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दीवार तोड़े जाने पर बुजुर्ग दंपति ने किया धरना-प्रदर्शन, दोहरी नीति का लगाया आरोप

अवैध रुप से दीवार तोड़े जाने के विरोध में बुजुर्ग दंपति ने छावनी कार्यालय गेट के सामने धरना प्रदर्शन किया. साथ ही बुजुर्ग ने छावनी प्रशासन पर उत्पीड़न करने और दोहरी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया है.

बुजुर्ग दंपति ने किया धरना प्रदर्शन.
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Published : Nov 2, 2019, 3:21 PM IST

Updated : Nov 2, 2019, 3:39 PM IST

रानीखेत: छावनी क्षेत्र में बदरी न्यू कालोनी में अवैध दीवार तोड़े जाने के बाद छावनी कार्यालय गेट के सामने बुजुर्ग दंपति धरने पर बैठ गए. छावनी परिषद से ही सेवानिवृत्त हुए द्वारिका प्रसाद तिवारी और उनकी पत्नी पुष्पा देवी ने छावनी प्रशासन पर उत्पीड़न करने और दोहरी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया है. वहीं, प्रशासन से आश्वासन मिलने के बाद बुजुर्ग दंपति ने अपना धरना प्रदर्शन समाप्त किया.

बुजुर्ग दंपति ने किया धरना प्रदर्शन.

बुजुर्ग ने बताया कि अवैध रूप से छावनी में बहुमंजिले मकान बना दिए गए हैं, लेकिन आज तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. छावनी क्षेत्र में अवैध निर्माण जोरों से चल रहा है, लेकिन छावनी प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. द्वारिका प्रसाद ने आत्मदाह की भी धमकी दी. साथ ही वो अपने साथ कैरोसिन तेल की बोतल भी लाए हुए थे.

तिवारी ने बताया कि वो कैंट सीईओ से मिलने कई बार कार्यालय आए, लेकिन कर्मचारियों ने अधिकारी से मिलने तक नहीं दिया. जबकि वो छावनी परिषद में लेखाकार पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. छावनी क्षेत्र में वर्ष 1997 में 6 दुकानें आवंटित की गई थी, जिन्हें बाद में सील कर दिया गया. लेकिन, चौबटिया में दो दुकानों को खोल दिया गया. उन्होंने इसकी जांच कराने की मांग की.

ये भी पढ़ें: रुड़की नगर निगम चुनाव: कांग्रेस में उठे बगावत के सुर, पार्टी प्रत्याशी पर लगे गंभीर आरोप

सीईओ और छावनी परिषद उपाध्यक्ष मोहन नेगी के आश्वासन के बाद उन्होंने धरना समाप्त कर दिया. मुख्य अधिशासी अधिकारी ने बताया कि द्वारिका प्रसाद की जायज मांगों को पूरा किया जाएगा. आश्वासन के बाद तिवारी दंपति ने धरना समाप्त किया.

छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी ने बताया कि छावनी क्षेत्र में अवैध निर्माण और अतिक्रमण की शिकायतें मिल रही हैं. यहां अधिकतर भूमि लीज पर है. उन्होंने कहा कि अतिक्रमण और अवैध निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके खिलाफ समय समय पर कार्रवाई की जाएगी.

रानीखेत: छावनी क्षेत्र में बदरी न्यू कालोनी में अवैध दीवार तोड़े जाने के बाद छावनी कार्यालय गेट के सामने बुजुर्ग दंपति धरने पर बैठ गए. छावनी परिषद से ही सेवानिवृत्त हुए द्वारिका प्रसाद तिवारी और उनकी पत्नी पुष्पा देवी ने छावनी प्रशासन पर उत्पीड़न करने और दोहरी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया है. वहीं, प्रशासन से आश्वासन मिलने के बाद बुजुर्ग दंपति ने अपना धरना प्रदर्शन समाप्त किया.

बुजुर्ग दंपति ने किया धरना प्रदर्शन.

बुजुर्ग ने बताया कि अवैध रूप से छावनी में बहुमंजिले मकान बना दिए गए हैं, लेकिन आज तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. छावनी क्षेत्र में अवैध निर्माण जोरों से चल रहा है, लेकिन छावनी प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. द्वारिका प्रसाद ने आत्मदाह की भी धमकी दी. साथ ही वो अपने साथ कैरोसिन तेल की बोतल भी लाए हुए थे.

