ETV Bharat / state

नमो देव्यै: चमत्कारी है देवी का ये मंदिर, जानें- चोरों से जुड़ी अनोखी कहानी - अल्मोड़ा उत्तराखंड

आज शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन हम जानेंगे देवभूमि में देवी के ऐसे मंदिर के बारे में, जिसे शायद ही आपने सुना हो. एक बार चोर मूर्ति को चुराने मंदिर के अंदर गए लेकिन काफी मशक्कत के बाद भी मूर्ति को हिला नहीं पाए.

मानिला देवी मन्दिर अल्मोड़ा
author img

By

Published : Oct 4, 2019, 3:25 PM IST

Updated : Oct 5, 2019, 7:27 AM IST

अल्मोड़ाः मानिला देवी मन्दिर अल्मोड़ा जिले के सल्ट क्षेत्र में है. ये स्थान रामनगर से करीब 7० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. ये इस क्षेत्र का एक प्रसिद्द मन्दिर है. हर साल यहां दूर-दूर से लोग देवी के दर्शनों के लिए आते हैं. ये मन्दिर कत्यूरी लोगों की पारिवारिक देवी का मंदिर है.

दरअसल, मन्दिर दो भागों में बंटा हुआ है, जिसे स्थानीय भाषा में मल्ला मानिला (ऊपरी मानिला) और तल्ला मानिला (निचला मानिला) कहते है. प्राचीन मन्दिर तो तल्ला मानीला में ही स्थित है लेकिन मल्ला मानिला मन्दिर के पीछे की कहानी स्थानीय लोगों के बीच काफी प्रचलित है.

पढ़ेंः जमीन में रखी मां शीतला की मूर्ति को उठा नहीं पाए थे ग्रामीण, आस्था पर चमत्कार पड़ा भारी

मंदिर के स्थापना के पीछे की कहानी
साल 1488 में कत्यूरी राजा ब्रह्मदेव ने इस मंदिर का निर्माण कराया था. मंदिर में काले पत्थर से निर्मित दुर्गा माता और भगवान विष्णु की सुंदर मूर्तियां स्थापित हैं. पर्यटन की दृष्टि से भी मंदिर का विशेष महत्व है. मंदिर में मां के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालुओं के साथ ही काफी संख्या में पर्यटक भी पहुंचते हैं.

पढ़ेंः नमो दैव्य: ऐसी देवी की कथा, जिसने भगवान शिव की हलाहल विष से की थी रक्षा

साल 1977-78 में मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया. गांव के लोग बताते हैं कई साल पहले यहां आए दिन चोरी होती थी. मानिला देवी के मंदिर से चोरों के गांव में घुसने की आवाज सुनाई देती थी. जिससे चोर काफी परेशान हो गए. एक बार नाराज चोरों ने मानिला देवी की मूर्ति ही चुराने की योजना बनाई. लेकिन सिर्फ दाहिना हाथ ही अपने साथ ले जा पाए. मंदिर से कुछ दूर जाकर चोर एक स्थान पर रुके और उन्होंने मानिला देवी का कटा हाथ जमीन पर रख दिया. कुछ देर बाद जब वे जाने लगे तो देवी का हाथ उठा नहीं पाए. फिर वे उस हाथ को वहीं छोड़कर भाग निकले.

पढ़ेंः केदारनाथ प्रलय से जुड़ा है इस मंदिर का रहस्य, दिन में तीन रूप बदलती हैं देवी

सुबह गांव में इस घटना की जानकारी आग की तरह फैल गई. जिसके बाद लोगों ने सामूहिक प्रयास से इस स्थान पर मानिला देवी का एक और मंदिर बनाया. अब तल्ला और मल्ला मानिला में देवी के मंदिर हैं. श्रद्धालुओं समेत नवविवाहित दंपति मंदिर में आकर पूजा पाठ कर मनौती मांगते हैं. ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी गई मनौती को मानिला देवी पूरा कर देती हैं.

अल्मोड़ाः मानिला देवी मन्दिर अल्मोड़ा जिले के सल्ट क्षेत्र में है. ये स्थान रामनगर से करीब 7० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. ये इस क्षेत्र का एक प्रसिद्द मन्दिर है. हर साल यहां दूर-दूर से लोग देवी के दर्शनों के लिए आते हैं. ये मन्दिर कत्यूरी लोगों की पारिवारिक देवी का मंदिर है.

दरअसल, मन्दिर दो भागों में बंटा हुआ है, जिसे स्थानीय भाषा में मल्ला मानिला (ऊपरी मानिला) और तल्ला मानिला (निचला मानिला) कहते है. प्राचीन मन्दिर तो तल्ला मानीला में ही स्थित है लेकिन मल्ला मानिला मन्दिर के पीछे की कहानी स्थानीय लोगों के बीच काफी प्रचलित है.

