अल्मोड़ा/देहरादून: उत्तराखंड में संकट बनकर आई बारिश आपदा के निशान छोड़ चुकी है. दर्जनों जिंदगी लीलने के साथ लोगों को उम्र भर के जख्म भी दे दिए हैं. सड़क से लेकर घरों तक में लोग फंसे रहे और उनका आशियाना बिखरता चला गया.
एक तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार आपादा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत पंजाब प्रभारी के पद से मुक्त होते ही मैदान में कूद पड़े हैं. हरीश रावत अल्मोड़ा के आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं और लोगों का दुख-दर्द बांटते रहे हैं.
हरीश रावत ने अल्मोड़ा हीरा डूंगरी के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया और घटना में बारिश के दौरान हुए घटनाक्रम का संज्ञान लिया एवं आपदा में मृत लोगों के परिजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की है. इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि 'हमारे पूरे कांग्रेस परिवार की संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपनों को खोया है. आपदा के इस समय पर हम जनता के साथ हैं और प्रभावित लोगों को हर संभव मदद उपलब्ध करा रहे हैं'.
मुआवजा राशि को लेकर रार: पूर्व सीएम हरीश रावत ने प्रदेश की धामी सरकार को आपदा राहत में पूरी तरह से विफल बताया है. साथ ही चेतावनी दी है अगर पांच दिन के भीतर आपदा पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिला तो वे उपवास पर बैठेंगे. इस दौरान हरीश रावत ने मुआवजा राशि बढ़ाने को लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि 'काश 2015 में जब मैंने आपदा के मानकों को रिवाइज किया था तो उस समय भवन क्षति के स्थिति में कम से कम 3 लाख रुपए राशि होनी चाहिए थी. पर्वतीय क्षेत्र में 3 लाख रुपए और मैदानी क्षेत्र में 2 लाख से ढाई लाख रुपए के बीच होना चाहिए था.
आज मैं जहां भी जा रहा हूं, वहां लोगों की क्षति और क्षति के मुकाबले दी जा रही राशि की न्यूनता को देखकर बहुत दु:खी हूं. मानव क्षति पर हमने राशि बढा़कर 5 लाख रुपए की थी. हमने गृह सामग्री से लेकर के घर की मिट्टी, जमीन की मिट्टी, फसलों आदि के सारे मानक बढ़ाये थे, ताकि लोगों को अच्छा मुआवजा मिल सके. लेकिन, मैं समझता हूं ये मुआवजा राशि को बढ़ाना एक अधूरा काम है हमारा. जिसको आगे कांग्रेस पूरा करे, इस हेतु मैं अपने साथियों से बातचीत करूंगा'
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इससे पहले शुक्रवार को हरीश रावत ने नैनीताल और रामगढ़ समेत आसपास के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान हरीश रावत ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि आपदा की दृष्टि से सरकार की संवेदनशीलता शून्य है. जिस समय उत्तराखंड में आपदा आई थी उस समय सरकार के मंत्री हेलीकॉप्टर से हवाई सर्वे करने का इंतजार कर रहे थे. हरीश रावत ने कहा कि अगर राज्य सरकार 10 दिन के भीतर आपदाग्रस्त क्षेत्र में युद्ध स्तर पर कार्य नहीं करती है तो कांग्रेस प्रदेश भर में एक दिन का उपवास रखेगी और उसके बाद प्रदर्शन करेगी.