचायतों में विभिन्न पदों पर आसीन रहे अब चुनावी रेस से बाहर हो गए हैं। जिला पंचायत का कार्यकाल समाप्त होने के बाद जिला पंचायत प्रतिनिधियों ने विदाई समारोह का आयोजन किया। इस दौरान 5 साल के कार्यकाल की प्रगति को मंच के सामने रखते हुए नए पंचायती राज एक्ट का विरोध किया गया।



Body:विदाई समारोह में उपस्थित पूर्व स्पीकर और जागेश्वर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि सरकार ने गलत मंशा और बिना सोचे समझे पंचायती राज एक्ट बनाया, जिसके खिलाफ कोर्ट में मामला चल रहा है। वहीं वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष पार्वती मेहरा और उनके पति पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन सिंह मेहरा नए नियम के लागू होने के बाद अब चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। अपने ग्रामीण क्षेत्र में लंबे समय से पंचायत के विभिन्न पदों पर काबिज रहा इस परिवार का कहना है कि कम शिक्षित होने के बावजूद उन्होंने अच्छा नेतृत्व किया जिसकी लोग सराहना करते हैं। लेकिन शैक्षिक योग्यता निर्धारित करने और 3 बच्चों वाले नियम के बाद वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। उन्होंने कहा कि कम पढ़े लिखे व्यक्ति में काम करने की योग्यता नही होती यह मानना सरासर गलत है। क्योंकि इस देश को कम पढ़े लिखे लोगों ने ही आजादी दिलाई और देश को इतना आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के एक्ट लाकर सरकार अनुभवी लोगो को दरकिनार करना चाहती है। वही धौलादेवी ब्लाक के प्रमुख रहे व वरिष्ठ नेता पीताम्बर पांडे समेत अधिकांश 40 उम्र पर कर चुके ब्लाक प्रमुख, जिलापंचायत सदस्य आगामी चुनाव लड़ने से वंचित हो गए हैं। सरकार के द्वारा बनाये इस नियम से उनमे काफी रोष है।

बाइट- पार्वती मेहरा, जिला पंचायत अध्यक्ष अल्मोड़ा
बाइट-मोहन सिंह मेहरा, जिलापंचायत अध्यक्ष
बाइट गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व स्पीकर


Conclusion:
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