तिवारी ने बताया कि वो कैंट सीईओ से मिलने कई बार कार्यालय आए, लेकिन कर्मचारियों ने अधिकारी से मिलने तक नहीं दिया. जबकि वो छावनी परिषद में लेखाकार पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. छावनी क्षेत्र में वर्ष 1997 में 6 दुकानें आवंटित की गई थी, जिन्हें बाद में सील कर दिया गया. लेकिन, चौबटिया में दो दुकानों को खोल दिया गया. उन्होंने इसकी जांच कराने की मांग की.

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सीईओ और छावनी परिषद उपाध्यक्ष मोहन नेगी के आश्वासन के बाद उन्होंने धरना समाप्त कर दिया. मुख्य अधिशासी अधिकारी ने बताया कि द्वारिका प्रसाद की जायज मांगों को पूरा किया जाएगा. आश्वासन के बाद तिवारी दंपति ने धरना समाप्त किया.

छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी ने बताया कि छावनी क्षेत्र में अवैध निर्माण और अतिक्रमण की शिकायतें मिल रही हैं. यहां अधिकतर भूमि लीज पर है. उन्होंने कहा कि अतिक्रमण और अवैध निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके खिलाफ समय समय पर कार्रवाई की जाएगी.

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रानीखेत। छावनी क्षेत्र में बद्री व्यू कालोनी में अवैध दीवार तोड़े जाने के बाद छावनी कार्यालय गैट में बुजुर्ग दंपति धरने पर बैठ गये। उन्होंने छावनी कर्मचारियों पर बगैर नोटिस दिये उनकी निर्माणाधीन दीवार तोड़ने तथा पत्नी के साथ अभद्रता का आरोप लगाया। छावनी परिषद से ही सेवानिवृत्त हुए द्वारिका प्रसाद तिवारी और उनकी पत्नी पुष्पा देवी ने छावनी प्रशासन पर उत्पीड़न करने व दोहरी नीतियां अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अवैध रूप से छावनी में बहुमंजिले मकान बना दिये गये है लेकिन आज तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नही हुई। छावनी क्षेत्र में अवैध निर्माण जोरों से चल रहा है लेकिन छावनी प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है । द्वारिका प्रसाद ने आत्मदाह की भी धमकी दी । वह अपने साथ कैरोसिन तेल की शीशी भी लाये थे। श्री तिवारी ने कहा कि वह कैंट सीईओं से मिलने कई बार कार्यालय आये लेकिन कर्मचारियों ने अधिकारी से मिलने तक नही दिया । जबकि वह छावनी परिषद से लेखाकार पद से सेवानिवृत्त हुये है। उन्होंने कहा छावनी क्षेत्र में वर्ष 1997 में 6 दुकानें आबंटित की गई जिन्हें बाद में सील कर दिया गया। लेकिन चैबटिया में दो दुकानों को खोल दिया गया। उन्होंने कहा कि चैबटिया में दो दुकानों को किसके आदेश से खोला गया जबकि नगर में चार दुकाने आज भी सील हैं। उन्होंने इसकी जांच कराने की मांग की। सीईओं व छावनी परिषद उपाध्यक्ष मोहन नेगी के आश्वासन के बाद उन्होंने धरना समाप्त किया। मुख्य अधिशासी अधिकारी ने कहा कि द्वारिका प्रसाद की जायज मांगों को पूरा किया जायेगा।आश्वासन के बाद तिवारी दंपति ने अपना धरना समाप्त किया।



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छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी ने कहा कि छावनी क्षेत्र में अवैध निर्माण व अतिक्रमण की शिकायतें मिल रही है। यहां अधिकतर भूमि लीज पर हैं । उन्होंने कहा कि अतिक्रमण व अवैध निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। अवैध निर्माणों की बाढ़ सी आ गई है। इसके खिलाफ समय समय पर कार्रवाई की जायेगी। गौरतलब है कि छावनी क्षेत्र में जब अवैध निर्माण कार्य पूरा हो जाता है तब छावनी प्रशासन को अतिक्रमण व अवैध निर्माण कार्य दिखाई देता है लेकिन जब निर्माण कार्य शुरू होता है तब कोई कार्रवाई नहीं की जाती। बाद में मामलों को कंपाउंड के प्रयास किये जाते हैं । इससे छावनी परिषद कर्मचारियों की कार्यशैली पर सवालियां निशान लग रहे हैं। कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग उठने लगी है। देखना होगा कि उच्च अधिकारी इस दिशा में क्या कार्रवाई करते हैं। Conclusion:
Last Updated : Nov 2, 2019, 3:39 PM IST
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