रानीखेतः कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने रानीखेत और चौखुटिया तहसील का निरीक्षण किया. उन्होंने रानीखेत तहसील के विभिन्न पटलों की बारीकी से जांच की. सभी कार्यों को समयबद्ध और पारदर्शिता के साथ करने के निर्देश दिए. इस दौरान कमिश्नर रावत ने तहसील के रिकॉर्ड रूम, पुराने वाद और भूमि से संबंधित मामले, खाता खतौनी आदि के रिकॉर्ड जांचे. हालांकि, इस दौरान सभी कार्य व्यवस्थित मिले. जिस पर उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की. वहीं, कमिश्नर रावत ने रानीखेत संयुक्त मजिस्ट्रेट जयकिशन और तहसीलदार मनीषा को सभी प्रकार के पुराने मामलों को जल्द से जल्द निस्तारित करने के निर्देश भी दिए.
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने तहसीलदार मनीषा को निर्देश दिए कि बैनामा होने के 35 दिन के भीतर दाखिल खारिज की कार्रवाई पूरी कर लें. जिससे जमीन की धोखाधड़ी को रोका जा सके. साथ ही विवादित मामलों का निस्तारण भी जल्द से जल्द करने को कहा. उन्होंने निर्देश दिए कि जो व्यक्ति अपनी भूमि को अकृषक कराना चाहते हैं, उसकी पंजिका रोजाना बनाई जाए और इस कार्य का त्वरित निस्तारण किया जाए. ताकि, लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े.
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वहीं, इसके बाद उन्होंने चौखुटिया तहसील पहुंचकर तहसील प्रशासन के कार्यों का निरीक्षण किया. इस दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने दीपक रावत से मिलकर उनके सामने क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया. रानीखेत में विभिन्न संगठनों से जुड़े जन प्रतिनिधियों ने कमिश्नर को समस्याओं से संबंधित ज्ञापन भी दिए. जिसके तहत ब्लॉक प्रमुख हीरा रावत ने हरडा में जल संस्थान की जा रही बोरिंग कार्य रोकने का ज्ञापन सौंपा. जिस पर दीपक रावत ने जल्द ही सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया.