अल्मोड़ाः मानिला देवी मन्दिर अल्मोड़ा जिले के सल्ट क्षेत्र में है. ये स्थान रामनगर से करीब 7० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. ये इस क्षेत्र का एक प्रसिद्द मन्दिर है. हर साल यहां दूर-दूर से लोग देवी के दर्शनों के लिए आते हैं. ये मन्दिर कत्यूरी लोगों की पारिवारिक देवी का मंदिर है.
दरअसल, मन्दिर दो भागों में बंटा हुआ है, जिसे स्थानीय भाषा में मल्ला मानिला (ऊपरी मानिला) और तल्ला मानिला (निचला मानिला) कहते है. प्राचीन मन्दिर तो तल्ला मानीला में ही स्थित है लेकिन मल्ला मानिला मन्दिर के पीछे की कहानी स्थानीय लोगों के बीच काफी प्रचलित है.
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मंदिर के स्थापना के पीछे की कहानी
साल 1488 में कत्यूरी राजा ब्रह्मदेव ने इस मंदिर का निर्माण कराया था. मंदिर में काले पत्थर से निर्मित दुर्गा माता और भगवान विष्णु की सुंदर मूर्तियां स्थापित हैं. पर्यटन की दृष्टि से भी मंदिर का विशेष महत्व है. मंदिर में मां के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालुओं के साथ ही काफी संख्या में पर्यटक भी पहुंचते हैं.
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साल 1977-78 में मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया. गांव के लोग बताते हैं कई साल पहले यहां आए दिन चोरी होती थी. मानिला देवी के मंदिर से चोरों के गांव में घुसने की आवाज सुनाई देती थी. जिससे चोर काफी परेशान हो गए. एक बार नाराज चोरों ने मानिला देवी की मूर्ति ही चुराने की योजना बनाई. लेकिन सिर्फ दाहिना हाथ ही अपने साथ ले जा पाए. मंदिर से कुछ दूर जाकर चोर एक स्थान पर रुके और उन्होंने मानिला देवी का कटा हाथ जमीन पर रख दिया. कुछ देर बाद जब वे जाने लगे तो देवी का हाथ उठा नहीं पाए. फिर वे उस हाथ को वहीं छोड़कर भाग निकले.
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सुबह गांव में इस घटना की जानकारी आग की तरह फैल गई. जिसके बाद लोगों ने सामूहिक प्रयास से इस स्थान पर मानिला देवी का एक और मंदिर बनाया. अब तल्ला और मल्ला मानिला में देवी के मंदिर हैं. श्रद्धालुओं समेत नवविवाहित दंपति मंदिर में आकर पूजा पाठ कर मनौती मांगते हैं. ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी गई मनौती को मानिला देवी पूरा कर देती हैं.