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किसान मोर्चा देशभर के किसानों को समझाएगा कृषि कानूनों के नुकसान

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Published : Apr 4, 2021, 8:37 AM IST

केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर लंबे समय से किसान आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन अब किसानों ने आंदोलन को और उग्र करने के लिए देश के हर हिस्से के किसानों को इस आंदोलन से जोड़ने का फैसला लिया है.

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किसान मोर्चा के प्रवक्ता जगतार सिंह किया पत्र विमोचन

अल्मोड़ा: केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर लंबे समय से किसान आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन अब किसानों ने आंदोलन को और उग्र करने के लिए देश के हर हिस्से के किसानों को इस आंदोलन से जोड़ने का फैसला लिया है. संयुक्त किसान मोर्चा अब देशभर के किसानों को इन तीन कानूनों के नुकसान के बारे में समझाएगा. जिसको लेकर अल्मोड़ा पहुंचे संयुक्त किसान मोर्चा के गाजीपुर बार्डर प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने कृषि कानूनों की जानकारी को लेकर एक पत्र का विमोचन भी किया.

किसान मोर्चा देशभर के किसानों को समझाएगा कृषि कानूनों के नुकसान.
बता दें कि शानिवार को अल्मोड़ा पहुंचे संयुक्त किसान मोर्चा के गाजीपुर बार्डर प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गए कृषि कानून किसानों के हित में नहीं है. यह सीधे तौर पर कॉर्पोरेट के हित में बनाये गए कानून हैं. इसी को लेकर किसान लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन शर्म की बात यह है कि देश के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री संसद में यह कह रहे हैं, कि किसानों से कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन किसान यह नहीं बता पाए कि इन कृषि कानूनों में आखिर काला क्या है. उन्होंने कहा कि पीएम सरासर आम किसान मजदूरों को गुमराह कर रहे हैं.

पढ़ें:तेजी से धधक रहे उत्तराखंड के जंगल, वन मंत्री ने हाथ खड़े किए!

वहीं, पीएम के इसी कथन के जवाब में अब आम किसानों को समझाने के लिए एक पत्र लिखा गया गया है. जिसमें इन कानूनों को काला क्यों कहा जा रहा है, उसके बारे में विस्तार से समझाया जा रहा है. इस पत्र के माध्यम से वह देशभर के हर जिलों के किसानों को इस कानूनों के नुकसान को समझाएंगे तांकि वह प्रधानमंत्री को जवाब दे सकें. उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा लाये गए तीन काले कानून पूरी तरह किसान विरोधी हैं. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार इन कानूनों को वापस नहीं करती किसान घर वापसी नहीं करेगा.

अल्मोड़ा: केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर लंबे समय से किसान आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन अब किसानों ने आंदोलन को और उग्र करने के लिए देश के हर हिस्से के किसानों को इस आंदोलन से जोड़ने का फैसला लिया है. संयुक्त किसान मोर्चा अब देशभर के किसानों को इन तीन कानूनों के नुकसान के बारे में समझाएगा. जिसको लेकर अल्मोड़ा पहुंचे संयुक्त किसान मोर्चा के गाजीपुर बार्डर प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने कृषि कानूनों की जानकारी को लेकर एक पत्र का विमोचन भी किया.

किसान मोर्चा देशभर के किसानों को समझाएगा कृषि कानूनों के नुकसान.
बता दें कि शानिवार को अल्मोड़ा पहुंचे संयुक्त किसान मोर्चा के गाजीपुर बार्डर प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गए कृषि कानून किसानों के हित में नहीं है. यह सीधे तौर पर कॉर्पोरेट के हित में बनाये गए कानून हैं. इसी को लेकर किसान लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन शर्म की बात यह है कि देश के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री संसद में यह कह रहे हैं, कि किसानों से कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन किसान यह नहीं बता पाए कि इन कृषि कानूनों में आखिर काला क्या है. उन्होंने कहा कि पीएम सरासर आम किसान मजदूरों को गुमराह कर रहे हैं.

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वहीं, पीएम के इसी कथन के जवाब में अब आम किसानों को समझाने के लिए एक पत्र लिखा गया गया है. जिसमें इन कानूनों को काला क्यों कहा जा रहा है, उसके बारे में विस्तार से समझाया जा रहा है. इस पत्र के माध्यम से वह देशभर के हर जिलों के किसानों को इस कानूनों के नुकसान को समझाएंगे तांकि वह प्रधानमंत्री को जवाब दे सकें. उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा लाये गए तीन काले कानून पूरी तरह किसान विरोधी हैं. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार इन कानूनों को वापस नहीं करती किसान घर वापसी नहीं करेगा.

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