ETV Bharat / state

सोमेश्वर: लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों की पहल, लहलहा रही स्ट्रॉबेरी की खेती

सोमेश्वर को गावों में लौटे प्रवासी रोजी-रोटी के लिए खेती के गुर सीख रहे है. जिसके तहत वो स्ट्रॉबेरी के उत्पादन के बारे में जानकारी इकठ्ठा कर रहे है.

someshwar
लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों की पहल
author img

By

Published : May 17, 2020, 2:47 PM IST

Updated : May 17, 2020, 7:37 PM IST

सोमेश्वर: लॉकडाउन जहां एक ओर अधिकांश लोगों के लिए संकट लाया है. वहीं दूसरी ओर पलायन से खाली हुए पहाड़ों में खेतीबाड़ी और बागवानी के क्षेत्र में अवसर भी लाया है. ऐसे में गांवों में भविष्य के लिये कृषि, बागवानी और पशुपालन रोजगार के अवसर बन रहे हैं. जिसके तहत ग्राम छानी कौसानी के युवा काश्तकार खीम सिंह दोसाद, गोविंद दोसाद, ललित दोसाद ने स्ट्रॉबेरी का उत्पादन किया. आज उनके खेत खलिहानों में स्ट्रॉबेरी की खेती लहलहा रही है.

स्ट्राबेरी की खेती

ज्येष्ठ प्रमुख ललित दोसाद ने बताया कि काश्तकारों को पुणे से स्ट्रॉबेरी के पौंधे मंगाकर उपलब्ध कराए गए हैं. उनके और अन्य काश्तकारों के द्वारा स्ट्रॉबेरी पौंधे फरवरी में लगाई गई जो अब फल देने लगे हैं. उन्होंने बताया कि उनके मित्र संजय बिरोला द्वारा काकड़ीघाट में बड़े स्तर पर इसकी खेती की जा रही है. जिसे देखकर वह भी प्रेरित हुए, उन्होंने अपने क्षेत्र का मृदा परीक्षण कराया.

जिससे पता चला कि यहां की मिट्टी व वातावरण स्ट्रॉबेरी के लिये उपयुक्त है. भविष्य में ऐसे रोजगार से जोड़ कर अन्य काश्तकारों को भी जोड़ा जाएगा. उद्यान और कृषि विभाग से संपर्क कर पॉलीहाउस निर्माण करने के साथ इच्छुक काश्तकारों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. इसकें साथ ही अधिक से अधिक युवाओं को कृषि, बागवानी, जैविक खेती से जोड़ने की मुहिम चलाई जाएगी.

पढ़ें- बारिश और ओलावृष्टि से आलू में लगा झुलसा रोग, किसान मायूस

वहीं छानी गांव भारत का मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से विख्यात पर्यटन नगरी कौसानी का हिस्सा है. देश-विदेश से यहां पर्यटकों की खूब आवाजाही होती है. किसानों को स्ट्रॉबेरी की बिक्री के लिए बाजार भी आसानी से उपलब्ध हो सकता है.

सोमेश्वर: लॉकडाउन जहां एक ओर अधिकांश लोगों के लिए संकट लाया है. वहीं दूसरी ओर पलायन से खाली हुए पहाड़ों में खेतीबाड़ी और बागवानी के क्षेत्र में अवसर भी लाया है. ऐसे में गांवों में भविष्य के लिये कृषि, बागवानी और पशुपालन रोजगार के अवसर बन रहे हैं. जिसके तहत ग्राम छानी कौसानी के युवा काश्तकार खीम सिंह दोसाद, गोविंद दोसाद, ललित दोसाद ने स्ट्रॉबेरी का उत्पादन किया. आज उनके खेत खलिहानों में स्ट्रॉबेरी की खेती लहलहा रही है.

स्ट्राबेरी की खेती

ज्येष्ठ प्रमुख ललित दोसाद ने बताया कि काश्तकारों को पुणे से स्ट्रॉबेरी के पौंधे मंगाकर उपलब्ध कराए गए हैं. उनके और अन्य काश्तकारों के द्वारा स्ट्रॉबेरी पौंधे फरवरी में लगाई गई जो अब फल देने लगे हैं. उन्होंने बताया कि उनके मित्र संजय बिरोला द्वारा काकड़ीघाट में बड़े स्तर पर इसकी खेती की जा रही है. जिसे देखकर वह भी प्रेरित हुए, उन्होंने अपने क्षेत्र का मृदा परीक्षण कराया.

जिससे पता चला कि यहां की मिट्टी व वातावरण स्ट्रॉबेरी के लिये उपयुक्त है. भविष्य में ऐसे रोजगार से जोड़ कर अन्य काश्तकारों को भी जोड़ा जाएगा. उद्यान और कृषि विभाग से संपर्क कर पॉलीहाउस निर्माण करने के साथ इच्छुक काश्तकारों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. इसकें साथ ही अधिक से अधिक युवाओं को कृषि, बागवानी, जैविक खेती से जोड़ने की मुहिम चलाई जाएगी.

पढ़ें- बारिश और ओलावृष्टि से आलू में लगा झुलसा रोग, किसान मायूस

वहीं छानी गांव भारत का मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से विख्यात पर्यटन नगरी कौसानी का हिस्सा है. देश-विदेश से यहां पर्यटकों की खूब आवाजाही होती है. किसानों को स्ट्रॉबेरी की बिक्री के लिए बाजार भी आसानी से उपलब्ध हो सकता है.

Last Updated : May 17, 2020, 7:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.