रानीखेत: छावनी क्षेत्र में बदरी न्यू कालोनी में अवैध दीवार तोड़े जाने के बाद छावनी कार्यालय गेट के सामने बुजुर्ग दंपति धरने पर बैठ गए. छावनी परिषद से ही सेवानिवृत्त हुए द्वारिका प्रसाद तिवारी और उनकी पत्नी पुष्पा देवी ने छावनी प्रशासन पर उत्पीड़न करने और दोहरी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया है. वहीं, प्रशासन से आश्वासन मिलने के बाद बुजुर्ग दंपति ने अपना धरना प्रदर्शन समाप्त किया.
बुजुर्ग ने बताया कि अवैध रूप से छावनी में बहुमंजिले मकान बना दिए गए हैं, लेकिन आज तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. छावनी क्षेत्र में अवैध निर्माण जोरों से चल रहा है, लेकिन छावनी प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. द्वारिका प्रसाद ने आत्मदाह की भी धमकी दी. साथ ही वो अपने साथ कैरोसिन तेल की बोतल भी लाए हुए थे.
तिवारी ने बताया कि वो कैंट सीईओ से मिलने कई बार कार्यालय आए, लेकिन कर्मचारियों ने अधिकारी से मिलने तक नहीं दिया. जबकि वो छावनी परिषद में लेखाकार पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. छावनी क्षेत्र में वर्ष 1997 में 6 दुकानें आवंटित की गई थी, जिन्हें बाद में सील कर दिया गया. लेकिन, चौबटिया में दो दुकानों को खोल दिया गया. उन्होंने इसकी जांच कराने की मांग की.
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सीईओ और छावनी परिषद उपाध्यक्ष मोहन नेगी के आश्वासन के बाद उन्होंने धरना समाप्त कर दिया. मुख्य अधिशासी अधिकारी ने बताया कि द्वारिका प्रसाद की जायज मांगों को पूरा किया जाएगा. आश्वासन के बाद तिवारी दंपति ने धरना समाप्त किया.
छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी ने बताया कि छावनी क्षेत्र में अवैध निर्माण और अतिक्रमण की शिकायतें मिल रही हैं. यहां अधिकतर भूमि लीज पर है. उन्होंने कहा कि अतिक्रमण और अवैध निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके खिलाफ समय समय पर कार्रवाई की जाएगी.