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विश्व आपदा न्यूनीकरण दिवस: अब युवा निभाएंगे त्रासदी में बचाव की जिम्मेदारी

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Published : Oct 13, 2019, 10:30 PM IST

विश्व आपदा न्यूनीकरण दिवस के मौके पर प्रदेश में विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन किया गया. इन कार्यशालाओं में विभिन्न कार्यक्रम की शुरुआत कर आपदा से निपटने की जानकारी दी गई.

अब युवा निभाएंगे त्रासदी में बचाव की जिम्मेदारी.

उत्तरकाशी/अल्मोड़ा: विश्व आपदा न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर प्रदेश में कई जगह कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के दौरान युवाओं को विभिन्न आपदा की परिस्थितियों में निपटने की विशेष जानकारी दी गई. वहीं, जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण अल्मोड़ा की ओर से कोसी बैराज में त्वरित बाढ़ के दौरान खोज-बचाव तकनीक का प्रदर्शन किया गया. इसमें लोगों को बाढ़ के दौरान खोज-बचाव के बारे में बताया गया.

अब युवा निभाएंगे त्रासदी में बचाव की जिम्मेदारी.

उत्तरकाशी
रेडक्रॉस सोसायटी के प्रदेश समन्वयक डॉ. शम्भू प्रसाद नौटियाल के निर्देशन में विश्व आपदा न्यूनीकरण दिवस पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में युवाओं को आपदा के दौरान की जाने वाली मदद और विभिन्न परिस्थितियों से निपटने की जानकारी दी गई. साथ ही इस पर विचार किया गया कि क्या आपदा से ढांचागत सुविधाओं को सही करके बचा जा सकता है.

डॉ. शम्भू प्रसाद नौटियाल ने बताया कि उनकी सोसायटी का प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को इससे जोड़ा जाए, जिससे वो किसी भी आपदा के दौरान जान बचाने या अन्य मदद देने में सहायक साबित हो सके.

कार्यशाला में रेड क्रॉस सोसायटी के आजीवन सदस्य और विशेषज्ञ कमलेश गुरुरानी ने बताया कि आज सबसे ज्यादा जनहानि पहाड़ों में आपदा के कारण जाती हैं. उसका मुख्य कारण संचार का सही समय पर न पहुंच पाना.

ये भी पढ़ें: त्योहारी सीजन के चलते ऑटो सेक्टर में उछाल की उम्मीद, ग्राहकों के लिए कई ऑफर

अल्मोड़ा

अंतरराष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण अल्मोड़ा की ओर से कोसी बैराज में त्वरित बाढ़ के दौरान खोज-बचाव तकनीक का प्रदर्शन किया गया. इस दौरान लोगों को बाढ़ के दौरान खोज-बचाव के बारे में बताया गया. इसके अलावा जागेश्वर में विभिन्न जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें मिनी मैराथन और पेटिंग प्रतियोगिताएं सम्मिलित हैं. इन प्रतियोगिताओं में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया.

जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी राकेश जोशी ने बताया कि कोसी नदी में आयोजित लोगों को आपदा के दौरान सुरक्षा और बचाव संबंधी जानकारी दी गई. आपदाएं अचानक घटित होने वाली घटनायें होती हैं. इससे धन और मानव हानि के साथ ही व्यापक नुकसान होता है. हमें इसके बचाव के उपाय को खोजना चाहिए, जिससे इसके प्रभावों को कम किया जा सके.

उत्तरकाशी/अल्मोड़ा: विश्व आपदा न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर प्रदेश में कई जगह कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के दौरान युवाओं को विभिन्न आपदा की परिस्थितियों में निपटने की विशेष जानकारी दी गई. वहीं, जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण अल्मोड़ा की ओर से कोसी बैराज में त्वरित बाढ़ के दौरान खोज-बचाव तकनीक का प्रदर्शन किया गया. इसमें लोगों को बाढ़ के दौरान खोज-बचाव के बारे में बताया गया.

अब युवा निभाएंगे त्रासदी में बचाव की जिम्मेदारी.

