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Almora Medical College की मान्यता बचाए रखने को अजीब खेल, ट्रांसफर डॉक्टरों को NMC टीम के सामने किया पेश !

मान्यता बनाए रखने के लिए संस्थान कैसे-कैसे खेल करते हैं ये अल्मोड़ा में देखने को मिला. अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में एनएमसी यानी राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की टीम निरीक्षण करने पहुंची. आरोप है कि अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने ट्रांसफर कर दिए गए डॉक्टरों को एनएमसी की टीम के सामने पेश कर पर्याप्त स्टाफ होने का दावा किया.

Almora Medical College
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज
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Published : Mar 2, 2023, 7:44 AM IST

Updated : Mar 2, 2023, 11:21 AM IST

मान्यता बचाए रखने को अजीब खेल

अल्मोड़ा: अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में नए सत्र की मान्यता के लिए एनएमसी (National Medical Council) की टीम निरीक्षण को पहुंची. एनएमसी की टीम ने मानकों के अनुसार डाक्टरों की मौजूदगी, पैरा मेडिकल स्टाफ सहित विभिन्न व्यवस्थाओं को परखा. हैरत की बात है कि विगत माह मेडिकल कालेज से एक दर्जन बांडधारी रेजीडेंट चिकित्सकों का स्थानांतरण कर दिया गया. लेकिन मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी की कमी एनएमसी के सामने ना दिखाई दे, इसके लिये स्थानांतरित किए गए चिकित्सकों को स्थानांतरित आदेश को रद्​द करने का आश्वासन देकर एनएमसी के सामने उपस्थित रहने को कहा गया, ताकि कालेज को आगामी सत्र के लिए मान्यता मिल सके.

अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज से हो चुका 12 डॉक्टरों का ट्रांसफर: सोबन सिंह जीना राजकीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान से 27 फरवरी को 12 बांडधारी रेजीडेंस चिकित्सकों का पिथौरागढ़ बेस अस्पताल स्थानांतरण करने का आदेश जारी हुआ. जिसका विरोध स्थानांतरित किए गए बांडधारी रेजीडेंस चिकित्सकों ने किया. उनके स्थानांतरण कर देने से मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी की कमी हो गई.

मान्यता बचाने के लिए ट्रांसफर हुए डॉक्टरों को किया पेश: बुधवार को अचानक एनएमसी की टीम निरीक्षण के लिए पहुंची तो मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन ने उनका स्थानांतरण न करने का आश्वासन देकर उन्हें एनएमसी की टीम के सामने मौजूद रहने को कहा. आश्वासन पर बांडधारी रेजीडेंट चिकित्सक एनएमसी की टीम के सामने मौजूद रहे और उन्होंने अपने सभी दस्तावेजों की जांच कराई. वहीं दूसरी ओर उन्होंने बाहर परिसर में अपना विरोध भी जारी रखा.

बांड पूरा होने से पहले तबादले का विरोध: बांडधारी रेजीडेंट चिकित्सकों का कहना है कि उनका बांड दो वर्ष का है, लेकिन उन्हें बांड पूरा होने से पहले ही स्थानांतरित करने के आदेश दिए गए़ हैं जो उन्हें मान्य नहीं है. स्थानांतरित किए गए चिकित्सकों में माइक्रोबायोलॉजी, ईएनटी, नेत्र रोग विशेषज्ञ, ऐनेस्थिसियोलॉजी, जनरल सर्जरी, पैथोलॉजी, जरनल मेडिसिन, बाल रोग विशेषज्ञ, टीबी एंड चेस्ट, जरनल मेडिसिन व रेडियोडायग्नोसिस के चिकित्सक हैं.
ये भी पढ़ें: Dhan Singh Rawat का बयान, रेफर मरीजों को उत्तराखंड में ही मिल रहा इलाज, ये बड़ी बात

अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में 67 फीसदी सीनियर डॉक्टरों की कमी: एनएमसी के मानकों के अनुसार ये सभी बांडधारी रेजीडेंट चिकित्सक होने चाहिए. वर्तमान में संस्थान में 67 प्रतिशत सीनियर रेजीडेंट चिकित्सकों की कमी बनी हुई है, जिसे मेडिकल कॉलेज प्रशासन भी मानता है. यदि संस्थान से इन चिकित्सकों को कार्यमुक्त किया गया तो यह कमी 98 प्रतिशत हो जाएगी. जिससे आगामी सत्र में नये एमबीबीएस छात्र छात्राओं के प्रवेश मान्यता के लिए एनएमसी के मानक पूर्ण नहीं होने से नये सत्र की मान्यता मिलना व चिकित्सालय चलना मुश्किल हो सकता है.