पढ़ेंः जमीन में रखी मां शीतला की मूर्ति को उठा नहीं पाए थे ग्रामीण, आस्था पर चमत्कार पड़ा भारी

मंदिर के स्थापना के पीछे की कहानी
साल 1488 में कत्यूरी राजा ब्रह्मदेव ने इस मंदिर का निर्माण कराया था. मंदिर में काले पत्थर से निर्मित दुर्गा माता और भगवान विष्णु की सुंदर मूर्तियां स्थापित हैं. पर्यटन की दृष्टि से भी मंदिर का विशेष महत्व है. मंदिर में मां के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालुओं के साथ ही काफी संख्या में पर्यटक भी पहुंचते हैं.

पढ़ेंः नमो दैव्य: ऐसी देवी की कथा, जिसने भगवान शिव की हलाहल विष से की थी रक्षा

साल 1977-78 में मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया. गांव के लोग बताते हैं कई साल पहले यहां आए दिन चोरी होती थी. मानिला देवी के मंदिर से चोरों के गांव में घुसने की आवाज सुनाई देती थी. जिससे चोर काफी परेशान हो गए. एक बार नाराज चोरों ने मानिला देवी की मूर्ति ही चुराने की योजना बनाई. लेकिन सिर्फ दाहिना हाथ ही अपने साथ ले जा पाए. मंदिर से कुछ दूर जाकर चोर एक स्थान पर रुके और उन्होंने मानिला देवी का कटा हाथ जमीन पर रख दिया. कुछ देर बाद जब वे जाने लगे तो देवी का हाथ उठा नहीं पाए. फिर वे उस हाथ को वहीं छोड़कर भाग निकले.

पढ़ेंः केदारनाथ प्रलय से जुड़ा है इस मंदिर का रहस्य, दिन में तीन रूप बदलती हैं देवी

सुबह गांव में इस घटना की जानकारी आग की तरह फैल गई. जिसके बाद लोगों ने सामूहिक प्रयास से इस स्थान पर मानिला देवी का एक और मंदिर बनाया. अब तल्ला और मल्ला मानिला में देवी के मंदिर हैं. श्रद्धालुओं समेत नवविवाहित दंपति मंदिर में आकर पूजा पाठ कर मनौती मांगते हैं. ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी गई मनौती को मानिला देवी पूरा कर देती हैं.

Intro:Body:

अल्मोड़ाः मानिला देवी मन्दिर अल्मोड़ा जिले के शल्ट क्षेत्र में है. ये स्थान रामनगर से करीब 7० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. ये इस क्षेत्र का एक प्रसिद्द मन्दिर है. हर साल यहां दूर-दूर से लोग देवी के दर्शनों के लिए आते हैं. ये मन्दिर कत्यूरी लोगों की पारिवारिक देवी का मंदिर है.

दरअसल, मन्दिर दो भागों में बंटा हुआ है, जिसे स्थानीय भाषा में मल मानिला (ऊपरी मानिला) और तल मानिला (निचला मानिला) कहते है. प्राचीन मन्दिर तो तल मनीला में ही स्थित है. लेकिन मल मानिला मन्दिर के पीछे की कहानी स्थानीय लोगों के बीच काफी प्रचलित है. 

मंदिर के स्थापन के पीछे की कहानी

साल1488 में कत्यूरी राजा ब्रह्मदेव ने इस मंदिर का निर्माण कराया था. मंदिर में काले पत्थर से निर्मित दुर्गा माता और भगवान विष्णु की सुंदर मूर्तियां स्थापित हैं. पर्यटन की दृष्टि से भी मंदिर का विशेष महत्व है. मंदिर में मां के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालुओं के साथ ही काफी संख्या में पर्यटक भी पहुंचते हैं.

साल 1977-78 में मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया. गांव के लोग बताते हैं कई साल पहले यहां आए दिन चोरी होती थी. मानिला देवी के मंदिर से चोरों के गांव में घुसने की आवाज सुनाई देती थी. जिससे चोर काफी परेशान हो गए. एक बार नाराज चोरों ने मानिला देवी की मूर्ति ही चुराने की योजना बनाई. लेकिन सिर्फ दाहिना हाथ ही अपने साथ ले जा पाए. मंदिर से कुछ दूर जाकर चोर एक स्थान पर रुके और उन्होंने मानिला देवी का कटा हाथ जमीन पर रख दिया. कुछ देर बाद जब वे जाने लगे तो देवी का हाथ उठा नहीं पाए. फिर वे उस हाथ को वहीं छोड़कर भाग निकले.

सुबह गांव में इस घटना की जानकारी आग की तरह फैल गई. जिसके बाद लोगों ने सामूहिक प्रयास से इस स्थान पर मानिला देवी का एक और मंदिर बनाया. अब तल्ला और मल्ला मानिला में देवी के मंदिर हैं. श्रद्धालुओं समेत नवविवाहित दंपति मंदिर में आकर पूजा पाठ कर मनौती मांगते हैं. ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी गई मनौती को मानिला देवी पूरा कर देती हैं.


Conclusion:
Last Updated : Oct 5, 2019, 7:27 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.