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ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भर हो रही महिलाएं, सहकारिता समूह से खुल रहे रोजगार के 'द्वार'

Eighth annual meeting organized Almora अल्मोड़ा में आठवीं वार्षिक सभा आयोजित की गई, जिसमें ज्यादा व्यापार करने वाले समूहों को लाभांश चेक व पुरुस्कार देकर सम्मानित किया गया है. सहकारिता समूह के जरिए ग्रामीण स्तर पर रोजगार दिलाकर पलायन रोकने का प्रयास किया जा रहा है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 20, 2023, 10:32 PM IST

Updated : Sep 20, 2023, 10:53 PM IST

ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भर हो रही महिलाएं

अल्मोड़ा: पहाड़ी उत्पादों के विपणन से समूह सदस्यों की आजीविका बढे़ और ग्रामीण स्तर पर रोजगार दिलाकर पलायन को रोकने के प्रयास के तहत जिले में सहकारिता समूहों को बनाकर रोजगार से जोड़ा जा रहा है. ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के तहत फलसीमी की संगम आजीविका स्वागत सहकारिता ने पिछले एक वर्ष में 15 लाख रुपये का टर्नओवर किया है, जो अन्य समूहों के लिए भी प्रेरणा बना है. आठवीं वार्षिक सभा में सहकारिता समूह के सदस्यों को लाभांश भी वितरित किया गया.

Eighth annual meeting organized Almora
अल्मोड़ा में आठवीं वार्षिक बैठक में अधिक व्यवसाय करने वाले समूह सम्मानित

पहाड़ी उत्पादों को बना रहा समूह: सहकारिता अध्यक्ष मंजू बिष्ट ने बताया कि सहकारिता की ओर से वर्ष 2022-2023 में 15,75,240 रुपए का टर्नओवर किया गया है. जिसमें से 1,33,935 रुपये का लाभ अर्जित हुआ है. सहकारिता द्वारा 8 वर्षों में करीब एक करोड़ रुपये (1,18,21,406 रुपये) का व्यापार किया गया है. उन्होंने कहा कि वह वर्ष 2015 से समूह से जुडे़ हैं. जिनमें 60 महिला और 4 पुरुष समूह हैं. जिसमें 643 समूह सहकारिता सदस्य हैं. समूह की ओर से पहाड़ी उत्पादों को बनाया जाता है और पैकेजिंग कर उन्हें बाजार में बेचा जाता है.

CM धामी ने राखियों के दिए थे आर्डर: सहकारिता समन्वयक रिंकी बिष्ट ने बताया कि सहकारिता के उत्पादक समूहों की ओर से स्थानीय उत्पादों का कार्य भी किया जा रहा है. जिसमें पहले भी 60 समूहों की महिलाओं की ओर से बनाई गए ऐपण राखी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सराहा और 500 राखियां का आर्डर भी दिया था. उन्होंने बताया कि अब समूह की महिलाएं करवा चौथ पर्व के लिए बड़ी थालियां, छन्नी और पूजा सामग्री के सेट तैयार करने में जुट गई हैं.

उद्यम स्थापित करने के लिए किया जा रहा प्रेरित: ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के सहायक प्रबंधक संदीप सिंह ने बताया कि आजीविका की ओर से सहकारिता गठित की गई थी. जिसके द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है. अच्छा कार्य करने वाले समूहों को लाभांश दिया जाता है. इसका उद्देश्य समूहों को सशक्त करना है. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराकर पलायन को रोकने के लिए परियोजना की ओर से कार्य किया जा रहा है. साथ ही समूह स्तर पर उद्यम स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: मंत्री धन सिंह ने ग्रामीण महिलाओं को बांटी घसियारी किट, सहकारिता समूह को दिया 5 लाख का चेक

यह समूह हुए सम्मानित: अत्यधिक व्यवसाय करने वाले समूहों को लाभांश चेक व पुरुस्कार देकर सम्मानित किया गया. जिसमें रोशनी उत्पादक समूह फलसीमा को प्रथम पुरस्कार, चांद उत्पादक समूह बिंतोला को दूसरा और उजाला उत्पादक समूह बिंतोला को तीसरा पुरस्कार दिया गया. सहकारिता के साथ व्यापार करने वाले सभी समूहों को उनके व्यवसाय के आधार पर दो प्रतिशत का लाभांश दिया गया. सहकारिता की ओर से इस वर्ष समूह को कुल 25215 रूपये का लाभांश वितरित किया गया.