उत्तरकाशी
रेडक्रॉस सोसायटी के प्रदेश समन्वयक डॉ. शम्भू प्रसाद नौटियाल के निर्देशन में विश्व आपदा न्यूनीकरण दिवस पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में युवाओं को आपदा के दौरान की जाने वाली मदद और विभिन्न परिस्थितियों से निपटने की जानकारी दी गई. साथ ही इस पर विचार किया गया कि क्या आपदा से ढांचागत सुविधाओं को सही करके बचा जा सकता है.

डॉ. शम्भू प्रसाद नौटियाल ने बताया कि उनकी सोसायटी का प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को इससे जोड़ा जाए, जिससे वो किसी भी आपदा के दौरान जान बचाने या अन्य मदद देने में सहायक साबित हो सके.

कार्यशाला में रेड क्रॉस सोसायटी के आजीवन सदस्य और विशेषज्ञ कमलेश गुरुरानी ने बताया कि आज सबसे ज्यादा जनहानि पहाड़ों में आपदा के कारण जाती हैं. उसका मुख्य कारण संचार का सही समय पर न पहुंच पाना.

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अल्मोड़ा

अंतरराष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण अल्मोड़ा की ओर से कोसी बैराज में त्वरित बाढ़ के दौरान खोज-बचाव तकनीक का प्रदर्शन किया गया. इस दौरान लोगों को बाढ़ के दौरान खोज-बचाव के बारे में बताया गया. इसके अलावा जागेश्वर में विभिन्न जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें मिनी मैराथन और पेटिंग प्रतियोगिताएं सम्मिलित हैं. इन प्रतियोगिताओं में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया.

जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी राकेश जोशी ने बताया कि कोसी नदी में आयोजित लोगों को आपदा के दौरान सुरक्षा और बचाव संबंधी जानकारी दी गई. आपदाएं अचानक घटित होने वाली घटनायें होती हैं. इससे धन और मानव हानि के साथ ही व्यापक नुकसान होता है. हमें इसके बचाव के उपाय को खोजना चाहिए, जिससे इसके प्रभावों को कम किया जा सके.

Intro:उत्तरकाशी। विश्व आपदा न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर यूथ रेडक्रॉस सोसायटी की और से कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें युवाओं को आपदा के दौरान की जाने वाली मदद जैसे कि फर्स्ट एड सहित विभिन्न परिस्थितियों में किसी की जान को कैसे बचाया जा सकता है। इन सब पर युवाओं को एक्सपर्ट ने विशेष जानकारी दी। साथ ही इस पर विचार किया गया कि क्या आपदा से ढांचागत सुविधाओ को सही करके बचा जा सकता है। साथ ही युवाओं को अधिक से अधिक इन कार्यों से जोड़ा जा सकता है। Body:वीओ-1, रेडक्रॉस सोसायटी के प्रदेश समन्वयक डॉ शम्भू प्रसाद नौटियाल के निर्देशन में विश्व आपदा न्यूनीकरण दिवस पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें स्लाइड शो के माध्यम से युवाओं को बताया गया कि किस प्रकार से अचानक आने वाली आपदा से बचा जा सकता है या उसके बाद कैसे संसाधनों को मैनेज किया जा सकता है। डॉ शम्भू प्रसाद नौटियाल ने बताया कि उनकी सोसायटी का प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को इससे जोड़ा जाए। जिससे कि वह किसी भी आपदा के दौरान किसी की जान बचाने या अन्य मदद देने में सहायक साबित हो। Conclusion:वीओ-2, कार्यशाला में रेड क्रॉस सोसायटी के आजीवन सदस्य और विशेषज्ञ कमलेश गुरुरानी ने कहा कि आज सबसे ज्यादा जाने जो पहाड़ो में आपदा के कारण जाती हैं। उसका मुख्य कारण है संचार का सही समय पर न पहुंच पाना। साथ ही जो कि हमारी मूलभूत सुविधाएं हैं जैसे कि स्वास्थ, शिक्षा आदि। इस स्थानों को ऐसी जगहों पर बनाना चाहिए। जहां पर किसी भी प्रकार की आपदा से कम से कम नुकसान हो। बाईट- शम्भू प्रसाद नौटियाल,प्रदेश समन्वयक रेडक्रॉस सोसायटी।
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