मान्यता बचाए रखने को अजीब खेल

अल्मोड़ा: अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में नए सत्र की मान्यता के लिए एनएमसी (National Medical Council) की टीम निरीक्षण को पहुंची. एनएमसी की टीम ने मानकों के अनुसार डाक्टरों की मौजूदगी, पैरा मेडिकल स्टाफ सहित विभिन्न व्यवस्थाओं को परखा. हैरत की बात है कि विगत माह मेडिकल कालेज से एक दर्जन बांडधारी रेजीडेंट चिकित्सकों का स्थानांतरण कर दिया गया. लेकिन मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी की कमी एनएमसी के सामने ना दिखाई दे, इसके लिये स्थानांतरित किए गए चिकित्सकों को स्थानांतरित आदेश को रद्​द करने का आश्वासन देकर एनएमसी के सामने उपस्थित रहने को कहा गया, ताकि कालेज को आगामी सत्र के लिए मान्यता मिल सके.

अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज से हो चुका 12 डॉक्टरों का ट्रांसफर: सोबन सिंह जीना राजकीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान से 27 फरवरी को 12 बांडधारी रेजीडेंस चिकित्सकों का पिथौरागढ़ बेस अस्पताल स्थानांतरण करने का आदेश जारी हुआ. जिसका विरोध स्थानांतरित किए गए बांडधारी रेजीडेंस चिकित्सकों ने किया. उनके स्थानांतरण कर देने से मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी की कमी हो गई.

मान्यता बचाने के लिए ट्रांसफर हुए डॉक्टरों को किया पेश: बुधवार को अचानक एनएमसी की टीम निरीक्षण के लिए पहुंची तो मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन ने उनका स्थानांतरण न करने का आश्वासन देकर उन्हें एनएमसी की टीम के सामने मौजूद रहने को कहा. आश्वासन पर बांडधारी रेजीडेंट चिकित्सक एनएमसी की टीम के सामने मौजूद रहे और उन्होंने अपने सभी दस्तावेजों की जांच कराई. वहीं दूसरी ओर उन्होंने बाहर परिसर में अपना विरोध भी जारी रखा.

बांड पूरा होने से पहले तबादले का विरोध: बांडधारी रेजीडेंट चिकित्सकों का कहना है कि उनका बांड दो वर्ष का है, लेकिन उन्हें बांड पूरा होने से पहले ही स्थानांतरित करने के आदेश दिए गए़ हैं जो उन्हें मान्य नहीं है. स्थानांतरित किए गए चिकित्सकों में माइक्रोबायोलॉजी, ईएनटी, नेत्र रोग विशेषज्ञ, ऐनेस्थिसियोलॉजी, जनरल सर्जरी, पैथोलॉजी, जरनल मेडिसिन, बाल रोग विशेषज्ञ, टीबी एंड चेस्ट, जरनल मेडिसिन व रेडियोडायग्नोसिस के चिकित्सक हैं.
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अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में 67 फीसदी सीनियर डॉक्टरों की कमी: एनएमसी के मानकों के अनुसार ये सभी बांडधारी रेजीडेंट चिकित्सक होने चाहिए. वर्तमान में संस्थान में 67 प्रतिशत सीनियर रेजीडेंट चिकित्सकों की कमी बनी हुई है, जिसे मेडिकल कॉलेज प्रशासन भी मानता है. यदि संस्थान से इन चिकित्सकों को कार्यमुक्त किया गया तो यह कमी 98 प्रतिशत हो जाएगी. जिससे आगामी सत्र में नये एमबीबीएस छात्र छात्राओं के प्रवेश मान्यता के लिए एनएमसी के मानक पूर्ण नहीं होने से नये सत्र की मान्यता मिलना व चिकित्सालय चलना मुश्किल हो सकता है.

Last Updated : Mar 2, 2023, 11:21 AM IST
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