ये भी पढ़ें: सोमेश्वर: ग्रामीण स्वरोजगार मिशन के तहत महिलाओं ने लिया प्रशिक्षण

ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भर हो रही महिलाएं

अल्मोड़ा: पहाड़ी उत्पादों के विपणन से समूह सदस्यों की आजीविका बढे़ और ग्रामीण स्तर पर रोजगार दिलाकर पलायन को रोकने के प्रयास के तहत जिले में सहकारिता समूहों को बनाकर रोजगार से जोड़ा जा रहा है. ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के तहत फलसीमी की संगम आजीविका स्वागत सहकारिता ने पिछले एक वर्ष में 15 लाख रुपये का टर्नओवर किया है, जो अन्य समूहों के लिए भी प्रेरणा बना है. आठवीं वार्षिक सभा में सहकारिता समूह के सदस्यों को लाभांश भी वितरित किया गया.

Eighth annual meeting organized Almora
अल्मोड़ा में आठवीं वार्षिक बैठक में अधिक व्यवसाय करने वाले समूह सम्मानित

पहाड़ी उत्पादों को बना रहा समूह: सहकारिता अध्यक्ष मंजू बिष्ट ने बताया कि सहकारिता की ओर से वर्ष 2022-2023 में 15,75,240 रुपए का टर्नओवर किया गया है. जिसमें से 1,33,935 रुपये का लाभ अर्जित हुआ है. सहकारिता द्वारा 8 वर्षों में करीब एक करोड़ रुपये (1,18,21,406 रुपये) का व्यापार किया गया है. उन्होंने कहा कि वह वर्ष 2015 से समूह से जुडे़ हैं. जिनमें 60 महिला और 4 पुरुष समूह हैं. जिसमें 643 समूह सहकारिता सदस्य हैं. समूह की ओर से पहाड़ी उत्पादों को बनाया जाता है और पैकेजिंग कर उन्हें बाजार में बेचा जाता है.

CM धामी ने राखियों के दिए थे आर्डर: सहकारिता समन्वयक रिंकी बिष्ट ने बताया कि सहकारिता के उत्पादक समूहों की ओर से स्थानीय उत्पादों का कार्य भी किया जा रहा है. जिसमें पहले भी 60 समूहों की महिलाओं की ओर से बनाई गए ऐपण राखी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सराहा और 500 राखियां का आर्डर भी दिया था. उन्होंने बताया कि अब समूह की महिलाएं करवा चौथ पर्व के लिए बड़ी थालियां, छन्नी और पूजा सामग्री के सेट तैयार करने में जुट गई हैं.

उद्यम स्थापित करने के लिए किया जा रहा प्रेरित: ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के सहायक प्रबंधक संदीप सिंह ने बताया कि आजीविका की ओर से सहकारिता गठित की गई थी. जिसके द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है. अच्छा कार्य करने वाले समूहों को लाभांश दिया जाता है. इसका उद्देश्य समूहों को सशक्त करना है. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराकर पलायन को रोकने के लिए परियोजना की ओर से कार्य किया जा रहा है. साथ ही समूह स्तर पर उद्यम स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.

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यह समूह हुए सम्मानित: अत्यधिक व्यवसाय करने वाले समूहों को लाभांश चेक व पुरुस्कार देकर सम्मानित किया गया. जिसमें रोशनी उत्पादक समूह फलसीमा को प्रथम पुरस्कार, चांद उत्पादक समूह बिंतोला को दूसरा और उजाला उत्पादक समूह बिंतोला को तीसरा पुरस्कार दिया गया. सहकारिता के साथ व्यापार करने वाले सभी समूहों को उनके व्यवसाय के आधार पर दो प्रतिशत का लाभांश दिया गया. सहकारिता की ओर से इस वर्ष समूह को कुल 25215 रूपये का लाभांश वितरित किया गया.

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Last Updated : Sep 20, 2023, 10:53 PM IST
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